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28 March 2021

आयुर्वेद/इंटरव्यू: आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा बोले- "स्वास्थ्य चिकित्सा जटिल है, इसका ज्ञान लगातार बढ़ रहा है"

file photo

कितने अध्ययन/क्लीनिकल ट्रॉयल किए गए?

विभिन्न पद्धतियों के आधार पर आयुर्वेद में 61, होम्योपैथी में 26, सिद्धा में 12, यूनानी में 8, योग और प्राकृतिक चिकित्सा में 13 अध्ययन किए गए। कोविड-19 की रोकथाम में अंतरिम रुझान काफी उत्साहजनक हैं। अब तक कोविड-19 के अध्ययन पर 40 दस्तावेज तैयार किए गए हैं।

कितने अस्पतालों ने कोविड मरीजों का इलाज किया?

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अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने एक क्लीनिकल प्रोजेक्ट/ अध्ययन किया। इसमें दिल्ली के पुलिसकर्मियों की रोग प्रतिरोधी क्षमता में सुधार के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल किया गया। यह अध्ययन 80 हजार पुलिसकर्मियों पर किया गया। उसके नतीजे काफी उत्साहवर्धक हैं।

भारत में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में रिसर्च कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए क्या पहल की गई है?

वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिकों को भरोसा दिलाने के लिए ठोस सबूत देना बेहद महत्वपूर्ण है। हमारी अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय संस्थान उसी दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं। गैर-संचारी और अन्य रोगों पर ध्यान केंद्रित करके अगले पांच वर्षों के लिए अल्पकालिक और दस वर्षों के लिए दीर्घकालिक लक्ष्य के साथ विजन डॉक्यूमेंट प्रकाशित किया गया है।

पारंपरिक चिकित्सा के विकास में क्या चुनौतियां हैं?

स्वास्थ्य बेहद जटिल विषय है, इसके प्रति हमारी समझ अभी तक विकसित हो रही है। एक दशक पहले जो मानक थे, आज प्रासंगिक नहीं हो सकते हैं, इसलिए आधुनिक चिकित्सा के मानकों पर विकास की बात करना सही नहीं है।

पारंपरिक चिकित्सा के अध्ययन की डिजाइन में कई चुनौतियां हैं, जो अध्ययन की गुणवत्ता पर असर डाल सकती है। ऐसे में यह जरूरी है कि न्यूनतम फर्क के साथ ऐसी वजहों पर गौर किया जाए, जो अध्ययन को लाभदायक बना सकें। दवाएं जिन जड़ी-बूटियों से बनाई जाती हैं, उनकी गुणवत्ता, मिट्टी की गुणवत्ता में मौसम की अहम भूमिका होती है। इसके अलावा भौगोलिक क्षेत्र का फर्क भी अहम है।

पारंपरिक चिकित्सा में क्लीनिकल रिसर्च के लिए रैंडमाइज्ड कंट्रोल्ड ट्रायल (आरसीटी) को सबसे अच्छा मानक माना जाता है। लेकिन उसकी भी सीमाएं हैं क्योंकि पारंपरिक दवा के क्लीनिकल परिणाम को आंकने के लिए दूसरे संदर्भ भी मायने रखते हैं। इसके अलावा आयुर्वेद जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जर्नल भी सीमित हैं।

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TAGS: आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, आयुर्वेद, स्वास्थ्य चिकित्सा, पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में रिसर्च, होम्योपैथी, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, AYUSH Secretary Vaidya Rajesh Kotecha, Ayurveda, Health Medicine, Research in Traditional Medicine, Homeopathy, All Ind
OUTLOOK 28 March, 2021
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