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12 July 2020

समलैंगिक विषयों पर बनी फिल्में भी सामान्य फिल्मों की तरह ही हैं: दिव्या दत्ता

शीर कोरमा  एलजीबीटी विषय पर नई फिल्म है। यह फिल्म दो समलैंगिक महिलाओं की कहानी है। फिल्म बताती है कि दोनों कैसे स्वीकृति के लिए अपने परिवार और समाज के खिलाफ लड़ाई लड़ती हैं। फिल्म की मुख्य भूमिकाओं में से एक दिव्या दत्ता भी हैं। उन्होंने आउटलुक की लक्ष्मी दे राय से अपनी भूमिका और फिल्म को चुनने के बारे में बात की।

शीर कोरमा  में अपनी भूमिका के बारे में बताएं

यह सायरा और सितारा की कहानी है। मैं सायरा की भूमिका निभा रही हूं। फिल्म में सायरा और उसकी साथी के बीच खूबसूरत रिश्ता दिखाया गया है और कैसे वह अपनी मां से इसकी स्वीकृति चाहती है। इस चरित्र में कई परतें हैं, यह बहुत खूबसूरत और बेहद भावपूर्ण है। यह फिल्म मेरे लिए वास्तव में खास है। इस फिल्म को स्वीकार करने से पहले मैंने छह महीने का ब्रेक लिया था। क्योंकि मैं यह समझने की कोशिश कर रही थी कि आखिर मैं चाहती क्या हूं। इस अवधि के बाद सबसे पहले मेरे पास यह प्रस्ताव आया और मैंने 'हां' कह दिया। फिल्म के निर्देशक फराज अंसारी ने मुझसे कहा कि अगर मैंने सायरा की भूमिका नहीं निभाई, तो वह फिल्म ही नहीं बनाएंगे, क्योंकि यह भूमिका सिर्फ मेरे निभाने के लिए है। और जब मैंने फिल्म की कहानी सुनी तो मैंने उन्हें तुरंत हां कह दिया। फिल्म बहुत सहज नहीं है लेकिन मुझे लगा कि कहानी में कुछ ऐसा है, जिसे लोग देखेंगे और निश्चित तौर पर इसे देखने के बाद वे कुछ पाएंगे।

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इस भूमिका को निभाने के लिए आपके अंदर कोई झिझक थी?

आप जानती हैं कि मैं इस बारे में कभी परेशान नहीं होती कि लोग क्या बातें करते हैं। मैं बस अपने मन की सुनती हूं। मुझे पूरा यकीन है कि यह ऐसी भूमिका थी, जिसे एक अभिनेत्री के रूप में मैं निभाना चाहती थी। जिस पल मैं सेट पर जाती थी, मैं सायरा बन जाती थी। मेरी पूरी बॉडी लैंग्वेज बदल गई थी। इस भूमिका को निभाते वक्त मुझे बहुत अच्छा लगा। इस फिल्म को करने के बाद, मुझे लगता है मैं एलजीबीटीक्यू समुदाय से कहीं अधिक अच्छे तरीके से जुड़ गई हूं। यह दो लोगों के बीच एक सुंदर रिश्ता है जो अपने ही लोगों द्वारा प्यार और स्वीकार्यता चाहते हैं। स्वीकार किए जाने की इच्छा का यह आग्रह बहुत ही महत्वपूर्ण है।

भाग मिल्खा भाग  और बदलापुर  जैसी फिल्मों के लिए आपको काफी सराहना मिली है। आप सोच-समझ कर ऐसी भूमिकाएं चुनती हैं या ये सिर्फ आपको मिल जाती हैं?

ये मुझे मिल जाती हैं। लेकिन जब ये मुझे मिलती हैं तो मैं इसमें अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करती हूं। यह ऐसा ही है कि कोई आपको एक अच्छी रेसिपी दे और आप उसमें अपनी ओर से सुधार करें और फिर वह तरीका आपका अपना हो जाए।

 

एलजीबीटीक्यू समुदाय पर आधारित फिल्मों पर आपका क्या विचार है?

मुझे लगता है, कभी-कभी, जब हम किसी बात को मुद्दा बनाते हैं और उसे सामान्य से अलग करते रहते हैं, तो यह असामान्य हो जाता हैI इसलिए हमें इन फिल्मों को सामान्य रूप में लेना चाहिए और 'इस तरह की फिल्में' कह कर उन्हें अलग नहीं करना चाहिए। मुझे लगता है, हमें इस तरह की भूमिकाओं को सहजता से लेना चाहिए ताकि लोग इस विचार को आसानी से ले पाएं। हमारी आदत है कि हम फिल्मों को महिला प्रधान कह कर इस पर एक लेबल चस्पा कर देते हैं। हमें इसे सिर्फ एक फिल्म के तौर पर लेना चाहिए, जो विभिन्न विषय पर बनी है। अगर ऐसे निर्देशक हैं जो एलजीबीटीक्यू समुदाय पर फिल्म बनाना चाहते हैं तो वे इसे बनाएंगे और दर्शक इसे देखेंगे। शुभ मंगल सावधान जैसी कई फिल्में हैं जो हाल ही में हिट रही हैं।

आपको लगता है, समय के साथ दर्शकों ने भी खुद को बदल लिया है और वे फिल्मों के चुनाव के बारे में ज्यादा सतर्क हो गए हैं?

लोग चयन करने में अब बहुत सजग और तेज हो गए हैं। वे जानते हैं कि वे क्या देखना चाहते हैं। यह निर्माताओं और दर्शकों दोनों के लिए रोमांचक समय है।

आपका पसंदीदा मंच कौन सा है?

जब मैं इस उद्योग में आई थी, तो मैं उन बहुत कम अभिनेत्रियाें में से एक थी जो सभी प्लेटफार्मों पर थे। एक अभिनेता होने के नाते मेरा विचार था कि मैं जो भी भूमिका करूं वो अव्वल होनी चाहिए। आज ओटीटी पर कई बड़ी फिल्में आ रही हैं जो कि वास्तव में नए रास्ते की तरह है। सभी बड़े सितारे इसमें शामिल हैं। मैं वास्तव में कभी परवाह नहीं करती कि मेरी फिल्म किस मंच पर आ रही है। केवल एक चीज जो मेरे लिए महत्वपूर्ण है, वह यह है कि मैं जो कुछ भी कर रही हूं, वह श्रेष्ठ हो और मैं उसी समय इसका आनंद लूं। केवल एक चीज है जिसके बारे में मुझे संदेह रहता है और वह है टेलीविजन क्योंकि मैं एक जैसी भूमिकाएं करते हुए ऊब महसूस करती हूं। और यदि मुझे ऐसा लगता है, तो मुझे नहीं लगता कि दर्शकों को भी मुझे देखने में आनंद आएगा।

 

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TAGS: Queer Love Stories, Divya Dutta, Lachmi Deb Roy, Mumbai, Bollywood, Gays-Bisexuals-Lesbians and Transgendered (LGBT), Gender Equality, Arts & Entertainment, Interviews, शीर कोरमा, समलैंगिक, दिव्या दत्ता
OUTLOOK 12 July, 2020
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