Advertisement
19 September 2020

'रिया जैसे रोल मॉडल पर नरमी ठीक नहीं': एनसीबी के महानिदेशक राकेश अस्थाना का इंटरव्यू

एनसीबी के महानिदेशक राकेश अस्थाना का कहना है कि रिया का मामला लोगों के लिए एक उदाहरण होगा और एजेंसी इसके लिए लगातार जरूरी साक्ष्य जुटा रही है।

रिया चक्रवर्ती प्रकरण में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) सुर्खियो में है। गुजरात काडर के 1984 बैच के आइपीएस अधिकारी और एनसीबी के महानिदेशक राकेश अस्थाना का कहना है कि रिया का मामला लोगों के लिए एक उदाहरण होगा और एजेंसी इसके लिए लगातार जरूरी साक्ष्य जुटा रही है। भावना विज-अरोड़ा ने इस मामले में आगे की संभावनाओं पर राकेश अस्थाना से बातचीत की। प्रमुख अंशः

 

Advertisement

देश में ड्रग का अवैध इस्तेमाल सामान्य बात हो चली है, किन वजहों से यह फल-फूल रहा है?

मैं यह मानता हूं कि नशे के लिए ड्रग्स का इस्तेमाल अब एक खतरा बनता जा रहा है। इसकी पहुंच समाज के सभी वर्गों तक हो गई है। इसकी एक बड़ी वजह भारत की भौगोलिक स्थिति है। भारत, गोल्डेन क्रीसेंट और गोल्डेन ट्रॉयंगल के बीच स्थित है। जिसकी वजह से यह अवैध ड्रग्स व्यापार एक देश से दूसरे देश पहुंचाने का आसान जरिया बन गया है। दुनिया की 95 फीसदी हेरोइन अफगानिस्तान और म्यांमार के खेतों से निकलती है। भारत की बड़ी जनसंख्या के कारण इसका बाजार भी काफी बड़ा है। ऐसे में ड्रग का अवैध कारोबार करने वाले जमीन और समुद्री दोनों रास्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हमारे कुछ पड़ोसी देश, ड्रग माफियाओं पर सख्त कार्रवाई नहीं करते हैं। इसके अलावा म्यांमार में विद्रोही राज्य शान और काचीन में हेरोइन और याबा गोलियों का निर्माण बड़े पैमाने पर होता है, जिनकी सीमाएं चीन से मिलती हैं।  इसके अलावा अवैध ड्रग्स बनाने के लिए रसायनों की तस्करी चीन और भारत से की जाती है, जो बाद में फिर से ड्रग्स के रूप में भारत पहुंच जाते हैं। इसी तरह कनाडा और अमेरिका से भेजी गई कोकीन ब्राजील और दुबई होते हुए भारत के पश्चिमी तट पर पहुंच जाती है।

आपने ड्रग कार्टेल की बात की है, इसके खिलाफ एनसीबी क्या कदम उठा रही है?

 एनसीबी देश में ड्रग कानूनों को लागू करने वाली  नोडल एजेंसी है। वह इसकी आपूर्ति करने वालों पर भी कार्रवाई करती है। यह एक छोटी एजेंसी है जो दूसरी सुरक्षा और संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर काम करती है। हमने दिल्ली, मुंबई, मणिपुर और मिजोरम सहित दूसरी कई जगहों से बड़े पैमाने पर अवैध ड्रग्स की जब्ती की है, जिसमें हमें नॉरकोटिक्स कोऑर्डिनेशन के जरिए दूसरी एजेंसी का सहयोग मिला है। नॉरकोटिक्स कोऑर्डिनेशन एजेंसी का 2019 में गठन किया गया है। हमने भांग और अफीम की अवैध खेती को खत्म किया है। ऐसा करना न केवल काफी कठिन है बल्कि इसके लिए काफी पैसे भी खर्च होते हैं। अगर आप केवल हेरोइन की कीमत देखें तो एक किलोग्राम की कीमत एक करोड़ रुपये है। यानी आधा ग्राम खरीदने के लिए करीब 1500 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। एक अनुमान के अनुसार देश में इस समय प्रतिदिन एक टन हेरोइन की खपत है। हमने देश भर के 100 ड्रग माफियाओं की पहचान की है। इनसे  संबंधित जांच चल रही है। कासरगोड नेटवर्क इन्हीं में से एक है। हम दूसरी एजेंसियों के साथ मिलकर नशा-मुक्त भारत या ड्रग-फ्री इंडिया के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

रिया चक्रवर्ती की जांच का मामला कैसे एनसीबी तक पहुंचा? क्या यह इतना बड़ा मामला है कि उसकी जांच एनसीबी को दी जाए?

 रिया का मामला कोई छोटा नहीं है। इसके जरिए एक व्यवस्थित रूप से चल रहे रैकेट का खुलासा हुआ है, जिसके तार दुबई और आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं। रेव पार्टियों के लिए अवैध ड्रग्स खरीदी जाती हैं। उससे होने वाली कमाई का इस्तेमाल आतंक फैलाने के लिए किया जाता है। क्यूरेटेड मरिजुयाना से बनाई गई एक किलोग्राम “बड” की कीमत आठ लाख रुपये है। रिया जैसे लोग युवाओं के लिए रोल मॉडल होते हैं, ऐसे में उन्हें माफ नहीं किया जा सकता है। हमें लोगों को ड्रग्स का इस्तेमाल रोकने के लिए एक उदाहरण पेश करना होगा।

क्या एनसीबी रिया के बयान के आधार पर बॉलीवुड के लोगों से पूछताछ करेगा?

अभी हम साक्ष्य जुटाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उसके बाद ही बड़े लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम बहुत मेहनत से काम कर रहे हैं और हम समस्या की जड़ तक जरूर पहुंचेंगे।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: रिया चक्रवर्ती, राकेश अस्थाना, एनसीबी महानिदेशक, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, मादक पदार्थ, सुशांत सिंह राजपूत, इंटरव्यू, Rhea Chakraborty, Rakesh Asthana, NCB Director General, Narcotics Control Bureau, Narcotics, Sushant Singh Rajput, Interview
OUTLOOK 19 September, 2020
Advertisement