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08 March 2023

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेष। इंटरव्यू/अनुराधा गुप्ता: "मुझमें जोखिम लेने की प्रबल क्षमता और मजबूत आत्मविश्वास था"

पारंपरिक तरीकों से परे वैश्विक मैचमेकिंग का विचार एक साहसिक कदम है। एक दशक तक सफलतापूर्वक इसे चलाने के बाद इस पर आपका क्या कहना है?

मेरा मानना है कि शादी एक समान साझेदारी है, जिसमें दो लोग सम्मान, प्यार, दोस्ती और स्वीकृति के चार स्तंभों द्वारा समर्थित, समान रूप से अपने लिए एक जगह बनाते हैं। बेशक, पिछले दशक में कई सामाजिक परिवर्तन हुए हैं, जैसे कि महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता और देर से शादी की स्वीकृति।मेरा मानना है कि ये सभी सकारात्मक बदलाव हैं और हम गर्व और कृतज्ञता की भावना महसूस करते हैं कि हम इसके सूत्रधार होने में भूमिका निभा रहे हैं।


‘’अगर आप यहां हैं, तो शायद इसलिए कि आप वही हैं जहां मैं कुछ साल पहले थी‘’ आप इस विचार का वर्णन कैसे करेंगी जो VFE की अवधारणा से मेल खाता हो?

Vows for Eternity एक विश्वास है। मेरे अनुभवों ने वीएफई को जन्म दिया, लेकिन मैं बहुत दृढ़ता से यह महसूस कर सकती हूं कि मेरे जैसे और भी बहुत से लोग हैं जो किसी के भी साथ अपना जीवन साझा करने के लिए खुद को तैयार महसूस करते हैं। लेकिन जैसे मैं नहीं जानती थी, वे भी नहीं जानते कि इसे कैसे बेहतर किया जाए।दरअसल, मुझे लगता है कि जीवन साझा यात्राओं के बारे में बहुत कुछ है। लोग दुनिया में बहुत अच्छी जगह हो सकते हैं, अगर उनके साथ उस सुख को साझा करने वाला सही व्यक्ति हो तो। वरना इस यात्रा का बहुत कम मतलब रह जाता है।इसलिए मैं भी चाहती थी कि कोई ऐसा हो जिससे मैं जुड़ सकूं जो एक सही व्यक्ति से मेरा परिचय करा कर दे। मैंने यह भी महसूस किया है कि समय के साथ हम कैसे विकसित होते हैं और बदलते हैं, लेकिन हमारे मूल तत्व वहीं रहते हैं, वे हमारे मूल का हिस्सा हैं।

 
अपना व्यवसाय स्थापित करते समय आपको किन प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ा?

एक व्यक्ति के रूप में, मैं वास्तव में चीजों को चुनौतियों के रूप में नहीं बल्कि अवसरों के रूप में देखती हूं। हालांकि, एक उद्यमी की यात्रा हमेशा चुनौतियों से भरी होती है,जो सफर को रोमांचक बनाती है। मेरे पास एक विचार था और उस पर इतना विश्वास था कि मैं हर स्तर पर उसमें निवेश करने को तैयार थी।मामला थोड़ा जटिल था, लेकिन उस समय यह सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण था कि मैं जो बनाना चाहती हूं, वह रुटेड होना चाहिए। इसके साथ ही साथ उसकी अत्यधिक फुर्तीली संरचना हो, जो अपना सार खोए बिना बहुत जल्दी अनुकूलित हो सकती हो। वह संतुलन हासिल करना बहुत कठिन था। अपनी आस्तीनें मोड़ना और काम पूरा करने की क्षमता होना, मजबूत टीम बनाने की कोशिश करना और यह सोचना कि आखिरकार मैं ही इस जहाज की कप्तान हूं, इसकी यात्रा जटिल होती है। इच्छाशक्ति, लचीलापन, अपार परिश्रम, निष्पक्षता और कर्म को न भूलना, बहुत महत्वपूर्ण होता है। मेरा मानना है कि मुझमें जोखिम लेने की प्रबल क्षमता थी और मजबूत आत्मविश्वास था, जिसने हमेशा मेरे उद्यमशीलता के प्रयासों को बढ़ावा दिया है।

पिछले दस वर्षों में मैचमेकिंग सीन में तेजी से बदलाव देखने को मिला है। परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए, आपने उन्हें अपने व्यवसाय में कितनी अच्छी तरह शामिल किया है?

हमने वर्षों से यथास्थिति को लगातार चुनौती दी है, चाहे वह माता-पिता की अपेक्षाओं, लैंगिक समानता, रूढ़िवादी लैंगिक भूमिकाओं के बारे में हो या किसी अन्य परंपरागत सोच के विषय में। हमने प्रश्न उठाने का काम किया है। इस बारे में सवाल उठाना जरूरी था कि एक समाज के रूप में, व्यक्तिगत विकल्पों का बचाव क्यों किया जाना चाहिए, समझौता क्यों किया जाना चाहिए, क्यों कई मामलों में तलाक अभी भी वर्जित है। यह प्रश्न जरूरी थे, जिन्हें पूछने का साहस हम में था।आने वाले वर्षों में, हमें उम्मीद है कि हमें लोगों का प्यार और समर्थन मिलता रहेगा।साथ ही अनगिनत लोगों के जीवन में बदलाव लाने की क्षमता भी मिलती रहेगी। समय के साथ जो बदला है वह हमारे वैश्विक पदचिह्न का आकार और दायरा है।आज  VFE एक दो-व्यक्ति से बढ़कर 26-सदस्यीय टीम बन गई है, जो चार देशों में फैली हुई है, 65 देशों में सदस्य हैं।यह सब बूटस्ट्रैप होने के दौरान और इसके बाद भी ऐसा लगता है कि हम अभी शुरुआत ही कर रहे हैं।

आप ऑस्ट्रेलिया, यूके, यूएस और भारत इन तीन देशों में रह चुकी हैं। महिला उद्यमियों को पोषण और अनुकूल माहौल प्रदान करने के मामले में ये देश कितने अलग तरीके से परिपक्व हुए हैं?

मेरी नजर में दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता उभरता बाजार कोई देश नहीं बल्कि वहां की महिलाएं हैं। हमें विश्व की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए इन महिलाओं तक और अधिक पहुंच बनानी चाहिए। भारत में प्रतिभा उत्कृष्ट है।देश में अब अधिक महिला उद्यमियों और व्यापारिक नेताओं को समर्थन मिल रहा है। सही बुनियादी ढांचे और समर्थन के साथ, मुझे लगता है कि भारत विश्व मंच पर आने वाले दौर में सबसे मजबूत खिलाड़ी होगा।

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TAGS: International Women's Day Specia, Interview, Anuradha Gupta, strong self-confidence
OUTLOOK 08 March, 2023
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