इंटरव्यू/प्रतिभा सिंह : ‘रिवाज नहीं, राज बदलेगा’
“प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ गुस्सा है”
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 के लिए मतदान हो चुका है। अब राज्य के नेताओं की किस्मत का फैसला 8 दिसंबर को होगा। प्रदेश में 12 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में 75.6 फीसदी वोटिंग के साथ पिछला रिकॉर्ड टूट गया। महिला मतदाताओं का मतदान भी पुरुष मतदाताओं की तुलना में 4.5 प्रतिशत अधिक रहा। प्रदेश में भाजपा ‘रिवाज बदलेगा’ की बात कर रही है और कांग्रेस सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है। आउटलुक के अश्विनी शर्मा ने छह बार के मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पत्नी, तीसरी बार सांसद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह से बातचीत की। संपादित अंश:
राज्य में इस बार रिकार्डतोड़ मतदान हुआ है। आप इसे कैसे देखती हैं?
प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ गुस्सा है। जनता का हर तबका-चाहे कर्मचारी हों, पेंशनभोगी हों, युवा हों, किसान हों, सेब उगाने वाले हों, महिलाएं हों या गृहिणी हों सभी नाखुश हैं। लोगों ने इस बार कांग्रेस की वापसी के लिए वोट दिया है।
जानकारों का कहना है कि इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है?
जमीन से जुड़े व्यक्ति के नाते, जिसने हर निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार किया और कई रैलियों को संबोधित किया, मैं कह सकती हूं कि हमें स्पष्ट बहुमत मिल रहा है। मैं आपको बता सकती हूं, रिवाज नहीं, राज बदलेगा।
आप अधिक आश्वस्त नजर आ रही हैं?
हां, मैं हूं। इसके कारण भी है और इतिहास भी है। पिछले 37 वर्षों में हिमाचल प्रदेश में कोई भी मौजूदा सरकार सत्ता में वापस नहीं आई है। केवल यही हमारे पक्ष में नहीं है। भाजपा सरकार सभी मोर्चों पर नाकाम रही है। पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती में भ्रष्टाचार और घोटाला हुआ है। ‘अग्निवीर’ योजना भारतीय सेना में शामिल होने के इच्छुक युवाओं के लिए बड़े झटके के रूप में आई है। फिर बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी भी अन्य मुद्दे हैं।
हिमाचल में भाजपा के लिए सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा क्या है?
पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) सबसे बड़ा मुद्दा है क्योंकि हमारे पास सरकारी नौकरियों में बड़ी संख्या में लोग हैं। इसलिए, हमने ओपीएस की बहाली का वादा किया है।
भाजपा का कहना है कि कांग्रेस ने ओपीएस पर कर्मचारियों को मूर्ख बनाया है। बिना केंद्र की मदद के यह नहीं हो सकता?
उन्हें ऐसा कहने दो। चुनाव परिणाम बताएगा कि कौन लोगों को बेवकूफ बना रहा है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारों ने पहले ही इसे शुरू कर दिया है। हमने कर्मचारियों से कहा है कि ओपीएस पर फैसला नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा।
महिला मतदाताओं के अधिक मतदान को कैसे देखती हैं?
बहुत उत्साहजनक है। यह दो कारणों से हमारे पक्ष में जा रहा है। पहला है महंगाई क्योंकि महंगाई से सबसे ज्यादा प्रभावित वर्ग महिलाओं का ही है। साथ ही, मुझे लगता है कि महिलाओं को 1500 रुपये हर महीने देने के कांग्रेस के वादे का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
आपको नहीं लगता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुनाव में बड़े फैक्टर थे?
आठ साल में मोदी जी ने प्रदेश को क्या दिया? राज्य का कर्ज लगभग 80,000 करोड़ रुपये है। मैं पूछती हूं, उन्होंने हमें एक विशेष बेल-आउट पैकेज तक नहीं दिया? वह राज्य को अपना दूसरा घर कहते हैं, लेकिन कुछ देते नहीं हैं। तब ऐसे तथाकथित डबल इंजन का क्या उपयोग है? हम प्रदेश में चल रही बहुत सारी महती परियोजनाओं के लिए डॉ. मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के आभारी हैं। जब भी वीरभद्र सिंह जी ने प्रदेश के विकास के लिए उनसे संपर्क किया, तो उन्होंने कुछ भी देने से कभी इनकार नहीं किया।
वीरभद्र सिंह की कमी आपको खलती है?
जी, बिल्कुल खलती है। आखिर क्यों नहीं खलेगी। मैंने उन्हें बहुत याद किया। इसलिए ही तो मैं पार्टी में हूं न। अगर आज वे जीवित होते तो चुनाव बहुत अलग और पूरी तरह से एकतरफा होता। यह कांग्रेस पार्टी के लिए भी और व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए बड़ी क्षति है। जिस तरह से वे चीजों को व्यवस्थित करते थे, अभियान का नेतृत्व करते थे और लोगों से जुड़ते थे, वह अद्भुत था। फिर भी, मैं राज्य के लोगों को धन्यवाद देती हूं, जो उन्हें इतना प्यार करते हैं। प्रदेश में कांग्रेस की जीत उन्हें श्रद्धांजलि होगी। वे लोगों के दिलों में रहते हैं।
पार्टी ने अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। अगर कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो आप इस मुद्दे को कैसे सुलझाएंगी?
8 दिसंबर को नतीजे आने के बाद एआइसीसी इस पर फैसला लेगी। वे निर्वाचित विधायकों की इच्छा को नजरअंदाज नहीं कर सकते। हाइकमान पर मुझे पूरा विश्वास है कि सामूहिक विचार और विधायकों की इच्छाओं का सम्मान करेगा।
पार्टी राज्य में शासन का कौन-सा मॉडल पेश करेगी?
हम एक कुशल, पारदर्शी और उत्तरदायी सरकार प्रदान करने की प्रतिज्ञा करते हैं। फिजूलखर्ची में कटौती करने का प्रयास करेंगे। राज्य के संसाधन जुटाने का प्रयास किया जाएगा। पर्यटन ऐसा क्षेत्र है जो अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने को प्राथमिकता देगा। यह सैकड़ों रोजगार के अवसर पैदा करेगा। मूल रूप से, हम सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध शासन के वीरभद्र सिंह मॉडल की पेशकश करेंगे।
राज्य वित्तीय सहायता और मदद के लिए काफी हद तक केंद्र पर निर्भर है। अगर कांग्रेस प्रदेश में सरकार बनाती है, तो समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा?
हम अपनी लड़ाई लड़ेंगे। केंद्र का कर्तव्य है कि वह सत्ता में किसी भी दल की परवाह किए बिना राज्यों का समर्थन करे। यही हमारी संघीय व्यवस्था की खूबसूरती है। राज्य को केंद्र से अपने उचित दावों को प्राप्त करने का अधिकार है।
लेकिन, अगर भाजपा सत्ता में वापस आती है?
सवाल ही नहीं है। कांग्रेस सत्ता में आ रही है।