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24 March 2015

परीक्षा में नकल को लालू का समर्थन शिक्षा प्रणाली को रसातल में ले जाएगा?

पीटीआइ

 बिहार में शिक्षा व्यवस्‍था वैसे ही गर्त में जा रही है और इस वजह से बिहार की बदनामी भी हो रही है।

दरअसल लालू का कहना था कि परीक्षा भवन में किताब ले जाने की अनुमति मिलने से नहीं पढ़ने वाले छात्र उत्तर भी नहीं तलाश सकते और एक प्रश्न का उत्तर ढूंढ़ने में ही उनका तीन घंटा बर्बाद हो जाएगा तथा अनुत्तीर्ण रह जाएंगे। बिहार में जाति आधारित राजनीति का बोलबाला रहा है और ताजा घटनाक्रम से अब लगता है कि शिक्षा व्यवस्‍था में भी सेंध लगाकर वोट बैंक की राजनीति की जा रही है। आने वाले कुछ महीनों में वहां विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। शायद यही वजह है कि शासन-प्रशासन और शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से लेकर बिहार पुलिस के सिपाही तक या तो परीक्षा में कदाचार को शह दे रहे हैं या फिर इस ओर से आंख मूंदे हुए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि

क्या राजनेताओं द्वारा कदाचार को बढ़ावा देने से छात्रों का साल होने से बच जाएगा और वे भविष्य सुधारने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं पर ज्यादा ध्यान देंगे?

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परीक्षा में कदाचार क्या वोट बैंक की राजनीति को प्रभावित कर पाएगा?

कदाचार के लिए बदनाम बिहार के छात्रों को आला कॉलेजों या शिक्षा संस्‍थानों में नामांकन मिल पाएगा?

नकल से उत्तीर्ण होने वाले छात्र क्या प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो पाएंगे?

प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और इसे मिल रहे राजनीतिक समर्थन को आप किस नजरिये से देखते हैं, अपने विचार इस फोरम पर रख सकते हैं।

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TAGS: Bihar, Education system, cheating, Lalu prasad, Nitish kumar
OUTLOOK 24 March, 2015
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