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22 April 2015

क्या घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं मोदी

इस बार किसान ने चुपचाप ख़ुदकुशी के बजाए सत्ता की दहलीज जंतर-मंतर पर आकर दम तोडा है। किसान की तकलीफ पर मदद और मुआवजे का मरहम लगाने में नाकाम सरकार और राजनैतिक दलों के लिए ये बड़ी चेतावनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के किसान गजेंद्र की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए ट्विटर संदेश भेजा है। मोदी का कहना है कि देश का मेहनतकश किसान खुद को कभी अकेला न समझे। किसानों के बेहतर कल के लिए हम साथ-साथ हैं। कहना मुश्किल है कि मोदी के इस ट्वीट से कितने किसानों का हौसला बढ़ेगा। मौसम और सरकारी उपेक्षा की मार झेल कितने किसानों के घाव भर पाएंगे? किसी भी कीमत पर भूमि अधिग्रहण कानून लाने की ज़िद्द पर आड़ी मोदी सरकार का रुख क्या अब कुछ बदलेगा? क्या वाकई मोदी का दिल गजेंद्र की मौत से पसीजा है या फिर ये सिर्फ घड़ियाली आंसू हैं। अपनी राय आउटलुक को बताइए

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TAGS: किसान, ख़ुदकुशी, राजस्थान, नरेंद्र मोदी, ट्वीट, बहस, मौसम, फसल बर्बाद
OUTLOOK 22 April, 2015
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