स्मार्ट सिटी नहीं, स्मार्ट गांव बनाना होगा- जयप्रकाश यादव
बिहार में महागठबंधन की जीत को आप किस रूप में देखते हैं?
बिहार की जनता समझदार है और वह मुद्दों को जानती है समझती है। अगर कोई साजिश करके जनता को गुमराह करेगा तो वह बर्दाश्त नहीं होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी ने जनता को गुमराह करने का काम किया। जिसके जवाब में जनता ने महागठबंधन को चुना।
लेकिन लड़ाई और अगड़ा बनाम पिछड़ा की हो गई थी?
ऐसा नहीं है। राष्ट्रीय जनता दल का फांउडेशन ही सामाजिक न्याय का है। इसलिए जनता हमारे साथ है। हमारी विचारधारा को सभी लोग मानते हैं।
महागठबंधन को लेकर कहा जा रहा है कि ज्यादा दिन तक नहीं चल पाएगा?
ऐसा विरोधी लोग कह रहे हैं। चुनाव से पहले भी कहा जा रहा था कि महागठबंधन सीटों के बंटवारे को लेकर बंट जाएगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस चुनाव ने यह साबित कर दिया कि शब्दों का सब्जबाग दिखाकर सत्ता हासिल नहीं की जा सकती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से बिहार की जनता की भावनाओं को आहत किया उसे जनता ने भली-भांति समझा। अच्छे दिन का नारा सवा साल में खत्म हो गया।
लेकिन केंद्र सरकार तो बड़े-बड़े दावे कर रही है कि स्मार्ट सिटी बनाई जा रही है। इस बारे में क्या कहेंगे?
केवल शहरों का विकास कर देने से विकास नहीं होगा। स्मार्ट सिटी नहीं स्मार्ट गांव बनाएं जाएं तब तो माना जाए कि सरकार कुछ कर रही है। लेकिन सरकार केवल कागजों में हवा-हवाई बातें कर रही है। जमीन पर कोई काम नहीं दिख रहा है।
असहिष्णुता पर बहस हो रही है, इस बारे में आपकी क्या राय है?
सहिष्णु होना, सहिष्णु रहना यह भारतीय सभ्यता और संस्कृति है। लेकिन जिस तरह के बयान आ रहे हैं वह गंभीर हैं। कोई कहता है कि शाहरूख खान की फिल्म नहीं देखनी चाहिए। मैं पूछता हूं कि हम शाहरूख खान को देखने जा रहे हैं या फिर किरदार को। हम हिंदू और मुसलमान को देखने नहीं जाते हैं। जो किरदार है जैसी कहानी उसे देखते हैं। इस तरह का बहस करने से देश का भला होने वाला नहीं है। सरकार का ध्यान महंगाई कम करने, काला धन वापस लाने, मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाने का होना चाहिए। लेकिन सरकार इन मुद्दों को भूल चुकी है।