Advertisement
13 December 2024

इंटरव्यू/सुखविंदर सिंह सुक्खूः ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करना प्राथमिकता

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आउटलुक के मनीष पाण्डेय की बातचीत

आप सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल को किस तरह देखते हैं?

हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं के आशीर्वाद से 11 दिसम्बर, 2022 को कांग्रेस सरकार बनी और मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि मुझे सरकार का नेतृत्व करने का अवसर मिला। दो वर्ष से भी कम के कार्यकाल में हमने राजनीतिक, आर्थिक और आपदा के मोर्चों पर तीन-तीन चुनौतियों का सामना किया। विपक्ष ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने के लिए कई साजिशें रची और धनबल से सरकार गिराने का प्रयास किया। लेकिन प्रदेश ने कांग्रेस सरकार की नीतियों पर मुहर लगाई और विधानसभा में हमारी संख्या फिर 40 हो गई है।

Advertisement

इस दौरान ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। दूध की खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है। हम प्राकृतिक खेती से पैदा होने वाले गेहूं की खरीद 40 रुपए और मक्की 30 रुपए प्रति किलो की दर से खरीद रहे हैं। हमने 31 मार्च 2026 तक हिमाचल प्रदेश को ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा है। हम ई-व्हीकल्स को बढ़ावा दे रहे हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम के पूरे बेड़े को हम चरणबद्ध तरीके से ई-बसों में परिवर्तित कर रहे हैं। निगम को इलेक्ट्रिक बस खरीदने के लिए 517 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। हमारा लक्ष्य है कि 2027 तक हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाया जाए। हमारी सरकार ने प्रदेश के 6,000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया है। अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए कानून बनाने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है। हम विधवाओं के बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च उठा रहे हैं। विधवाओं और अकेली महिलाएं को घर बनाने के लिए राज्य सरकार तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।

राज्य की आर्थिक स्थिति को लेकर राजनीतिक गलियारों और मीडिया में कई तरह की बातें उठती हैं। आप इस बारे में क्या कहेंगे?

भाजपा की राजनीति का आधार झूठ है। हिमाचल प्रदेश के भाजपा नेता प्रधानमंत्री को भी गुमराह कर रहे हैं। हमारी सरकार ने अक्टूबर महीने में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दो बार सैलरी और पेंशन दी। हमने दो साल से कम के समय में 11 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया है। हमने 70 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनरों का सारा एरियर क्लीयर कर दिया है। फिर भी राज्य को बदनाम करने की षड्यंत्र रचा जा रहा है, जबकि पिछली भाजपा सरकार हिमाचल प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज तथा कर्मचारियों की लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की देनदारियों का बोझ छोड़ कर गई।

सुखविंदर सिंह सुक्खू

सुखविंदर सिंह सुक्खू

हमने पिछले वर्ष आई आपदा के दौरान प्रभावित 23 हजार परिवारों को अपने संसाधनों से फिर से बसाया और उनके लिए 4500 करोड़ का विशेष राहत पैकेज दिया। केंद्र सरकार से हमें विशेष सहायता के रूप में कोई धनराशि नहीं मिली। राज्य सरकार ने नियमों के अनुसार पीडीएनए के लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के क्लेम केंद्र सरकार को भेजे हैं, लेकिन प्रदेश के भाजपा नेता इसमें भी देरी करवा रहे हैं। पिछली भाजपा सरकार तो डबल इंजन की सरकार थी, लेकिन उन्होंने ऋण के सहारे ही पांच साल तक सरकार चलाई। हमारा मानना है कि कर्ज के सहारे सरकार नहीं चल सकती है, इसीलिए हम अपने संसाधन बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने नीतिगत बदलाव लाकर और भ्रष्टाचार के चोर दरवाजों को बंद करके मात्र एक वर्ष में 2200 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त राजस्व प्रदेश के लिए अर्जित किया है। हमने शराब नीति में संशोधन किया और पिछली सरकार में शुरू की गई ठेकों को रिन्यू करने की प्रथा को बंद किया और नीलामी करवाई। जितना राजस्व पिछली सरकार ने पांच साल में अर्जित किया, उससे अधिक हमने एक वर्ष में प्राप्त किया है।

पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में इन्वेस्टमेंट ड्रेन हुए और खजाने को लुटा दिया, लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे। हमने ऊर्जा नीति में बदलाव किया है और विद्युत परियोजनाओं में पहले 12 वर्षों के लिए 12 प्रतिशत, इसके उपरांत 18 वर्षों के लिए 18 प्रतिशत तथा आगामी 10 वर्षों के लिए 30 प्रतिशत रॉयल्टी राज्य को देने का प्रावधान किया। चालीस वर्ष के बाद यह परियोजनाएं हिमाचल प्रदेश को वापिस करनी होंगी। हमने सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) से कहा कि अगर वह हमारी ऊर्जा नीति का पालन नहीं करता है, तो हिमाचल प्रदेश सरकार 210 मेगावाट लूहरी स्टेज-1, 382 मेगावाट सुन्नी और 66 मेगावाट धौलासिद्ध जलविद्युत परियोजनाओं को अपने अधीन ले लेगी, जिसके लिए एसजेवीएनएल को 15 जनवरी, 2025 तक का समय दिया गया है। वर्तमान कांग्रेस सरकार के प्रयासों से अडानी पावर, वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल जैसे केसों का फैसला कोर्ट से हिमाचल प्रदेश के पक्ष में आया है।

पूर्व की भाजपा सरकार ने चुनावी लाभ को देखते हुए विधानसभा चुनाव 2022 से ऐन पहले अमीर-गरीब दोनों को एक बराबर सब्सिडी देने की प्रथा शुरू कर दी थी। साथ ही कुछ ऐसे फैसले लिए गए थे, जिनसे प्रदेश पर हजारों करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा। हमारा मानना है कि जो जरूरतमंद है उसे सब्सिडी मिलती जाएगी, लेकिन जो साधनसंपन्न हैं, उन्हें सब्सिडी छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

बीते दो वर्षों में हिमाचल प्रदेश की शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए क्या विशेष कदम उठाए गए?

पिछली भाजपा सरकार की नीतियों के कारण शिक्षा के मामले में हिमाचल प्रदेश पिछड़ कर 21वें स्थान पर पहुंच गया है। जयराम ठाकुर की सरकार ने कार्यकाल के अंतिम छह महीने में 900 से ज्यादा शिक्षण संस्थान खोल दिए और न तो स्टाफ का प्रबंध किया, न ही अन्य सुविधाएं जुटाईं। यही हाल स्वास्थ्य का भी है। हिमाचल प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कैंसर के मामले गंभीर चिंता का विषय हैं। हमने कैंसर मरीजों के लिए फ्री इलाज और मुफ्त दवाइयां प्रदान करने का निर्णय लिया है। हमने दो वर्ष के कार्यकाल में स्वास्थ्य विभाग में लगभग 3000 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हम प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों को चरणबद्ध तरीके से सुदृढ़ कर रहे हैं।

बच्चों को गुणात्मक शिक्षा की सुविधा प्रदान करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू करने की गारंटी को हमने पूरा किया है। सरकार हर विधानसभा क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों से युक्त राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोल रही है। प्रदेश सरकार ने डॉ. वाइ.एस. परमार विद्यार्थी ऋण योजना आरम्भ की है, जिसमें विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए एक प्रतिशत व्याज पर 20 लाख रुपये तक के ऋण का प्रावधान है। इस वित्त वर्ष में 850 शिक्षण संस्थानों को इंस्टीट्यूट ऑफ एक्सीलेंस बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

युवाओं, सरकारी कर्मचारियों और महिलाओं को आपकी सरकार से बहुत उम्मीद है। सरकार इन उम्मीदों पर कितना खरी उतरी है?

प्रदेश के हर वर्ग का उत्थान हमारी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। हमने पहली ही कैबिनेट बैठक में प्रदेश के 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दी, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी कर्मचारियों से कहते थे कि पेंशन लेनी है तो चुनाव लड़ो। यह कोई राजनीतिक फैसला नहीं था, बल्कि मैं भी एक सरकारी कर्मचारी के परिवार से आता हूं और उनकी मुश्किलों को समझता हूं। आज भी मेरी मां उन्हें मिलने वाली पेंशन से मुझे स्वाभिमान के साथ कुछ पैसे दे देती है। पेंशन कर्मचारियों के सम्मान से जुड़ा मसला है। लेकिन कर्मचारियों के एनपीएस के लगभग 9 हजार 200 करोड़ रुपये अभी भी केंद्र सरकार के पास फंसे हैं।

पिछली भाजपा सरकार ने पांच साल में मात्र 20 हजार सरकारी नौकरियां दीं, जबकि हमने दो वर्ष से कम के कार्यकाल में 32 हजार सरकारी पद सृजित किए हैं। हमारी सरकार ने चार साल से लटके जेओए (आइटी) पोस्ट कोड 817 का केस भी मजबूती के साथ लड़ा और कोर्ट से फैसला आने के बाद इस परीक्षा का परिणाम घोषित किया है।

हमने युवाओं के लिए 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्टार्ट अप योजना शुरू की है। पहले चरण में ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत उपदान का प्रावधान है। दूसरे चरण में निजी भूमि पर 50 प्रतिशत उपदान पर 100 से 500 किलोवाट तक के सोलर पैनल लगाने का प्रावधान किया गया है। तीसरे चरण में किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए हिम कृषि उन्नति योजना भी लागू की गई है।

हमारी सरकार ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना शुरू की है ताकि महिलाएं स्वाभिमान के साथ जीवन यापन कर सकें। इस योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं को सम्मान राशि के रूप में हर महीने 1500 रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। इस प्रकार इन महिलाओं को सालाना 18 हजार रुपये की सम्मान राशि दी जा रही है। इसके अलावा, पूर्व में अन्य पेंशन योजनाओं से लाभ ले रहीं लगभग 2 लाख 37 हजार महिलाओं को भी इस योजना के दायरे में लाकर उनकी मासिक पेंशन को बढ़ाकर 1500 रुपये किया गया है। हमने मनरेगा की दिहाड़ी 240 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपये कर दी है।

कृषि और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए क्या किया जा रहा है?

प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। मेरी माता जी आज भी गांव में खेती-बाड़ी करती हैं। इसलिए कृषि और बागवानी को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि गांव के लोगों के हाथ में पैसा पहुंचे। बागवानी क्षेत्र का हमारे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। बागवानों के हित में राज्य सरकार ने कई बड़े फैसले लिए है। इस साल सेब सीज़न के दौरान हमने यूनिवर्सल कार्टन लागू किया। मंडी मध्यस्थता योजना के अंतर्गत सेब उत्पादकों की सभी देनदारियों का भुगतान करने के लिए 163 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जिनमें से पिछली सरकार की 90 करोड़ रुपये की देनदारी भी शामिल है। सेब, आम और नींबू प्रजाति के फलों को 12 रुपये के समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में क्रांतिकारी कदम उठाते हुए, अवैध खनन रोकने तथा वैज्ञानिक खनन के माध्यम से प्रदेश के राजस्व में वृद्धि के लिए हिमाचल प्रदेश माइंस एवं मिनरल पॉलिसी-2024 लाई गई है। हमने प्रदेश में 6 ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किए हैं। हमारी सरकार नालागढ़ में ऑयल इंडिया कंपनी की भागीदारी के साथ ग्रीन हाइड्रोजन गैस के उत्पादन के लिए एक मेगावाट का प्लांट लगा रही है। कांग्रेस सरकार सौर ऊर्जा के दोहन पर विशेष ध्यान दे रही है। ऊना जिला के पेखूबेला में 32 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना मात्र चार महीनों में बनाकर हमने शुरू की। कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के अघलौर में 10 मेगावाट तथा गगरेट विधानसभा क्षेत्र के भंजाल में पांच मेगावाट क्षमता वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं का निर्माण कार्य जारी है।

देश विदेश से पर्यटक हिमाचल प्रदेश आते हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए क्या किया जा रहा है ?

देखिए, हमारी सरकार चार प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस कर रही है। ग्रीन एनर्जी, पर्यटन, फूड प्रोसेसिंग और डाटा स्टोरेज। प्रदेश के पर्यावरण को देखते हुए हम ग्रीन इंडस्ट्री को बढ़ावा दे रहे हैं। पर्यटन हमारी आर्थिकी का मुख्य आधार है, जिससे हजारों परिवार जुड़े हैं और राज्य सरकार को राजस्व भी अर्जित होता है। इसलिए पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं और सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं, जिससे पर्यटन गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। हमने बिलासपुर जिला की गोबिंद सागर झील में वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियां शुरू की हैं और पर्यटकों का अच्छा रुझान दिख रहा है। हम कांगड़ा जिला को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित कर रहे हैं। देहरा में 619 करोड़ रुपये की लागत से वन्य प्राणी उद्यान स्थापित किया जा रहा है। कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार की प्रक्रिया भी जारी है। पर्यटकों की सुविधा के लिए प्रदेश में 16 हेलीपोर्ट निर्मित किए जा रहे हैं। पर्यावरण की दृष्टि से प्रदेश में रोप वे निर्माण को भी गति दी जा रही है।

देश में सबसे पहले कुछ खास योजनाएं बनाने वाला राज्य बना हिमाचल

मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना- 6000 अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए देश में पहली बार क़ानून बना

मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना- विधवाओं के 23 हज़ार बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च उठा रही सरकार

विधवाओं के गृह निर्माण के लिए तीन लाख रुपए की आर्थिक सहायता के साथ रसोई घर और टॉयलेट बनाने के लिए एक लाख रुपए की मदद

दूध पर एमएसपी- हिमाचल प्रदेश दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बना, गाय का दूध 45 रुपए और भैंस का दूध 55 रुपए की दर से खरीदा जा रहा

प्राकृतिक खेती से उत्पन्न गेहूं को 40 रुपए और मक्की को 30 रुपए प्रति किलो का समर्थन मूल्य देने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Interview, sikhvinder singh sukkhu
OUTLOOK 13 December, 2024
Advertisement