कर्जमाफी नहीं, कैप्टन ने क्रेडिट कल्चर खराब किया: सुखबीर सिंह बादल
कांग्रेस सरकार के एक साल के कार्यकाल में आपकी नजर में कोई एक काम जो अच्छा हो?
कांग्रेस सरकार के एक साल के कार्यकाल में एक भी काम जनता की भलाई का नहीं हुआ। धोखे और फरेब से भरे अमरिंदर से भलाई की उम्मीद नहीं की जा सकती। सलाहकारों से घिरे कैप्टन जनता ही नहीं, अपनी पार्टी के विधायकों की पहुंच से दूर हैं।
आपकी पार्टी की पोल-खोल रैलियां चल रही हैं, चुनाव जैसा माहौल बनाया जा रहा है, जबकि अभी तो कैप्टन सरकार के चार साल बाकी हैं?
एक साल में सरकार से तंग हुई जनता की समस्याएं सुनने को कैप्टन मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकलते नहीं, हमें ही जनता के बीच जाना पड़ा। साल भर पहले 77 सीटें जीतने वाली कांग्रेस आज विधानसभा की 7 सीटें भी नहीं जीत पाएगी। चार निगमों के स्थानीय निकाय चुनाव भी गुंडागर्दी और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके जीते हैं।
आपकी सरकार पंजाब पर दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज छोड़ गई। खजाना पूरी तरह खाली था। चुनाव नतीजों से एक दिन पहले 31,000 करोड़ रुपये सीसीएल टर्म लोन में तब्दील करा दी गई?
सरकार खाली खजाने का रोना रो कर पल्ला नहीं झाड़ सकती। जीएसटी से ही पंजाब को 26500 करोड़ रुपये की सालाना कमाई होगी, जबकि हमारी सरकार के वक्त वैट से 20,000 करोड़ आते थे। फिर खजाना खाली क्यों बताते हैं।
सरकार ने कर्जमाफी लागू की है। हालांकि, अभी तक 76,000 किसानों के 330 करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए गए हैं?
किसानों पर 90,000 करोड़ रुपये के कर्ज में से 330 करोड़ रुपये की माफी क्या मायने रखती है? माफी के नाम पर कैप्टन ने क्रेडिट कल्चर खराब किया है। बैंकों ने किसानों को चार फीसदी ब्याज पर फसली कर्ज देना बंद कर दिए हैं, उन्हें आढ़तियों से 36 फीसदी ब्याज पर कर्ज उठाना पड़ रहा है।
कांग्रेस सरकार का दावा है कि ‘घर-घर रोजगार’ मुहिम के तहत 1 लाख 61 हजार लोगों को रोजगार दिए गए हैं?
आप गलत कह रहे हैं कि 1 लाख 61 हजार लोगों को रोजगार मिला है। मैंने भी दो ड्राइवर भर्ती किए हैं। प्राइवेट यूनिवर्सिटीज, कॉलेजों की कैंपस जॉब प्लेसमेंट को कैप्टन अपने खाते में बता रहे हैं।
आपकी सरकार 10 साल में गैंगस्टर्स का सफाया नहीं कर पाई? कांग्रेस सरकार ने एक साल में ही विक्की गोंडर समेत कई खतरनाक गैंगस्टर्स का सफाया कर दिया, जो टारगेट किलिंग्स में शामिल थे?
जिस एसआइटी ने गैंगस्टर्स पकड़े हैं, वह हमारी ही बनाई हुई थी। हमने ही एक साल के लिए एलओसी खुलवाई थी, ताकि विदेशों में बैठे गैंगस्टर्स वापस लौट आएं। वे लौटेने लगे और गिरफ्तार होते चले गए। कैप्टन ने कौन-सा तीर मार लिया। डीजीपी भी वही, एसआइटी भी वही, जो हमारी सरकार के वक्त थे।
आपकी सरकार के समय बने स्मारकों को कैप्टन ने पहले पैसे की भारी बरबादी बताया। अब वही कैप्टन करतार में जंग-ए-आजादी स्मारक का उद्घाटन कर 25 करोड़ रुपये और देने का ऐलान कर आए?
कैप्टन जैसा शख्स कभी सिखी और पंथ के लिए अच्छी सोच नहीं रख सकता। जंग-ए-आजादी हमारी पहल थी और बादल साहब उसका उद्घाटन भी कर चुके हैं। पहले से उद्घाटित स्मारक का फिर से उद्घाटन कर कैप्टन ने धोखा दिया है।