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22 February 2021

मेरी तरह क्षमता और ख्याति वाले लोग केरल में भाजपा की मदद करेंगे : श्रीधरन

PTI Photo

टेक्नोक्रेट से राजनेता बने डॉ. ई श्रीधरन ने आउटलुक को बताया कि वह भारतीय जनता पार्टी में क्यों शामिल हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने सबरीमला मंदिर में महिलाओं पर प्रतिबंध और लव जिहाद से लेकर कृषि कानूनों तक के मुद्दों को लेकर अपनी राय दी है। पढ़ें साक्षात्कार के कुछ अंश:

राजनीतिक मैदान में उतरने का आपका फैसला कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात थी। 88 साल की उम्र में आपको यहां तक पहुंचने के लिए किसने प्रेरित किया और भाजपा ही क्यों?

मैंने अब अपनी सारी जिम्मेदारियां पूरी कर ली हैं। आखरी पलारियट्टोम फ्लाईओवर का पुनर्निर्माण है जो 10 मार्च तक पूरा हो जाएगा। मैंने महसूस किया है कि यह अपने अनुभव और प्रतिभा का उपयोग करके अपने ही केरल राज्य की सेवा करने का अच्छा अवसर है। मैंने इसी वजह से भाजपा में शामिल होने का फैसला किया।

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केरल में सीपीएम के नेतृत्व वाली एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ सरकारों को सत्ता में लाने का इतिहास है। एलडीएफ सरकार स्थानीय निकाय चुनावों में शानदार जीत के बाद एक मजबूती से खड़ी दिख रही है। सीपीएम और कांग्रेस राज्य में इसकी कम उपस्थिति को देखते हुए आपने भाजपा को क्यों चुना?

केरल में एलडीएफ और यूडीएफ के चक्रीय वैकल्पिक शासन ने राज्य में कोई विकास का कार्य नहीं किया। दोनो शासन में भ्रष्टाचार और घोटाले ज्यादा हुए है। नई एलडीएफ सरकार की एक सीमा है। हर कोई केवल वाम दलों के लिए काम कर रहा था। जो पिछले 20 सालों में राज्य में एक भी उद्योग नहीं ला सके। मेरी राय है कि भाजपा राज्य में अधिक विकास के लिए और भ्रष्टाचार का सफाया करने में सक्षम होगी।

‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून लाने' और गोमांस पर प्रतिबंध लगाने के बारे में आपकी राय ने बहस छेड़ दी है। केरल सबसे बड़े गोमांस लेने वाले राज्यों में से एक है और आपकी राय ने आलोचनाओं को जन्म दे दिया है। क्या आप अभी भी इस पर कायम हैं?

मैंने ये नहीं कहा है कि भाजपा लव जिहाद के खिलाफ कानून और गोमांस पर प्रतिबंध लगाएगी। किसी भी मामले में, बीफ खाने और लव जिहाद के मामले में केरल की बहुसंख्यक आबादी इसके विरोध में है। समाज के एक विशेष वर्ग का विश्वास जीतने और इसके किसी भी प्रयास को एक दोस्ताना और समझदारी तरीके से हल करना होगा।

भाजपा केरल में अपना पैर जमाने में विफल रही है वहीं इस राज्य में आरएसएस के सबसे ज्यादा सदस्य हैं। आपने यह भी कहा कि भाजपा को राज्य में एक नए चेहरे और नेतृत्व की आवश्यकता है। क्या आपको लगता है कि यह पार्टी के खिलाफ काम करने वाले विश्वसनीय और लोकप्रिय चेहरे की कमी है?

पिछले स्थानीय निकाय चुनावों में वोटों के प्रतिशत में वृद्धि के परिणामस्वरूप भाजपा को जनता द्वारा काफी स्वीकृति मिली है, हालांकि बहुमत जीतने का अंतर छोटा है। इसे बढ़ाना संभव होगा अगर ईमानदारी और ज्यादा क्षमता वाला व्यक्ति भाजपा में शामिल हो जाए।

भाजपा के सत्ता में आने पर आपने भी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा व्यक्त की है। क्या आपको इस संबंध में केंद्र या राज्य से कोई संकेत  (आश्वासन) मिला? हाल के स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान राज्य इकाई में आंतरिक दरार खुले में आ गई है। क्या आप पार्टी के मतभेद को दूर करने के लिए आश्वस्त हैं?

मुझे भाजपा से कोई संकेत (आश्वासन) नहीं मिला है कि अगर वे सत्ता में आते हैं तो मुझे मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। मैं इस तरह के वादों की उम्मीद नहीं रखता, लेकिन निश्चित रूप से मेरी क्षमता और प्रतिष्ठा वाला व्यक्ति भाजपा को बहुत बढ़ावा देगा। मुझसे जुड़े और लोग भाजपा में शामिल होना चाहते हैं। पार्टी में शुरुआती दरार के पहले ही संतोषजनक ढ़ंग से हल कर लिया गया है।

क्या आप आगामी विधानसभा चुनावों में मुख्य मुद्दे के रूप में प्रचारित सबरीमला मंदिर में महिलाओं के मासिक धर्म में प्रवेश के मुद्दे को आप कैसे उठाएंगे? जैसा कि कांग्रेस ने पहले ही इस संबंध में कानून प्रस्तावित किया है, आप इस मुद्दे पर किस तरह लेंगे?

हम सबरीमला के भक्तों की भावनाओं, विश्वास और सदियों पुरानी परंपराओं को बरकरार रखेंगे।

केरल सरकार ने नए कृषि कानूनों या नागरिकता अधिनियम (सीएए) और लव जिहाद जैसे कई मुद्दों पर केंद्र से अलग रुख अपनाया है। अकेले भाजपा विधायक सहित विपक्षी दलों ने विधानसभा में सीएए या नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्तावों का समर्थन किया है। आप इसे कैसे देखते हैं?

केरल में एलडीएफ और यूडीएफ दोनों ही हमेशा से केंद्र सरकार के विरोध में रहे हैं। यही मुख्य कारण है कि केंद्र सरकार की परियोजनाएं केरल में लागू नहीं हो पा रही हैं। केरल में भाजपा की सरकार बनी तो यह स्थिति बदल जाएगी। आने वाले चुनाव में भाजपा का मुख्य एजेंडा विकास उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा के मानकों में सुधार और राज्य को कर्ज के जाल या दिवालियापन से बचाना होगा।

नए कृषि कानूनों को लेकर आपका क्या ख्याल है? सरकार की प्रतिक्रिया की अंतरराष्ट्रीय समुदायों और मशहूर हस्तियों की ओर से तीखी आलोचनाएं हुई हैं। क्या आपको लगता है कि केंद्र सरकार इससे दूसरे तरीके से भी निपट सकती थी?

मुझे केवल केरल में रहने वाले लोगों के जीवन में विकास करने और मानक बढ़ाने में दिलचस्पी है। केरल के बाहर असंतुष्ट लोगों द्वारा किए जा रहे किसान आंदोलन में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है।

राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने की आपकी कोई योजना है?
नहीं।

आपने एक टेक्नोक्रेट से लेकर एक नेता तक हमेशा प्रमुख पदों पर स्वतंत्र रूप से काम किया है। आपकों क्या लगता है इस नई भूमिका में फिट होने के लिए और नई चुनौतियों के लिए आप तैयार हैं?

मैं एक राजनीतिक नेता के रूप में कार्य नहीं करूंगा। मैं एक टेक्नोक्रेट की ईमानदारी, अखंडता और क्षमता के साथ काम करना जारी रखूंगा। इसके लिए मुझे कोई कठिनाई नहीं होगी।

 

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TAGS: Dr E Sreedharan interview, Technocrat turned politician Dr E Sreedharan, टेक्नोक्रेट राजनेता बने डॉ. ई श्रीधरन, भाजपा में शामिल श्रीधरन, केरल के नेता श्रीधरन
OUTLOOK 22 February, 2021
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