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28 December 2023

कौन हैं पश्चिम बंगाल के नए डीजीपी राजीव कुमार, जिनपर है ममता बनर्जी का फोन टैप करने का आरोप!

पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार ने 27 दिसंबर 2023 को कुमार को राज्य का पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) नियुक्त किया। कुमार (57) फिलहाल सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में प्रधान सचिव हैं। उन्हें बनर्जी का करीबी माना जाता है तथा वह अपने जांच और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी कौशल के लिए जाने जाते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के पसंदीदा अधिकारी रहे कुमार का करियर विवादों और प्रशंसा दोनों से जुड़ा रहा है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1989 बैच के अधिकारी कुमार के पास आईआईटी रूड़की से इंजीनियरिंग की डिग्री है। वह कोलकाता पुलिस के आयुक्त, संयुक्त आयुक्त (विशेष कार्य बल) और महानिदेशक (सीआईडी) जैसे प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं। उनके नेतृत्व में, कोलकाता पुलिस के एसटीएफ की माओवादियों के खिलाफ उसके अभियानों के लिए काफी चर्चा हुई थी।

उन्होंने लालगढ़ आंदोलन के एक महत्वपूर्ण व्यक्ति छत्रधर महतो को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उत्तर प्रदेश के मूल निवासी कुमार को 2009 में एसटीएफ प्रमुख के तौर पर कार्य करते हुए टीएमसी के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय के आरोपों का सामना करना पड़ा था। रॉय ने उन पर वाम मोर्चा सरकार के कहने पर तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी का फोन टैप करने का आरोप लगाया था। वर्ष 2011 में, जब ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी वाम मोर्चे को हराकर सत्ता में आई, तो कुमार को एक कम महत्वपूर्ण पद पर स्थानांतरित करने का प्रयास किया गया, लेकिन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इस कदम को रोकने के लिए हस्तक्षेप किया।

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वर्ष 2012 में, जब बिधाननगर पुलिस आयुक्तालय की स्थापना हुई, तो कुमार इसके पहले आयुक्त बने। वर्ष 2013 में, जब शारदा चिटफंड घोटाला सामने आया और टीएमसी सरकार भारी दबाव में थी, कुमार ने शारदा समूह के अध्यक्ष सुदीप्त सेन और साझेदार देबजानी मुखर्जी को कश्मीर से गिरफ्तार कर लिया। कुमार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व किया और सत्तारूढ़ सरकार से उनकी निकटता के चलते उनकी प्रशंसा और आलोचना दोनों हुई।

नवंबर 2013 में, तब बगावती तेवर दिखा रहे टीएमसी सांसद कुणाल घोष को एसआईटी ने गिरफ्तार किया था। वह वर्तमान में पार्टी प्रवक्ता हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान की याचिका पर मई 2014 में उच्चतम न्यायालय ने चिटफंड घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। कुमार को फरवरी 2016 में कोलकाता का 21वां पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया।

वर्ष 2016 के विधानसभा चुनावों के दौरान, निर्वाचन आयोग ने उन्हें पद से स्थानांतरित करने का फैसला किया, लेकिन लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटने के बाद ममता बनर्जी ने उन्हें बहाल कर दिया। 

तीन फरवरी 2019 को जब सीबीआई की टीम घोटाले से संबंध में पूछताछ करने के लिए कुमार के घर गई थी तो उसे रोका गया और मुख्यमंत्री बनर्जी भाजपा नीत केंद्र सरकार पर विपक्ष के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गई थीं। कुमार उस वक्त कोलकाता के पुलिस आयुक्त थे। अदालत के आदेश के बाद, शारदा मामले की जांच के संबंध में मेघालय के शिलांग में सीबीआई ने उनसे पूछताछ की।

 
 
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TAGS: Rajiv Kumar, DGP of west bengal rajiv kumar, DGP of west bengal, TMC, Mamata banerjee, West Bengal Police
OUTLOOK 28 December, 2023
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