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13 July 2024

जल्द सुलझ जाएगा अरुणाचल-असम सीमा विवाद? जांच के लिए छह समितियों का पुनर्गठन

अरुणाचल प्रदेश सरकार ने असम के साथ सीमा विवाद की मौजूदा स्थिति की जांच के लिए छह क्षेत्रीय समितियों का पुनर्गठन किया है। गृह और अंतरराज्यीय सीमा मामलों के विभाग ने बृहस्पतिवार को जारी एक अधिसूचना में कहा है कि क्षेत्रीय समितियों के लिए संदर्भ की शर्तें (टीओआर) एक जून 2022 को जारी मूल अधिसूचना में निर्धारित प्रावधानों द्वारा शासित होंगी।

राज्य के छह जिलों पक्के केसांग, पापुम पारे, कामले, लोअर सियांग, लोअर दिबांग घाटी और लोंगडिंग में असम के साथ सीमा विवाद अब भी बना हुआ है। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बियुराम वाहगे को पक्के केसांग जिले के लिए समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है, जिसमें उपायुक्त (डीसी) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) सदस्य होंगे।

पापुम पारे जिले के लिए भूमि प्रबंधन मंत्री बालो राजा को अध्यक्ष, राज्यसभा सांसद नबाम रेबिया, दोईमुख विधायक नबाम विवेक, पापुम पारे के डीसी और एसपी को सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। कानून विधायी और न्याय मंत्री केंटो जिनी को लोअर सियांग जिले के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है, वाणिज्य और उद्योग मंत्री न्यातो डुकम कामले जिला क्षेत्रीय समिति के अध्यक्ष हैं।

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ग्रामीण विकास मंत्री ओजिंग तासिंग और कृषि मंत्री गेब्रियल डी वांगसु को क्रमशः लोअर दिबांग घाटी और लोंगडिंग जिले के लिए अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। अरुणाचल प्रदेश और असम के मुख्यमंत्रियों ने दशकों पुराने सीमा मुद्दे को समाप्त करने के लिए 15 जुलाई 2022 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए और विवादित गांवों की संख्या 123 के बजाय 86 तक ‘सीमित’ करने का निर्णय लिया। असम और अरुणाचल प्रदेश 804.1 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं।

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TAGS: Assam arunachal dispute, Assam arunachal land problem, Hemant biswa sharma, Pema Khandu, BJP
OUTLOOK 13 July, 2024
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