जनादेश ’24/हरियाणा/इंटरव्यू/भूपेंद्र सिंह हुड्डा: ‘चुनाव जनता और सरकार के बीच है’
हरियाणा में 2019 में सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने वाली भाजपा इस बार भी मोदी मैजिक के भरोसे है जबकि कांग्रेस को इस बार हरियाणा में बड़ा बदलाव दिख रहा है। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि मैजिक के बजाय हरियाणा में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे हैं जिनके आगे कोई मैजिक चलने वाला नहीं है इसलिए जनता ने भाजपा को चलता करने का मन बना लिया है। पार्टी की कमान इस बार पूरी तरह पूर्व मुख्यमंत्री तथा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथ है। 25 मई को हरियाणा में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही है? जनता कांग्रेस को वोट क्यों दे? ऐसे तमाम मसलों पर एसोसिएट एडिटर हरीश मानव ने चार बार के सांसद तथा पांच बार विधायक रहे हुड्डा से बातचीत की। प्रमुख अंश:
इस बार लोकसभा चुनाव के लिए माहौल कैसा है?
मौजूदा भाजपा सरकार के खिलाफ लोगों में भारी नाराजगी है। लोगों की बदलाव की इच्छा से हरियाणा में कांग्रेस की लहर है।
कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची भाजपा से एक महीना बाद जारी हुई। इस लेटलतीफी से चुनाव प्रचार पर असर पड़ा?
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। असली चुनाव प्रचार तो एक महीने पहले ही जोर पकड़ता है। 25 अप्रैल को उम्मीदवारों की घोषणा के बाद से ही हमारा प्रचार जोरों पर हैं।
जनता के बीच किन मुद्दों को लेकर जा रहे हैं?
बेरोजगारी में हरियाणा आज देश में नंबर एक पर है। इससे बड़ा मुद्दा क्या होगा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने युवाओं को प्रदेश में रोजगार देने के बजाय युद्धग्रस्त इजरायल में मरने के लिए भेजा है। बेरोजगारी से त्रस्त युवा डंकी रूट से जान जोखिम में डाल विदेश की ओर पलायन कर रहे हैं। कांगेस की सरकार आने पर युवाओं को प्रदेश में ही बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर दिए जाएंगे।
अग्निवीर योजना ने फौजियों के प्रदेश हरियाणा के युवाओं के फौज में भर्ती होने के जज्बे को कमजोर किया है। सेना में हर दसवां फौजी हरियाणा का है।अग्निवीर योजना लागू होने से पहले हर साल हरियाणा से लगभग 5000 युवा फौज में भर्ती होते थे लेकिन इस योजना में 18 साल की आयु में भर्ती होने वाले को 22 की उम्र में फौज से बाहर कर दिया जाएगा। ऐसे में फौज में भर्ती होने के इच्छुक उन हजारों युवाओं के सपने चूर हुए हैं जो 20-30 साल तक देश की सेवा करना चाहते हैं। इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर अग्निवीर योजना बंद की जाएगी।
तीन साल से किसान सड़कों पर हैं। 700 से अधिक किसानों की आंदोलन में शहादत हुई पर सरकार उन्हें स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के मुताबिक एमएसपी की कानूनी गारंटी देने के लिए तैयार नहीं है। पोर्टल की सरकार से हर वर्ग त्रस्त हैं। सरकार परिवार पहचान पत्र जनता के लिए परिवार परेशान पत्र साबित हुआ है। हजारों बुजुर्गों की पेंशन काटी गई हैं। कई समाज कल्याणकारी योजनाएं बंद कर दी गईं।
कानून-व्यवस्था पूरी तरह से धवस्त है। हमारी बहू-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। हरियाणा की खिलाड़ी बेटियों के यौन शोषण के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण के खिलाफ महीनों दिल्ली की सड़कों पर धरने प्रदर्शन का भी सरकार पर कोई असर नहीं हुआ और न ही बृजभूषण पर कोई कार्रवाई हुई। इस घटना से प्रदेश की बेटियां निराश हैं। प्रदेश में अपराध व अपराधी चरम पर हैं। पंजाब व यूपी की सीमाओं से लगते इलाकों में हरियाणा के युवा नशे से ग्रस्त हैं। नशा तस्करों पर नकेल कसने में भाजपा सरकार नाकाम रही है।
लोग कांग्रेस को वोट क्यों दें?
मौजूदा नाकारा सरकार से लोग त्रस्त हैं। दस साल में इस सरकार से खराब प्रदर्शन से तंग आए लोगों ने कांग्रेस को वोट देने का मन बना लिया है। लोग बड़ी आशा से कांग्रेस की ओर देख रहे हैं।
केंद्रीय स्तर पर कांग्रेस के ‘न्याय पत्र’ से हटकर हरियाणा के मुद्दों को तरजीह देते हुए हरियाणा-केंद्रित कोई घोषणापत्र नहीं लाया गया?
कांग्रेस के न्याय पत्र की 25 गारंटियों के अलावा हम हरियाणा के स्थानीय मुद्दे लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। जनता ने मौका दिया तो उनके तमाम मुद्दों को हल करने की कोशिश करेंगे।
बीते पांच साल में तीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने पर ब्लॉक, जिला स्तर पर अभी तक संगठन खड़ा नहीं हुआ। बगैर संगठन चुनाव प्रचार से लेकर बूथ मैनेजमेंट पर असर पड़ेगा?
औपचारिक रूप से भले ही संगठन खड़ा करने में देरी हुई है पर कांग्रेस की जड़ें बहुत गहरी हैं। बरसों पुराने कांग्रेस के सिपाही आज भी डटकर मैदान में खड़े हैं। उम्मीदवारों की रैलियों के मंच से लेकर बूथ मैनेजमेंट के लिए कांग्रेसी कार्यकर्ता मजबूती से डटे रहने को तैयार हैं।
कांग्रेस आलाकमान ने इस बार आप पर पूरा भरोसा जताते हुए सभी सीटों पर आपकी पसंद के उम्मीदवार उतारे हैं। इन सभी 10 सीटों पर जीत के प्रति आप कितने आश्वस्त हैं?
सवाल मेरी या किसी व्यक्ति विशेष की पंसद का नहीं है। पार्टी आलाकमान ने उन्हीं चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा है जो जमीन से जुड़े कांग्रेस के कर्मठ कार्यकर्ता हैं और जिनकी जीत की संभावना अधिक है। हमें उम्मीद है कि कांग्रेस नौ सीटों पर जीत हासिल करेगी और ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी के हिस्से की कुरुक्षेत्र सीट पर भी भारी बहुमत से जीत हासिल होगी।
हरियाणा में गुटों में बंटी कांग्रेस चुनाव प्रचार के लिए एकजुट नहीं हैं। आप पर आरोप हैं कि कुमारी सैलजा के नामांकन से दूरी बनाए रखने के बाद आप प्रचार के लिए सिरसा लोकसभा क्षेत्र में नहीं जा रहे?
गुटबाजी केवल मीडिया की अटकलों में हैं। कांग्रेस पूरी तरह से एकजुट है। मैं हरियाणा की हरेक लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार के लिए जा रहा हूं।
आपने और आपके बेटे दीपेंद्र सिंह ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार आप चुनाव लड़ने से पीछे क्यों हटे? भाजपा यह कहते हुए आपको घेर रही है कि “बाप ने बेटे को मैदान में अकेला छोड़ दिया? ”
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मैं हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नहीं था। अब नेता प्रतिपक्ष होने के नाते मैंने चुनाव नहीं लड़ा। दूसरा, चुनाव लड़ने से मैंने दूरी इसलिए बनाई ताकि मैं पूरे हरियाणा में चुनाव प्रचार के लिए जा सकूं।
भाजपा की तुलना में कांग्रेस संगठन और कांग्रेसी उम्मीदवारों के पास संसाधनों की कमी है। इसका चुनाव पर असर पड़ेगा?
संसाधन यानी पैसा ही सब कुछ नहीं है। जनता आपके साथ है तो फिर भौतिक साधन और संसाधनों की ज्यादा अहमियत नहीं रह जाती। हरियाणा की जनता कांग्रेस के उम्मीदवारों के साथ खड़ी है और यही हमारे संसाधन हैं। दूसरा, बीते दो साल में अन्य दलों को छोड़कर आए 40 से अधिक पूर्व सांसदों व विधायकों ने कांग्रेस का हाथ थामा है।
2014 से जाट और गैर-जाट वोटों का ध्रुवीकरण करके भाजपा हरियाणा से लोकसभा व विधानसभा चुनाव जीत रही है। जाट बनाम गैर-जाट की हवा को रोकने की आपकी रणनीति क्या है?
कांग्रेस की विचारधारा किसी धुव्रीकरण में विश्वास नहीं रखती। मैं खुद धुव्रीकरण के खिलाफ हूं इसलिए हरियाणा की छत्तीस बिरादरी का कांग्रेस में विश्वास है और वह कांग्रेस के साथ खड़ी है।
नायब सिंह सैनी सरकार अल्पमत में बताई जा रही है। क्या आप जेजेपी के समर्थन से सरकार बनाने का दावा ठोकेंगे?
तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा सरकार से समर्थन वापस लेने पर अल्पमत में आई सरकार को हटाने के लिए हमने राज्यपाल को पत्र लिखा था। जेजेपी के समर्थन से कांग्रेस का सरकार बनाने का कोई इरादा नहीं है। चार महीने बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से कांग्रेस अपने दम पर सरकार बनाएगी।
एनडीए का इस बार ‘400 पार’ और अयोध्या मंदिर का मैजिक हरियाणा में काम करेगा?
भाजपा साउथ में साफ है,नॉर्थ में हाफ है हरियाणा में न कोई नारा है और न ही कोई मैजिक। लड़ाई मुद्दों की है। भाजपा की केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से भारी नाराजगी है। यह चुनाव जनता और सरकार के बीच है।