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17 December 2017

“तब 50 का था, अब 65 का सो, लक्ष्य है 65 सीटें”

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह

माओवादी हिंसा और लाल गलियारे के लिए जाने जाने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री 65 वर्षीय डॉ. रमन सिंह की मानें तो उनके ‘14 साल बेमिसाल’ शासन में हुई प्रगति और ग्रोथ का मुकाबला देश क्या, दुनिया का कोई राज्य नहीं कर सकता। 12 दिसंबर को बतौर मुख्यमंत्री उनके 14 साल पूरे हुए हैं। इसीलिए उन्होंने अगले साल ‘14 साल बेमिसाल’ के नारे के साथ राज्य की कुल 90 सीटों की विधानसभा में 65 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। राज्य के हालात, मौजूदा चुनौतियों वगैरह पर मुख्यमंत्री से आउटलुक के संपादक हरवीर सिंह ने विस्तार से बातचीत की। कुछ अंशः

 आपको राजकाज संभाले 12 दिसंबर को 14 साल हो गए। आपकी सरकार 14 साल बेमिसाल’ अभियान भी चला रही है। इन 14 सालों में लोगों के जीवन-स्तर में बदलाव लाने के लिए आपने क्या काम किए हैं?

हमने 2003-17 की 14 साल की यात्रा में जो माइलस्टोन हासिल किए, वैसी सफलता हिंदुस्तान ही नहीं, दुनिया में कहीं किसी एक राज्य ने हासिल नहीं की है। 14 साल पहले हमें ‘अमीर धरती के गरीब लोग’ कहा जाता था। ऐसे हालात से 14 साल बेमिसाल की शुरुआत होती है। हमने 7,000-8,000 करोड़ रुपये से अपना बजट शुरू किया था, जो आज 82,000 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है। प्रति व्यक्ति आमदनी 10-12 हजार रुपये से बढ़कर 92 हजार रुपये हो गई। प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल की संख्या 20,000 से बढ़कर अब 60,000 है। 10 मेडिकल कॉलेज, 54 इंजीनियरिंग कॉलेज और राष्ट्रीय महत्व के सभी संस्‍थान हैं।

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सब्सिडी और लोकलुभावन योजनाओं का दायरा भी बढ़ा है...

हां, साठ लाख लोगों को एक रुपये किलो चावल, मुफ्त नमक और चना दिया जा रहा है। साढ़े सात हजार यूनिट तक बिजली मुफ्त मिल रही है। कृषि क्षेत्र के लिए ब्याज दर 14 प्रतिशत से घटकर शून्य हो गई है। धान की खरीद हम शत-प्रतिशत करते हैं। पैसा सीधे लोगों के खाते में जाता है। रोड कॉरपोरेशन बनाकर 35,000 करोड़ रुपये के निवेश से सड़कों का जाल बिछ रहा है। ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाकर 1200 किमी के रेलवे नेटवर्क पर काम चल रहा है।

क्या कुछ नए क्षेत्रों में भी बढ़े हैं?

हां, नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इसलिए मैं इसे स्टार्टअप स्टेट कहता हूं। रिस्क लेने की क्षमता जिस राज्य में हो, इनोवेशन की क्षमता जिसमें हो, वह स्टार्टअप स्टेट है। शिक्षा, स्वास्‍थ्य और आदिवासी इलाकों में बड़ा काम हो रहा है। आज छत्तीसगढ़ को पलायन से मुक्ति मिल गई है। कुपोषण 52 प्रतिशत से घटकर 32 प्रतिशत हो गया है। शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर में कमी आई है।

तोइन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और ह्यूमन डेवलपमेंट में आपने बेहतर किया है?

दोनों सेक्टर में आप तुलना कर लीजिए। उसके नतीजे भी दिख रहे हैं। हम गरीबों को 50 हजार रुपये तक इलाज निःशुल्क देते हैं। करीब-करीब 55 लाख परिवारों को मुख्यमंत्री स्वास्‍थ्य सुरक्षा कार्ड दिया गया है। खुले में शौच से मुक्त इलाकों के मामले में हमने 97 प्रतिशत तक लक्ष्य हासिल कर लिया है। ऐसी कामयाबी हासिल करने वाला छत्तीसगढ़ अकेला राज्य है। अप्रैल 2018 में हम शत-प्रतिशत खुले में शौच से मुक्त राज्य हो जाएंगे।

क्या इसी कामयाबी के आधार पर अगले वर्ष के चुनावों में 65 सीटों का लक्ष्य रखा गया है जबकि अभी तक अधिकतम पचास के आसपास सीटें आप लोग जीत पाए हैंरणनीति क्या है?

अभी 51 सीटें हमारे पास हैं। इस बार राष्‍ट्रीय अध्यक्ष (अमित शाह) ने 65 प्लस का लक्ष्य रखा है। मैं जब मुख्यमंत्री बना था तो 50 साल का था, अब 65 साल का हो गया हूं। हालांकि लक्ष्य का उम्र से कोई संबंध नहीं है, उपलब्धियों से है। उस समय मैंने चुनाव लड़ा तो देश में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे और अब चौथी बार चुनाव लड़ूंगा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। केंद्र में भाजपा की सरकार ने 14वें वित्त आयोग की ‌रिपोर्ट के आधार पर राजस्व में छत्तीसगढ़ की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दी है। उसका बड़ा फर्क पड़ा है।

लेकिन 2003 के मुकाबले 2008 और  2013 के विधानसभा चुनावों में भाजपा का वोट प्रतिशत गिरा है। पिछली बार कांग्रेस के मुकाबले एक फीसदी का अंतर था। इस बार चुनाव मोदी मैजिक के सहारे लड़ा जाएगा या आपकी सरकार के कामकाज के आधार पर?

मेरे कार्यकाल में जो अच्छी बातें हुई हैं, उस पर तो जोर रहेगा ही। लेकिन, कांग्रेस के दौर में केंद्र और छत्तीसगढ़ की सरकार एक से एक मिलकर दो होते थे। अब मोदी सरकार के तहत यह एक से एक मिलकर ग्यारह हो रहा है। इसका फर्क पड़ेगा। मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना था, तो आठ राज्यों में भाजपा सरकार थी, आज बीस राज्यों में है। दो, बल्कि तीन नए राज्य भाजपा के पाले में और आ रहे हैं। गुजरात आ रहा है, हिमाचल आ रहा है। अप्रैल में कर्नाटक भी आ रहा है। आप अंदाजा कीजिए इक्कीस राज्यों में भाजपा सरकार होगी, जब मैं चुनाव में उतरूंगा।

आपने तो पहले ही भविष्यवाणी कर दी कि हर जगह आप लोग जीत रहे हैं?

मैं हिमाचल का दौरा करके आया हूं। कर्नाटक में अभी दो दिन रह कर आया हूं। गुजरात के चुनाव प्रचार में थोड़े दिन के लिए था। देखा, बहुत अच्छे बहुमत के साथ हमारी सरकार आ रही है। कहा जा रहा था कि जीएसटी के कारण शहरी क्षेत्र में लोग भाजपा को वोट नहीं देंगे। उत्तर प्रदेश के स्‍थानीय चुनाव में मतदाताओं ने साबित कर दिया है कि जीएसटी और नोटबंदी का पॉजिटिव इफेक्ट हो सकता है।

छत्तीसगढ़ में आपका सीधा मुकाबला कांग्रेस से है या अजीत जोगी के कारण इस बार त्रिकोणीय लड़ाई है?

कांग्रेस से तो लड़ाई है मगर जोगी के अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री कई काम किए थे। उनका अपना वोट है।

छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश किसानों को बोनस देते थे। केंद्र में सरकार बदलने के बाद बीच में इसे रोक दिया गया। अब फिर से शुरू किया गया है। क्या 2018 के पहले लोगों की नाराजगी थोड़ी कम करने के लिए ऐसा किया गया है?

नहीं, उस समय हमारी आर्थिक स्थिति थोड़ी पतली थी। केंद्र में सरकार आने के बाद हमने 2013-14 में 2400 करोड़ रुपये दिए थे। 2014-15 और 2015-16 में सूखा राहत के लिए करीब-करीब 1800 करोड़ रुपये का पैकेज दिया। एक साल के बाद हम फिर बोनस दे रहे हैं। अगले साल का भी ऐलान कर दिया गया है कि दीवाली के पहले दे दिया जाएगा।

तमाम कोशिशों के बावजूद नक्सल समस्या अभी भी राज्‍य में बनी हुई है। केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की 40 बटालियन मौजूद होने के बावजूद समाधान क्यों नहीं हो पा रहा है?

हम चार दशक से नक्सल समस्या से जूझ रहे हैं। पूरा सरगुजा प्रभावित था। चौदह साल में करीब-करीब शांति आ गई है। हमने नक्सलियों को पूरे प्रदेश के बदले अब बस्तर के कुछ इलाकों तक सीमित कर दिया है। केंद्रीय बल और स्‍थानीय पुलिस के बीच तालमेल अब शानदार है। पिछले छह महीने से लगातार हमारा कामयाब ऑपरेशन हो रहा है।

आपकी छवि साफ-सुथरी रही है। छत्तीसगढ़ पीडीएस और कौशल विकास जैसे क्षेत्र में देश के लिए मॉडल रहा है। इसके बावजूद नागरिक आपूर्ति निगम जैसे घोटाले कैसे हो गए?

इस मामले में बहुत ही साफ-सुथरे ढंग और पूरी पारदर्शिता से कार्रवाई हुई है। पीडीएस में हम 60 लाख लोगों को चावल देते हैं, 60 लोगों की भी शिकायतें नहीं आतीं। पीडीएस ही नहीं, धान उत्पादन, खरीद और वितरण की जो शृंखला है यह भी अपने आपमें एक मॉडल है।

अगस्ता वेस्टलैंड का जो मसला है एक तो उसमें कांग्रेस फंसी हुई है। लेकिन आपके राज्य का भी मसला है जिसमें अभी सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम एजी की रिपोर्ट देखना चाहते हैं।

अगस्ता 2007-08 का मसला है। विधानसभा के पटल पर रखी गई एजी ‌की रिपोर्ट में एक आपत्ति उठाई गई है कि आप एक साल पहले खरीद लिए होते तो 25-30 लाख रुपये बच जाते। उसमें यह कहीं नहीं कहा है कि इसमें गड़बड़ी हुई या किसी ने पैसा लिया। कोर्ट में सब क्लियर हो जाएगा। इसलिए ज्यादा नहीं कहूंगा। एक हजार प्रतिशत कह सकता हूं कि इस मामले में कहीं किसी का नाम नहीं आएगा।

माना जाता है कि आपकी नौकरशाही पर बड़ी मेहरबानी रहती है। पिछले दिनों आपके कुछ मंत्रियों ने बात न मानने के लिए अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी। क्या आप अधिकारियों को इसलिए तरजीह देते हैं कि व्यवस्‍था उन्हीं के सहारे चलती है?

नौकरशाही से आप जितना इंटरेक्‍शन करेंगे उनका उतना अधिक उपयोग कर पाएंगे। काम पर अमल के लिए ऊपर से नीचे तक तालमेल के साथ बेहतर उपयोग होना चाहिए। छत्तीसगढ़ में अच्छा कोऑर्डिनेशन है। संगठन, सरकार और ब्यूरोक्रेसी में इतना बढ़िया तालमेल दुनिया में कहीं भी नहीं है। इसलिए तीन बार जीते हैं, चौथी बार भी आएंगे।

इतने लंबे कार्यकाल में कौन सी चार या पांच बातें हैं जो आपको अभी और करनी हैं राज्य में।

करना तो बहुत कुछ है। अभी तो कुछ कदम ही चले हैं।

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TAGS: Outlook Editor, Harvir Singh, Chief Minister Raman Singh
OUTLOOK 17 December, 2017
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