Advertisement
18 May 2019

इंटरव्यू । अबकी बार वोटर ठगे जाने को तैयार नहीं: कमलनाथ

मध्य प्रदेश में कांग्रेस को कितनी सीटें जीतने का अनुमान है?

कांग्रेस 22 से ज्यादा सीटें जीतेगी। 

मगर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत तो भाजपा के मुकाबले एक फीसदी कम था? 

Advertisement

वोट प्रतिशत के आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना बड़ी भूल है। यह तो पूरे राज्य का औसत होता है। शिवराज सिंह समेत बड़े मार्जिन से जीत वाली तीन सीटों को छोड़ दें तो औसत कुछ और ही है। इसलिए आकलन का वह आधार कारगर नहीं है। 

इस बार भोपाल बड़ी महत्वपूर्ण सीट बन गई है। भाजपा ने यहां ध्रुवीकरण करने की कोशिश की है। आप इसे किस रूप में लेते हैं?

भाजपा इतनी दिवालिया हो गई कि उसे दिग्विजय सिंह के खिलाफ कोई प्रत्याशी नहीं मिला। प्रज्ञा ठाकुर को, भाजपा की सदस्यता लेने के दूसरे ही दिन प्रत्याशी बना दिया गया। भाजपा क्या संदेश देना चाहती है? चुनाव तो 19 मई को खत्म हो जाएंगे, लेकिन ऐसे बीज भी न बोएं, जिससे वातावरण खराब हो। भविष्य के लिए यह अच्छा नहीं है।

आप कांग्रेस की ‘न्याय’ योजना का क्या इंपैक्ट देख रहे हैं?

‘न्याय’ एक क्रांतिकारी योजना है। गरीब लोगों को सालाना न्यूनतम 72 हजार रुपये और हर महीने छह हजार रुपये मिलने से हर सेक्टर पर असर पड़ेगा। बच्चों के रहन-सहन का स्तर सुधरेगा। वे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। लोगों की क्रयशक्ति बढ़ने से व्यापार बढ़ेगा। सबसे बड़ी बात है कि इस योजना से अर्थव्यवस्था में मुद्रा का प्रवाह बढ़ेगा।

भाजपा प्रचार कर रही है कि लोकसभा चुनाव के बाद आपकी सरकार गिर जाएगी। इसको आप कैसे देखते हैं?

देखिए, किसी को सपना देखने से रोका नहीं जा सकता। भाजपा अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा रखने के लिए इस तरह की बात करती है। उसे पता है कि ऐसा नहीं कहेंगे तो कार्यकर्ता घर बैठ जाएंगे।

मगर आपकी सरकार के पास बहुमत थोड़ा है। हाल में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी आपकी सरकार को समर्थन देने पर पुनर्विचार की बात की है?

मेरी सरकार को कोई खतरा नहीं है। बहुमत तो विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के वक्त साफ हो गया है। दोनों पदों पर हमारी पार्टी के विधायक निर्वाचित हुए। गठबंधन हो या न हो, मायावती और हर विरोधी दल का लक्ष्य भाजपा को सत्ता से बाहर रखना है।

भाजपा मोदी के नाम पर यह लोकसभा चुनाव लड़ रही है। चुनाव में प्रत्याशी का कोई मायने नहीं रह गया है। ऐसे में मध्य प्रदेश में आपके 125 दिन के काम और उपलब्धि के मुकाबले मोदी के नाम और प्रचार को आप किस तरह देखते हैं?

देखिए, यहां कोई मोदी लहर नहीं है, झूठ की आंधी उठाने की कोशिश है। मध्य प्रदेश की जनता मोदी जी को अच्छी तरह पहचान गई है। यहां के मतदाता सीधे और सरल जरूर हैं, लेकिन उन्हें कोई ठग नहीं सकता।

किसानों की कर्जमाफी की क्या स्थिति है? कई लोग कर्ज माफ न होने की बात कर रहे हैं।

हम किसानों का कर्ज माफ करने के लिए वचनबद्ध हैं। मेरे पास 75 दिन का समय था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई और आचार संहिता लग गई। मध्य प्रदेश में 47 लाख किसान हैं, जिनमें 21 लाख किसानों का कर्ज माफ हुआ। सहकारी बैंकों में 17.53 लाख किसानों का 6,600 करोड़ रुपये का ऋण माफ हुआ। इस साल लगभग 4,700 करोड़ रुपये का नया ऋण दिया जाएगा, जिससे मध्य प्रदेश की एग्रीकल्चर इकोनॉमी पर 11,300 करोड़ रुपये नेट इंपैक्ट आएगा। पिछले साल सहकारी बैंकों में 22.05 लाख किसानों को अल्पावधि फसल ऋण दिया गया था। इस साल एनपीए ऋणमाफी के कारण कुल 33.37 लाख किसानों को कर्ज उपलब्ध कराया जाना है। जिन किसानों के कर्ज माफ हुए, उनके नाम-पता और फोन नंबर मेरे पास हैं। हम नहीं कह रहे हैं, सभी किसानों का कर्ज माफ हो गया। लगभग 40 फीसदी किसानों का ही अभी ऋण माफ हुआ है। बाकी किसानों का भी कर्ज माफ होगा। भाजपा वालों का भी माफ हुआ है। वे दुष्प्रचार कर रहे हैं, क्योंकि उनके पास झूठ के सिवाय कुछ बचा नहीं है।

सरकार बनाते वक्त आपने क्या प्राथमिकताएं तय की थीं? 125 दिनों में कितना लक्ष्य हासिल कर पाए?

पहला तो कर्जमाफी था, जिसमें अभी 21 लाख किसानों का ऋण माफ हुआ है। रोजगार और निवेश को बढ़ाने की दिशा में काम किया। निवेश बढ़ेगा तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। निवेश ही नहीं, आर्थिक गतिविधियां भी बढ़नी चाहिए। निवेश विश्वास पर आता है, निवेश का डिमांड नहीं किया जा सकता। निवेश के लिए मैंने उद्योगपतियों के साथ बैठक की, उनकी समस्याओं को समझा। उन्होंने राज्य में निवेश बढ़ाने का भरोसा दिया है। निवेश बढ़ाने के लिए उन्हें आकर्षित करना होगा। इसके लिए सेक्टर वार हमारी नीति बन रही है। मसलन, गारमेंट सेक्टर के लिए अलग और जूता बनाने वाले उद्योग के लिए अलग निवेश नीति होगी। अगले दो महीने में नीति आ जाएगी। यह नीति न केवल निवेश को बढ़ावा देगी, बल्कि रोजगार उन्मुख भी होगी। हमारा मानना है कि युवा ही नए मध्य प्रदेश का निर्माण करेंगे। 

राज्य के किस क्षेत्र में आप ज्यादा निवेश की संभावना देखते हैं?

गारमेंट, फूड प्रोसेसिंग और आइटी सेक्टर में। आइटी सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अधिक निवेश आ सकता है। 

पिछली सरकार के समय इंदौर के आसपास कई आइटी कंपनियों के आने की बात चली थी। कुछ गति रुकी होगी तो उसके लिए आप क्या करने जा रहे हैं?

उन सबसे मेरी बात हुई है। उन्हें हम माहौल देंगे, आकर्षित करेंगे। 

आप उन कंपनियों के लिए वातावरण बनाएंगे या फिर कोई इंसेंटिव देंगे?

हम विश्वास का वातावरण पैदा करेंगे, क्योंकि किसी राज्य में विश्वास से ही निवेश आता है। 

मध्य प्रदेश में पिछले वर्षों में कृषि के क्षेत्र में काफी विकास देखा गया, लेकिन किसानों में नाराजगी भी काफी देखी गई। मंदसौर में नाराज किसानों पर गोली चलाने जैसी घटना भी हुई। पिछली सरकार के जाने का एक बड़ा कारण भी किसानों की नाराजगी रही? आप किसानों की समस्या को किस तरह देखते हैं?

देखिए, 30 साल पहले कम उत्पादन की चुनौती थी। आज चुनौती है बढ़ते हुए उत्पादन की। किसानों को उपज का उचित मूल्य कैसे मिले, जिससे उनके साथ न्याय हो। मध्य प्रदेश में सभी कृषि उपजों के दाम बढ़े हैं। गेहूं पिछले साल 1,731 रुपये प्रति क्विंटल बिका था। इस साल 1,859 रुपये की दर से बिका। धान, मक्का, चना, लहसुन, सोयाबीन, सरसों और दूसरी चीजों के दाम भी पिछले साल से ज्यादा हैं। पहले व्यापारी और साहूकार मिलकर कीमत गिराने का काम करते थे। यह सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्हें भी यह समझ में आ गया है। 

आप चाहते हैं कि किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिले। पिछली सरकार ने यहां भावांतर योजना लागू की थी, उसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित भी किया, लेकिन व्यापारियों ने फेल कर दिया। उसके जवाब में आप क्या करेंगे?

देखिए, दाम गिराने का काम तो दिल्ली से शुरू हुआ। हम 70 साल से दाल का आयात कर रहे हैं। मैंने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री रहते ज्यादा आयात करने नहीं दिया। मोदी जी के राज में दाल का आयात इतनी अधिक मात्रा में कर दिया गया कि उसका दाम काफी गिर गया। मोदी जी ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को खुश करने के लिए काफी मात्रा में चीनी का आयात कर लिया, जिसके चलते शक्कर और गन्ना के भाव काफी गिर गए।  

नोटबंदी के बाद किसानों को भुगतान संकट का सामना करना पड़ रहा है। मंडी में उपज बेचने के बाद किसानों को 10 हजार से अधिक नकद भुगतान पर रोक और बैंकों में आरटीजीएस में लेटलतीफी से किसान काफी परेशान हो रहे हैं। इस समस्या से आप कैसे निपटेंगे?

इस समस्या से निपटने का उपाय ढूंढ़ रहे हैं। हमें याद रखना होगा कि गांवों की अर्थव्यवस्था नकद पर निर्भर है। आजकल बैंकों में नकद न होने का नया चक्कर भी शुरू हो गया है। गांवों में लेनदेन नकद की जगह ऑनलाइन होने में कम-से-कम 10 साल लगेंगे। 10 दिन में सिस्टम नहीं बदल सकता है। हम केंद्र सरकार से कहेंगे कि इस व्यवस्था को हम स्वीकार नहीं करेंगे। हम तो किसानों को नकद देंगे। 

केंद्र की कुछ एजेंसियों ने भोपाल में आपके करीबियों पर छापे की कार्रवाई की और फिर प्रधानमंत्री ने उसे प्रचारित करने की भी कोशिश की। इसे किस तरह से देखते हैं?

मेरे एक करीबी के यहां छापा मारा गया, जहां कुछ नहीं मिला। बाकी जिनके यहां छापे मारे गए थे, उन्होंने तो मीडिया में ही बयान दे दिया कि वे भाजपा से जुड़े हैं। मोदी जी इसे मुद्दा बनाना चाहते हैं, इसका मतलब है कि मोदी जी के पास और कुछ नहीं बचा। 

क्या यह राजनीतिक दबाव डालने की कोशिश है?

बिलकुल, दबाव डालने की कोशिश है। ये लोग इतने बौखलाए हुए हैं कि कोई भी हथकंडा अपना सकते हैं। 

इस कार्रवाई के बाद ही आपने ई-टेंडरिंग के मुद्दे पर जांच के आदेश दिए?

हम बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते। हम तो घपले का खुलासा चाहते हैं। ई-टेंडरिंग के जांच के आदेश तो शिवराज सिंह के कार्यकाल में दिए गए थे। स्वाभाविक है कि जांच के बाद एफआइआर दर्ज होगी। 

व्यापम में गड़बड़ी की जांच को लेकर आप क्या कदम उठाने जा रहे हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ जांच के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार भी जांच कराएगी, उस पर कोई रोक नहीं है। सीबीआइ कैसे जांच करती है, पूरे देश को पता है। 

आप सरकार चलाने में दिग्विजय सिंह की सलाह लेते हैं, या फिर सरकार में वे दखल देते हैं,इसमें कितनी सच्चाई है?

मैं तो सबसे सलाह लेता हूं। दिग्विजय सिंह दस साल मुख्यमंत्री रहे, उन्हें दस साल प्रदेश चलाने का अनुभव है।  

राज्य में बिजली की समस्या गंभीर हो गई है। भाजपा आपकी सरकार पर नाकामी का आरोप लगा रही है और लोगों को अपने राज की याद दिला रही है। इससे कैसे निपटेंगे?

बिजली की समस्या नहीं है, यह ब्रेक डाउन है। सरकार को बदनाम करने के लिए भाजपा तार काटने और शार्ट सर्किट पर उतर आई है। जनता भाजपा की हरकतों को समझ रही है। सरकार ने इसके लिए जिम्मेदार 500 लोगों को हटाया है।

छिंदवाड़ा के विकास मॉडल की सभी सराहना करते हैं। मुख्यमंत्री के रूप में आप राज्य के सभी जिले में छिंदवाड़ा मॉडल लागू करेंगे?

हर जिले का अलग मॉडल बनना चाहिए। सभी जिले का एक मॉडल नहीं बन सकता है। जिस सोच के साथ मैंने छिंदवाड़ा का विकास किया, उसी सोच के साथ अन्य जिलों का भी विकास करूंगा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Interview, Madhya Pradesh, CM Kamalnath, Now the voters are not ready to be cheated, Lok Sabha Elections
OUTLOOK 18 May, 2019
Advertisement