असम और मिजोरम के बीच खत्म होगा सीमा विवाद? दोनों राज्य शुक्रवार को करेंगे सीमा वार्ता
मिजोरम और असम काफी समय से लंबित सीमा विवाद के समाधान के लिए शुक्रवार को मंत्रिस्तरीय वार्ता करेंगे। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि आइजोल में शाम चार बजे एक राजकीय अतिथि गृह में यह बैठक होगी।
उन्होंने बताया मिजोरम के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राज्य के गृह मंत्री के. सपदांगा जबकि असम के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई सीमा सुरक्षा एवं विकास मंत्री अतुल बोरा करेंगे। पिछले साल मिजोरम में मुख्यमंत्री लालदुहोमा के नेतृत्व में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) की सरकार बनने के बाद से दोनों राज्यों के बीच यह पहली सीमा वार्ता होगी।
वार्ता के बाद बोरा और उनकी टीम लालदुहोमा से शिष्टाचार मुलाकात करेगी और फिर शनिवार को गुवाहाटी रवाना हो जाएगी।सीमा विवाद में मिजोरम के तीन जिले-आइजोल, कोलासिब और ममित शामिल हैं, जो असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों के साथ 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं।
यह विवाद औपनिवेशिक काल के दो परिसीमनों- बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (बीईएफआर) के तहत 1875 की अधिसूचना और 1933 के भारतीय मानचित्र सर्वेक्षण से जुड़ा है।
मिजोरम का दावा है कि 1875 की अधिसूचना के अनुसार, इनर लाइन आरक्षित वन क्षेत्र में 509 वर्ग मील का इलाका उसकी सीमा में आता है, जबकि असम 1933 के नक्शे को अपनी संवैधानिक सीमा मानता है। परिणामस्वरूप, आरक्षित वन में कुछ क्षेत्र अब असम के अंतर्गत आते हैं, और 1933 के सीमांकन के तहत कुछ हिस्से मिजोरम की तरफ हैं।
जुलाई 2021 में उस समय संघर्ष बढ़ गया था जब दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच सीमा पर गोलीबारी हुई, जिसके परिणामस्वरूप असम के छह पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई, साथ ही 60 से अधिक लोग घायल हो गए।