Advertisement
08 January 2024

कौन हैं वृंदा ग्रोवर, जिन्होंने कोर्ट में बिलकिस बानो का लड़ा केस और दिलाया इंसाफ?

सोशल मीडिया

बिलकिस बानो को आखिरकार न्याय मिल गया! सामूहिक बलात्कार और परिवार के सात सदस्यों की हत्या मामले में सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने 11 दोषियों को माफी देने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने दोषियों को दो सप्ताह के भीतर जेल अधिकारियों को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया। बिलकिस बानो केस में याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील सीनियर वकील वृंदा ग्रोवर ने रखी थी। उन्होंने भी इस फैसले का स्वागत किया। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर वृंदा ग्रोवर कौन हैं जिन्होंने दिलाया पीड़ित बिलकिस बानों को न्याय?

वृंदा ग्रोवर भारत की एक प्रतिष्ठित वकील, रिसर्चर और मानवाधिकार और महिला अधिकार कार्यकर्ता हैं। एक वकील के रूप में, वह प्रमुख मानवाधिकार मामलों में दिखाई दी हैं और घरेलू और यौन हिंसा से बचे महिलाओं और बच्चों का प्रतिनिधित्व किया है, जिसे यूएन ने भी काफी सराहा है। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री हासिल की और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। टाइम पत्रिका ने उन्हें 2013 में दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था।

जुलाई में एडवोकेट वृंदा ग्रोवर को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के अध्यक्ष वेक्लाव बालेक (चेकिया) द्वारा यूक्रेन पर स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय जांच आयोग के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। काउंसिल ने यौन उत्पीड़न, यातना, गैर-न्यायिक हत्याएं, सांप्रदायिक नरसंहार, जबरन गायब करने और मॉब लिंचिंग से संबंधित मामलों में अदालतों में एडवोकेट ग्रोवर द्वारा किए गए अथक योगदान पर प्रकाश डाला। काउंसिल ने पत्रकारों, मानवाधिकार वकीलों और मौत की सजा पाए कैदियों की सुरक्षा के लिए वृंदा ग्रोवर द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की थी।

Advertisement

बता दें कि जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जवल भुईयां की बेंच ने दोषियों की सजा माफी को लेकर दिया गया गुजरात सरकार का आदेश रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजरात सरकार फैसला लेने के लिए उचित सरकार नहीं है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट का 2022 का फैसला भी रद्द हो गया है। इसमें गुजरात सरकार को उचित सरकार बताया गया था और साथ ही कहा गया था कि 1992 की नीति पर विचार करें। दोषियों की रिहाई के लिए गुजरात सरकार सक्षम नहीं है। रिहाई देने में महाराष्ट्र सरकार सक्षम सरकार है। कोर्ट ने सभी 11 दोषियों को दो हफ्ते में सरेंडर करने के लिए कहा है। साथ ही साथ कोर्ट का कहना है कि कानून का शासन कायम रहना चाहिए।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Bilkis bano case, what is bilkis bano case, Supreme court on Bilkul bano case, Vrinda Grover, who is advocate vrinda grover
OUTLOOK 08 January, 2024
Advertisement