चीन में फैल रही 'रहस्यमय' बीमारी से भारत अलर्ट, हरियाणा के बाद केरल ने उठाया ये कदम
गौरतलब है कि भारत सरकार ने भी इससे बचने उपाय करना शुरू कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को इसके लिए सलाह जारी कर दी है। चीन में निमोनिया के प्रकोप के जवाब में कई भारतीय राज्य अपनी चिकित्सा सुविधाओं का नवीनीकरण कर रहे हैं। उत्तराखंड की मेडिकल टीमों को बच्चों में इन्फ्लूएंजा और निमोनिया के लक्षणों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। चीन में बच्चों में सांस की बीमारियों में वृद्धि की रिपोर्ट के जवाब में, कर्नाटक सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे को अलर्ट पर रखा है। गुजरात सरकार ने भी एक परिपत्र जारी कर सभी अस्पतालों को सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया है। तमिलनाडु सरकार ने भी अपने अस्पतालों के लिए अलर्ट जारी किया है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा हर हफ्ते बुखार शिविर आयोजित किए जाते हैं। जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, सावधानी बरतने की जरूरत है और घबराने की जरूरत नहीं है।
बता दें कि चीन बच्चों में निमोनिया सहित श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि से जूझ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पिछले हफ्ते कहा था कि अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में बढ़ोतरी के पीछे किसी नए रोगज़नक़ के बजाय सामान्य शीतकालीन संक्रमण हैं। इस सर्दी में देश में संक्रमण बढ़ने की आशंका थी। महामारी विज्ञानियों का कहना है कि चीन में निमोनिया का उच्च प्रसार असामान्य है। जब अन्य देशों में COVID-19 प्रतिबंधों में ढील दी गई, तो इन्फ्लूएंजा और रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) के कारण बीमारी में सबसे अधिक वृद्धि हुई। WHO ने पिछले सप्ताह चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों से प्रयोगशाला के परिणामों और श्वसन संबंधी बीमारियों के प्रसार के हालिया रुझानों पर डेटा सहित जानकारी का अनुरोध किया था। इसके बाद मीडिया और उभरते रोगों की निगरानी के लिए कार्यक्रम इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर इंफेक्शियस डिजीज द्वारा संचालित एक सार्वजनिक रूप से उपलब्ध प्रणाली "अनियंत्रित निमोनिया" के समूहों के बारे में रिपोर्ट आई है।