साम्प्रदायिक और जातिवादी राजनीति हारी- सिसोदिया
जनता आप के साथ क्यों औऱ कैसे हुई
दिल्ली के लोगों ने हमारी 49 दिनों की सरकार देखी। उस दौरान जो हमने कर दिखाया था, वह लोगों को याद रहा। हर व्यक्ति भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहते हैं, एक बेहतर सरकार चाहते हैं और इसीलिए उन्होंने हमारा साथ दिया।
ऐसी बात हो रही थी कि सिर्फ गरीब लोग आपके साथ हैं, लेकिन सबका साथ कैसे मिला
सब लोग शुरू से हमारे साथ थे। आप बताइए भ्रष्टाचार से मुक्ति कौन नहीं चाहता। यह सबकी चाह है।
क्या प्राथमिकता रहेंगी
सुशासन, भ्रष्टाचार से मुक्ति। शिक्षा की स्थिति में सुधार। हम 170 के करीब सरकारी स्कूल खोलेंगे, कॉलेज खोलेंगे ताकि बेहतर और सस्ती शिक्षा मिल सके।
अल्पसंख्यकों का वोट भी तकरीबन पूरा का पूरा आया है
देखिए हर जगह, हर समुदाय के सामने हमने मुद्दे एक ही रखे, भ्रष्टाचार से मुक्ति। हमने मुसलमानों से कहा कि हम आपको भ्रष्टाचार से बचाने आए है। हमने किसी भी समुदाय को दूसरे समुदाय का खौफ दिखा कर वोट नहीं मांगा। हमने सीधे-सीधे मुद्दों की बात की और जनता ने इसे ही चुना।
अफवाहें भी बहुत फैली या फैलाई गईं
हां, ये बहुत बड़ा सकंट रहा। खासतौर पर आखिर के दो-तीन दिनों में, जब भाजपा को यह लगने लगा कि उसका जीतना मुश्किल है तब उन्होंने अफवाहों पर ही जोर रखा। मेरे विधानसभा क्षेत्र पड़पड़गंज में तो उन्होंने न जाने कितनी अफवाहें फैलाई। उन्होंने यह फैलाया कि मैं छठ पूजा रुकवा दूंगा, एक पार्क को कब्रिस्तान को दे दूंगा या संप्रदायवाद, जातिवाद सब फैलाने की कोशिश की, जिसे लोगों ने ठुकरा दिया।
क्या रहेगा फोकस
काम-काम और काम। जो कहा है, उसे कर के दिखाना। बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, इसे निभाना भी बहुत मुश्किल है।