धमकी से लेकर पैसे के लालच तक सेंगर ने अपनाए सभी हथकंडे, पढ़िए, पीड़िता की मां का इंटरव्यू
उन्नाव रेप की पीड़िता की मां ने आउटलुक से खास बातचीत में कई गंभीर खुलासे किए हैं। पीड़िता की मां ने बताया कि उनके परिवार पर भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर लगातार दबाव बना रहे थे। 15 दिन पहले भी विधायक पक्ष के लोगों ने पीड़िता के परिवार पर दबाव बनाया था। इस बारे में पीड़िता के परिवार ने लिखित शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर आला अधिकारियों से की थी, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। पेश हैं बाचतीच के प्रमुख अंश…
सवाल: आपके परिवार पर सुलह के लिए कौन दबाव बना रहा था?
पीड़िता की मां: विधायक पक्ष के लोग सुलह के लिए लगातार मेरे परिवार पर दबाव बना रहे थे। हरिपाल सिंह, नवीन सिंह, पप्पी, पुन्नू और उनके भाई कहते थे कि मुकदमा वापस ले लो। घर में घुसकर तख्त पर बैठ गए। हमने वकील साहब को बताया तो उन्नाव के सभी अधिकारियों और मुख्यमंत्री को पत्र भी भेजा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सवाल: कब से सुलह के लिए दबाव बनाया जा रहा था?
पीड़िता की मां: कहते थे कि महेश सिंह को तो सजा करा दिया, तुम लोगों को भी जेल करा देंगे। 15 दिन पहले पांचवीं बार कहा। धमकी दे रहे थे, मुकदमा वापस ले लो, नहीं तो गोली से मरवा देंगे। कचहरी में भी कहा। मेरी बेटी के पास वीडियो भी है।
सवाल: सुलह के लिए पैसे का भी लालच दिया?
पीड़िता की मां: बीसों बार पैसे के लिए कहे। घर बनवा दें, लड़कियों की शादी कर दें। लड़का के लिए मकान ले दें।
सवाल: परिवार के अन्य लोगों पर भी दबाव बनाया गया?
पीड़िता की मां: मेरा भाई लालगंज एक स्कूल में चपरासी था, वह भाग गया अहमदाबाद। उस पर भी सुलह के लिए दबाव बनाया गया। इसके बाद मेरा भाई हमारे घर आया और सुलह के लिए कहा, जिस पर हमने उससे कहा कि मेरे यहां सुलह के नाम पर मत आना, बहन-भाई का रिश्ता चलाना हो तो आना, नहीं तो मत आना। इसके बाद हमारे भाई नहीं आए। जिसके स्कूल में वह काम करते थे, उससे कहते थे और वह सुनते थे। डायरेक्ट नहीं कहते थे कि सुलह करा दो। स्कूल के मास्टर विधायक पक्ष को सपोर्ट करते थे। हमने कहा कि जमीन की मिट्टी खा लेंगे, लेकिन सुलह नहीं करेंगे।
सवाल: मुकदमे की पैरवी कौन कर रहा था?
पीड़िता की मां: मुकदमे की पैरवी पीड़िता, पीड़िता की मौसी और उसकी चाची करती थीं। अब मौसी और चाची की मौत हो गई है। पीड़िता की हालत खुद खराब है। अब कोई नहीं है परिवार में। हमको भी मरवा देंगे, मारे-मारे फिरेंगे। हमारा फैसला करा दीजिए। जब तक सजा नहीं हो जाएगी सभी को, हम पीछे नहीं हटेंगे। चाहे जान दे दें।
सवाल: यहां इलाज से आप संतुष्ट हैं?
पीड़िता की मां: यहीं ठीक हो जाए तो अच्छी बात है क्यूं इधर उधर ले जाएं। पीड़िता के सिर, चेहरे और सीने पर चोट लगी है। वकील साहब की हालत ज्यादा गंभीर है। पीड़िता की सांस ज्यादा चल रही थी। जबकि वकील साहब की हल्की सांस चल रही थी।