कश्मीर में हिंदू असुरक्षित- अश्विनी कुमार
कश्मीर में भाजपा और पीडीपी गठबंधन की सरकार है। वहां हिंदुओं की स्थिति ठीक नहीं है?
बिल्कुल, मैं इस बात से सहमत हूं कि कश्मीर में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं। जिस तरह कश्मीरी पंडितों को भगाया गया उससे मुझे पीड़ा होती है। आज कश्मीरी पंडित अपने ही देश में शरणार्थी बन गए हैं।
भाजपा इसके लिए क्या कर रही है?
अब स्थितियां बदल रही हैं। आज आधे से ज्यादा कश्मीरी अपने को भारतीय कहने लगे हैं।
फिर विरोध किस बात का है?
भाजपा शुरू से ही धारा 370 की विरोधी रही है।
इसके लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
यह संविधान का मामला है। जब तक संविधान में संशोधन नहीं होगा तब तक कुछ नहीं हो सकता। लेकिन मैं इतना जरूर कह सकता हूं आज भाजपा का राज्य में जनाधार बढ़ा है।
लेकिन आप केंद्र सरकार से नाराज हैं?
ऐसा कुछ नहीं है। जहां गलत होगा तो नाराजगी जाहिर करने का अधिकार हैं लेकिन मेरी सरकार और भाजपा में पूरी आस्था है।
हिंदुत्व के मुद्दे पर आप क्या कहना चाहेंगे ?
हम हिंदुत्व की नहीं, अखंड भारत की बात करते हैं, राष्ट्रभक्ति की बात करते हैं। मैं जिस पार्टी से जुड़ा हूं वह राष्ट्रवादी पार्टी है। हिंदुत्व और अल्पसंख्यक का मुद्दा तो विरोधी पार्टियां उठाती हैं। अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए हिंदुत्व को हथियार बनाती हैं।
आपकी पुस्तक है ‘हिंदुस्तान में हिंदू होना गुनाह है’। आखिर क्यों?
जिस देश को हिंदुस्तान कहते हैं उस देश में आरक्षण की बात करना, अल्पसंख्यक की बात करना गलत है। आज देश की बहुसंख्यक आबादी हिंदू है लेकिन उनके हित की बात कोई नहीं कर रहा है। सबको साथ लेकर विकास की बात क्यों नहीं कोई करता। राजनीतिक दल अल्पसंख्यक, आरक्षण की बात करते हैं। इसलिए कभी-कभी पीड़ा होती है और उसी पीड़ा को मैंने अपनी पुस्तक में लिखा है।