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20 February 2015

कॉरपोरेट हवस से कैसे बचे लोकतंत्र?

आउटलुक

देश की बड़ी व्यापारिक कंपनियां सारे क़ायदे-क़ानूनों को धता बताकर लोकतांत्रिक संस्थाओं को अपने फायदे के लिए मोड़ने में लगी हुई हैं।  

क्या कॉरपोरेट जकड़ हमारे लोकतंत्र को अपना ग्रास बना लेगी?

इस बारे में हम अपने पाठकों की राय जानना चाहते हैं।

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आख़िर कॉरपोरेट हवस से कैसे बचे भारतीय लोकतंत्र? 

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TAGS: कॉरपोरेट हवस, लोकतंत्र, लॉबींग, पेट्रोलियम मंत्रालय, दस्तावेज
OUTLOOK 20 February, 2015
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