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14 December 2020

इंटरव्यू/भूमि पेडनेकर: “मैं हिंदी सिनेमा की बदलती रवायत की प्रोडक्ट”

File Photo

भूमि पेडनेकर दुर्गामति: द मिथ में शीर्षक भूमिका निभा रही हैं। यह अनुष्का शेट्टी की तमिल-तेलुगु फिल्म भागमति का हिंदी में रीमेक है, जो इसी हफ्ते अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज होगी। अपनी शुरुआती ही फिल्म दम लगा के हइशा में खूब तारीफ बटोर चुकी 31 साल की इस अभिनेत्री ने गिरिधर झा से अपने करिअर और बॉलीवुड में पांच साल बिताने के अनुभवों के बारे में बात की। पेश हैं अंश:

हाल ही में ट्रेलर रिलीज होने के बाद दुर्गामति: द मिथ चर्चा में है। अब यह विश्वभर में प्रदर्शित होगी, क्या आप नर्वस हैं? 

बिलकुल। पहली बार है कि कोई फिल्म पूरी तरह मेरे कंधों पर है। उम्मीद है कि यह दर्शकों को पसंद आएगी। यह फिल्म मेरे लिए बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि दुर्गामती ऐसी फिल्म का रूपांतरण है, जिसे पहले से ही बहुत पसंद किया गया है। फिल्म से जो नाम जुड़े हैं, उनकी वजह से भी थोड़ी नर्वसनेस है लेकिन साथ ही मैं इसे लेकर बहुत उत्साहित भी हूं।

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ट्रेलर देख कर लग रहा है कि यह फिल्म हॉरर, थ्रिलर, बदले की कहानी है। एक ही फिल्म सब कुछ। इस चरित्र निभाने के लिए तैयारी कैसे की?

मैं हर किरदार के लिए बहुत तैयारी करती हूं लेकिन इसके लिए विशेष रूप से की। इस रोल के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार करना बड़ा काम था क्योंकि इस चरित्र के बहुत सारे पहलू और रंग थे। मैं सिर्फ यह आश्वस्त करना चाहती थी कि भावनाओं की निरंतरता के संदर्भ में मैं किसी भी बिंदु पर चरित्र को न खो दूं। मेरे लिए यह भावनात्मक और शारीरिक दोनों रूप से चुनौतीपूर्ण फिल्म है, लेकिन यह सबसे संतोषजनक अनुभव भी था, जो मुझे एक कलाकार के रूप में मिला।

आप अक्षय कुमार के बैनर में निर्मित फिल्म में मुख्य भूमिका में हैं। क्या इससे आप पर अतिरिक्त जिम्मेदारी है?

बिलकुल। पहली बार है कि मैंने ऐसा कुछ किया है। फिल्म ने मुझे जो कैनवास और अवसर दिया है, उसने मुझे वास्तव में उत्साहित किया है। जिम्मेदारी वास्तव में बड़ी है, जो मैंने किसी दूसरी फिल्म में महसूस नहीं की। इसलिए मैं थोड़ी नर्वस हूं और उम्मीद कर रही हूं कि दर्शक इसे प्यार दें।

एक कलाकार के रूप में दक्षिण की किसी फिल्म का रीमेक एक कलाकार के रूप में आपके लिए आसान था या कठिन? शूटिंग शुरू होने से पहले चरित्र को समझने के लिए क्या आपने मौलिक फिल्म को देखा था?

मैं चाहती थी कि स्क्रिप्ट के बारे में, जो भी मेरी समझ हो वह मेरा चरित्र भी लगे। दुर्गामति साइन करने से पहले मैंने इसे देखा और वास्तव में इसे पसंद किया। हालांकि फिल्म साइन करने के बाद मैंने उस फिल्म को नहीं देखा क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि किसी अन्य कलाकार के किए चित्रण का प्रभाव मुझ पर हावी हो। मैंने हमेशा कोशिश की और चीजों को वैसे ही किया, जैसे मैंने समझा है। चरित्र चित्रण की प्रक्रिया मेरे लिए बहुत ही व्यक्तिगत है।

टॉयलेट एक प्रेम कथा (2017) में अक्षय आपके सह-कलाकार थे और अब वे निर्माता हैं। क्या दोनों भूमिकाओं में वे अलग हैं?

वे दोनों भूमिकाओं में शानदार हैं। वे उतने ही प्रेरित करने वाले और समर्पित हैं। बहुत सारी जिम्मेदारियों को वे जैसे संभालते हैं, वह मुझे आश्चर्यचकित कर जाता है। जितने भी लोगों से मैं मिली हूं, उनमें वे सबसे ज्यादा पेशेवर और मेहनती लोगों में एक हैं।

दुर्गामति में आप मुख्य भूमिका में हैं, जो ओटीटी पर रिलीज होगी। आपने थिएटर रिलीज को प्राथमिकता नहीं दी?

मैं इस पहलू को नहीं समझ पाती। एक कलाकार के तौर पर मैं सिर्फ यही चाहती हूं कि मेरी फिल्में दर्शकों तक पहुंचें और वही हो रहा है। यह न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बड़े पैमाने पर रिलीज हो रही है। मुझे बताया गया है कि यह 200 देशों के लोगों तक पहुंचेगी। यह ऐसा अनुभव है, जो एक कलाकार के रूप में दुर्लभ है और यह आपको अपने दर्शकों के आधार को बढ़ाने में मदद करता है। अमेजन प्राइम वीडियो के साथ हमने जो गठबंधन किया है उससे मैं बहुत खुश हूं। जहां तक इसके साथ थिएटर में भी रिलीज होने का सवाल है, यह निर्णय निर्माताओं को लेना था।

कोरोनावायरस महामारी वैश्विक स्तर पर अवरोध साबित हुई। नए प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी थी, जब अचानक सब कुछ लॉकडाउन होने के कारण रुक गया। साल की शुरुआत में ऐसा कुछ होने की उम्मीद थी?

ईमानदारी से, मुझे नहीं लगता कि हममें से किसी ने भी ऐसा अनुमान लगाया था। कहीं न कहीं मुझे उम्मीद थी कि जून-जुलाई तक सब कुछ खुल जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उम्मीद है, जल्द ही हमारे पास इसका टीका होगा। इस बीच, सरकार ने कोविड-19 दिशा-निर्देशों की जो बुनियादी जिम्मेदारी तय की है, गंभीरता से उनका पालन करने की जरूरत है।

पांच साल पहले आपने दम लगा के हईशा (2015) से शुरुआत की थी। आपका करिअर काफी व्यस्त रहा है। अब तक के अपने सफर को कैसे देखती हैं?

मेरी यात्रा काफी अच्छी रही। मेरी फिल्मों और मेरी भूमिकाओं को लोगों ने सराहा। दर्शकों ने मुझे जो प्यार दिया मैं उसकी आभारी हूं। मेरे करिअर में भी उतार-चढ़ाव आए। हर फिल्म ने मुझे बहुत कुछ सिखाया और बेहतर और विनम्र इनसान बनाया। पिछले पांच साल अब तक मेरे जीवन के अनुभवों को समृद्ध कर रहे हैं।

दम लगा के हईशा साइन करने से पहले आप यशराज फिल्म्स के साथ अलग तरह का काम कर रही थीं। क्या यह आपका भाग्य था, एक संयोग या फिर एक अचानक होने वाली घटना, जिसकी वजह से एक भूमिका मिली और आपका जीवन पूरी तरह बदल गया?

मुझे लगता है, यह मेरे भाग्य में था। मैं हमेशा से अभिनेत्री बनना चाहती थी, इसलिए मैंने अपने फिल्मी करिअर के लिए अपनी सारी ऊर्जा लगा दी और कायनात ने मेरी सुन ली गई। मुझे नहीं लगता कि मैं ‘एक्सीडेंटल कलाकार हूं।

आपने अपना डेब्यू तब किया, जब हिंदी सिनेमा मंथन के दौर से गुजर रहा था और बॉक्स ऑफिस पर महिला-केंद्रित फिल्में बहुत अच्छा व्यवसाय कर रही थीं। क्या इस दौर में आना आपके जैसे कलाकार के लिए मददगार साबित हुआ?

सौ फीसदी। मुझे लगता है, मैं हिंदी सिनेमा की बदलती रवायत का परिणाम हूं। निश्चित रूप से मैं नए जमाने के लेखकों और नए युग के फिल्म निर्माताओं की प्रोडक्ट हूं। यह कहते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरी फिल्में बदलाव का हिस्सा रही हैं। मैं उस बदलते दौर की कलाकार हूं, जिसे दर्शकों ने स्वीकार किया है। दम लगा के हईशा दस साल या शायद उससे थोड़ा पहले नहीं बन सकती थी। यह सोचना मुनासिब न होगा कि मैं सिर्फ अपनी कड़ी मेहनत के कारण यहां हूं। मैं यकीन से कह सकती हूं कि मुझे स्वीकार करने के बड़े हिस्से का क्रेडिट लेखकों, निर्देशकों और दर्शकों को जाता है।

काम के लिए आपको बहुत प्रशंसा मिलती है, लेकिन तब कैसा लगता है, जब फिल्म को व्यावसायिक सफलता नहीं मिलती। जैसे 2019 में प्रदर्शित सोनचिरिया? 

ऐसे अनुभव आपको प्रभावित करते हैं, कभी-कभी चोट भी पहुंचाते हैं, लेकिन आप इन सब से सीखते हैं। मुझे लगता है कि जीवन का हर अनुभव एक सबक है। इसलिए न मैं अपनी असफलता न ही अपनी सफलता को गंभीरता से लेती हूं। मेरा काम वही है, जिसकी मुझसे आशा की जाती है और मैं हर संभव अच्छा करने का प्रयास करती हूं। अभिनेता के रूप में मैं बस हर नई फिल्म के साथ यह करती रहती हूं। बाकी सब अस्थायी है। यही हमारे उद्योग की खूबसूरती है। यहां खूब अवसर हैं और खूब तेजी है इसलिए आपके पास न अपनी सफलता की खुशी मनाने का वक्त होता है न अपनी विफलता पर कुढ़ने का।

लंबे समय बाद बॉलीवुड में फिर शूटिंग शुरू हो गई है, आगे क्या?

नए साल में राजकुमार राव के साथ बधाई दो कर रही हूं।

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TAGS: Special Interview, Bollywood Actress, Bhoomi Pednekar, इंटरव्यू/भूमि पेडनेकर
OUTLOOK 14 December, 2020
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