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07 October 2020

सिंधिया बाहरी नहीं पार्टी के अभिन्न अंगः मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष

मध्य प्रदेश में उपचुनाव की घोषणा के साथ ही सियासी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इस बार के उपचुनाव पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए अहम हैं क्योंकि उनकी पार्टी की टूट से ही भारतीय जनता पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार बनाई है। जबकि मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सरकार, सत्ता बचाने के लिए खुद को फिर से साबित करना है। इस बार इन उपचुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया की भाजपा में एंट्री ने भी चुनावी समीकरणों को बदल दिया है। यदि सिंधिया ग्वालियर-चंबल संभाग से झोली भर सीटें दिलवा पाते हैं, तो निश्चित ही उनका दबदबा कायम हो जाएगा। उपचुनाव, सिंधिया के असर और शिवराज के नेतृत्व पर मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने आउटलुक से बात की।    

 अध्यक्ष होने के नाते उपचुनाव में आपकी क्या तैयारी है?

भारतीय जनता पार्टी सिर्फ चुनाव के वक्त तैयारी करने वाली पार्टी नहीं है। हम सिर्फ चुनाव के लिए काम भी नहीं करते। पार्टी हर वक्त जमीनी स्तर पर काम करती है और जमीनी स्तर पर ही लोगों से जुड़ी रहती है। कार्यकर्ता पूरे जोश में हैं और इसके नतीजे अच्छे होंगे।

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 आप कितनी सीटे जीत रहे हैं। क्योंकि 2018 में भाजपा सरकार के जाने का सबसे बड़ा कारण एट्रोसिटी एक्ट से उपजा रोष था। विशेषकर ग्वालियर चंबल संभाग की 28 में से 16 सीटों पर चुनाव हैं। आपको लगता है, समाज से सारे वर्गों का पहले की तरह समर्थन हासिल होगा?

ऐसी बातें वे लोग करते हैं, जो मध्य प्रदेश या उसकी जमीनी हकीकत नहीं जानते। एट्रोसिटी एक्ट का कोई असर नहीं है। यह चुनाव विकास के नाम पर लड़ा जा रहा है। शिवराज सिंह चौहान ने स्वर्णिम मध्य प्रदेश बनाया है। उन्होंने पिछले 15 साल और फिर छह महीने जो काम किया यह चुनाव उस पर है। हमें समाज के सारे वर्गों का समर्थन हासिल है। रही सीटों की बात तो हम सभी 28 सीटें जीत रहे हैं।  

 28 सीटें जीतने का मतलब ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ की भी सारी सीटें जीतना है, ऐसे में उनका कद पार्टी में बढ़ेगा। क्या संगठन उनके क्षेत्र की सीटें भी जीतना चाहता है?

भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं की पार्टी है। यहां सिर्फ कार्यकर्ताओं की कद ऊंचा होता है। किसी भी व्यक्ति विशेष का नहीं। प्रधानमंत्री जी, मुख्यमंत्री जी सभी पार्टी के कार्यकर्ता है। इसलिए हमारी पार्टी में जीत हार किसी का कद तय नहीं करती।

 सिंधिया के आने के बाद पार्टी के कुछ बड़े नेता असहज हैं, जाहिर सी बात है कांग्रेस से जितने भी लोग आए हैं, वो वैचारिक निष्ठा के साथ तो नहीं ही आए हैं। ऐसे में आप सरकार बना भी लें तो स्थिरता की गारंटी क्या होगी?

सबसे पहली बात तो सिंधिया जी बाहरी नहीं है। अब वो पार्टी के अभिन्न अंग हैं। इसका परिणाम आने वाले वक्त में देखने को मिलेगा। जो लोग भी पार्टी छोड़ कर आए हैं वो कांग्रेस की दुरावस्था से बाहर आने के लिए आए हैं। हम समरसता से काम करते हैं। वहां एक ही व्यक्ति सारे निर्णय ले रहा था, यहां टीम वर्क है।  

हाल ही में भांडेर विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी फूलसिंह बरैया ने जो बयान दिया क्या उससे भाजपा को बढ़त हासिल होगी?

हां, बिलकुल मिलेगी। लेकिन इससे भी जरूरी बात है कि यह कांग्रेस की मानसिकता को भी दर्शाता है। उस बयान पर कांग्रेस की चुप्पी भी अपने आप में बहुत कुछ कहती है। कांग्रेस हमेशा से यही करती आई है और यही वजह है कि जनता उन्हें सबक सिखाती रहती है।

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TAGS: vishnudutt sharma, MP state president BJP, jyotiraditya scindia, bypoll, shivraj singh chouhan, phool singh bariya, विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, उपचुनाव, शिवराज सिंह चौहान, फूल सिंह बरैया
OUTLOOK 07 October, 2020
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