Advertisement
22 April 2020

पीपीई, मास्क और दवा पर्याप्त

छत्तीसगढ़ में कोरोना से कोई मौत नहीं हुई है और 18 पॉजिटिव में से 10 मरीज ठीक होकर घर चले गए हैं। अब तक किसी को वेंटिलेटर में रखने की जरूरत नहीं पड़ी। ठीक होने वालों में उम्रदराज और युवा दोनों मरीज हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव का कहना है कि यहां संक्रमित लोग इलाज के लिए समय पर आए, इस कारण वे स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं, लेकिन यह नहीं मानना चाहिए कि छत्तीसगढ़ में इसका फैलाव नहीं होगा। यहां विदेश से आए लोगों के अलावा जिनकी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी, उनका भी टेस्ट पॉजिटिव निकला। कोरोना से जंग के लिए छत्तीसगढ़ कितना तैयार है और अब तक उठाए कदम समेत कई मुद्दों पर आउटलुक के विशेष संवाददाता रवि भोई ने सिंहदेव से बातचीत की। प्रमुख अंशः

संक्रमण रोकने के लिए राज्य सरकार ने अब तक क्या कदम उठाए हैं?

यहां पर केंद्र सरकार के निर्देशों के मुताबिक 27 जनवरी से तैयारी शुरू हो गई थी। विदेशों से आने वालों को क्वारंटाइन करने के स्थान चयन से लेकर बेड की व्यवस्था, कलेक्टरों की अध्यक्षता में रैपिड एक्शन टीम का गठन तक कर लिया गया था। 28 जनवरी से एयरपोर्ट पर विदेशों से आने वालों की स्क्रीनिंग और बुखार मापना शुरू किया गया, लेकिन बुखार मापने के अलावा उन्हें क्वारंटाइन किया जाता तो स्प्रेड का खतरा कम होता। पहले तो केवल चीन से आने वालों का ही बुखार जांचने के निर्देश थे, बाद में दूसरे देशों से आने वालों का भी मापा गया। एक मार्च के बाद 2,300 से अधिक लोग विदेश से आए। 

Advertisement

छत्तीसगढ़ में कितने लोगों को क्वारंटाइन किया गया। क्वारंटाइन का आधार क्या है?

10 अप्रैल तक राज्य में 85,485 लोग होम क्वारंटाइन में थे। इनमें बाहर से आए लोग भी हैं जो संक्रमित हो सकते हैं। प्रशासन इन पर नजर रखे हुए है। 87 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए। इनमें 1,530 लोगों को रखने की व्यवस्था है, लेकिन अभी 177 लोग हैं।

कितने लोगों का सैंपल लिया गया है। क्या जांच की गति धीमी है। इसके क्या कारण हैं?

10 अप्रैल तक 3,159 लोगों का सैंपल लिया गया, जिसमें से 3,053 की रिपोर्ट आई, जिसमें 18 पॉजिटिव मिले। 18 में से 10 स्वस्थ होकर घर चले गए। आठ की स्थिति स्थिर है। 88 सैंपल की रिपोर्ट बाकी है। छत्तीसगढ़ में एम्स रायपुर और मेडिकल कालेज जगदलपुर में जांच की सुविधा है। जो रोजाना 400-500 लोगों की जांच कर पा रहे हैं। केंद्र ने ही टेस्टिंग सेंटर तय किए हैं। अगले हफ्ते तक 75 हजार किट मिलने की उम्मीद है। इससे जांच तेज होगी।

क्या आप मानते हैं कि छत्तीसगढ़ में रिकवरी काफी अच्छी है?

मरीज प्रारंभिक चरण में ही आ रहे हैं। कोई गंभीर मरीज नहीं आया है। कोरोना की कोई दवा नहीं है, ऐसे में कह सकते हैं कि मरीज खुद ही ठीक हो रहे हैं।    

छत्तीसगढ़ में जिस तरह मरीज ठीक हो रहे थेउससे कहा जा रहा था कि राज्य जल्द कोरोना मुक्त होगालेकिन तबलीगी जमात वालों के संक्रमित मिलने से स्थिति बदल गईक्या सरकार को इसका एहसास था?

तबलीगी जमात वाले अलग-अलग राज्यों में गए। खुद संक्रमित हुए और दूसरों को भी संक्रमित किया। ये कैरियर के रूप में सामने आए।

क्या आप मानते हैं कि यह कम्युनिटी स्प्रेड है?

कम्युनिटी स्प्रेड पूरी दुनिया में है। छत्तीसगढ़ के 10 फीसदी लोग भी कम्युनिटी स्प्रेड में आते हैं तो बड़ी आबादी प्रभावित होगी। लॉकडाउन से इसे ही रोकने की कोशिश है। लोगों को सामाजिक दूरी बनाकर और सतर्क रहकर बचना होगा।

छत्तीसगढ़ भविष्य में कोरोना से जंग के लिए कितना तैयार है और कैसी व्यवस्था है?

संक्रमण एक दायरे में आया तो सरकार निपटने के लिए तैयार है। एम्स, रायपुर मेडिकल कालेज के अलावा चार अन्य मेडिकल कालेजों और जिला अस्पतालों में व्यवस्था की जाएगी। अभी 4,200 बैड का इंतजाम है। जरूरत पड़ी तो निजी अस्पतालों में भी व्यवस्था होगी। कुछ अस्पताल के संचालकों ने स्वयं प्रस्ताव दिया है। सरकार के पास प्लान बी और सी है। 

छत्तीसगढ़ में पीपीईमास्क और दवाई की क्या स्थिति है?

अभी के लिए पर्याप्त है। टेस्ट बढ़ेंगे और अचानक मरीज बढ़ गए तो और ज्यादा आवश्यकता होगी। इसकी मांग की गई है।

कोरोना से लड़ाई में केंद्र सरकार का कैसे सहयोग मिल रहा है और क्या अपेक्षा रखते हैं?

केंद्र से अभी 29 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली है। टेस्टिंग किट और दूसरे सामान भी भेजे जा रहे हैं। एम्स से जांच और इलाज में मदद मिल रही है। केंद्र के दिशा-निर्देश पर ही काम कर रहे हैं।

अभी कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में एम्स में ही कोरोना के इलाज की सुविधा है?

ऐसा नहीं है। यह केंद्रीकृत व्यवस्था बनाई गई है। एम्स में 500 मरीजों के इलाज की सुविधा है। छत्तीसगढ़ में अभी एम्स में दस से ज्यादा मरीज नहीं आ रहे हैं। वैकल्पिक व्यवस्था करके रखी गई है। जल्दी ही वैकल्पिक व्यवस्था का आकलन होगा।

लॉकडाउन के बाद का क्या प्लान है?

खेती के काम जारी रहेंगे। पंचायतों और रोजगार गारंटी और स्वरोजगार को प्रमोट किया जा सकता है। फैक्ट्री में ही कामगारों को रखकर उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा सकता है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Interview, Health Minister, Chhattisgarh, TS Singhdev
OUTLOOK 22 April, 2020
Advertisement