लड़कियों का आर्थिक स्वालंबन जरूरी - उमा भारती
नया साल नई योजनाओं को पुख्ता करने के लिए होता है, 2016 की आपकी योजनाएं?
योजनाएं बहुत सी होती हैं। लक्ष्य होना चाहिए। गंगा ही मेरी योजना और गंगा ही मेरा लक्ष्य है। मैं चाहती हूं, गंगा जोड़ो का काम आगे बढ़े, उसमें तेजी आए। आगामी 16 अक्टूबर को जब फेज वन के वक्त गंगा निर्मल दिखे। नदियों की इंटरलिकिंग महत्वाकांक्षी योजना है। केन-बेतवा उसे सात साल में पूरा करना है।
गंगा के अलावा क्या?
अचानक से मुझ पर गंगा हावी हो गई है। यह काम अपने आप तो होगा नहीं। सब मुझे सोचना है। जैसे लड़की की शादी में मदद तो बहुत से लोग करते हैं, लेकिन सोचना आपको ही पड़ता है।
गंगा सफाई अभियान बड़ा लक्ष्य है, इसे लेकर असफलता का भय सताता है?
भय तो नहीं बैचेनी जरूर होती है। कभी-कभी सोचती हूं पता नहीं कर पाऊंगी या नहीं। जो काम 3-3 प्रधानमंत्रियों, 5 राज्य सरकारों से नहीं हुआ वह मुझ से कैसे होगा। फिर खुद को मजबूत बनाती हूं, अपना संकल्प दोहराती हूं और काम में जुट जाती हूं।
महिला नेतृत्व दिखाई दे रहा है, फिर भी महिलाओं में स्वालंबन आना बाकी है। इसे कैसे बदला जा सकता है?
शिक्षा। सिर्फ शिक्षा ही इसकी कुंजी है। मैं जहां से सांसद हूं वहां अनपढ़ महिलाओं की अच्छी-खासी तादाद है। सेल्फ हेल्प ग्रुप और लड़कियों की शिक्षा के लिए काम करना होगा। सांसद विकास निधि से मैं कोशिश कर रही हूं कि कोई भी स्कूल शौचालय विहिन न हो। कई लड़कियां सिर्फ इस वजह से स्कूल जाना छोड़ देती हूं।