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13 November 2019

दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना मुश्किल, कल से हालात सुधरे लेकिन अभी भी स्थिति गंभीर

File Photo

दिल्ली और एनसीआर में फिलहाल प्रदूषण से राहत मिलती नहीं नजर आ रही है। दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर हवा जहरीली हो गई है, कल यानी मंगलवार के मुकाबले आज प्रदूषण का स्तर कम जरूर है लेकिन बेहद खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। फिलहाल हवा की गुणवत्ता बेहत खतरनाक स्थिति में बनी हुई है। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों की माने तो ऐसा हुआ है पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने, तापमान में आई कमी और धीमी गति से चल रही हवा के कारण। दिल्ली-एनसीआर की हवा, प्रदूषण के मामले में आपातकालीन स्थिति है यानी हम सांसों के साथ लगातार अपने फेफड़ों में जहर घोल रहे हैं।

राजधानी दिल्ली में वायु की गुणवत्ता 463 दर्ज की गई तो वहीं, ग्रेटर नोएडा में आज सुबह एक्यूआई 458 पहुंच गया। नोएडा में 472 और फरीदाबाद में यह बढ़कर 441 पर पहुंच गया। राजधानी दिल्ली में कल रात लोधी रोड इलाके में पीएम 2.5 500 जबकि पीएम 10 497 दर्ज की गई जो कि हमारे और आपके लिए बेहद खतरनाक है। प्रदूषण की वजह से दिल्ली एनसीआर के लोगों का घर से बाहर आना मुश्किल हो गया है।

 

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इससे पहले दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता सोमवार को ‘गंभीर’ श्रेणी के नजदीक रही। खेतों में पराली जलाने में बढ़ोतरी, वायु की गति में कमी और प्रदूषकों के फैलाव में तापमान के चलते बाधा आने के कारण हालात तेजी से बिगड़े हैं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी सेवा सफर के मुताबिक मंगलवार को भी वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में आ पहुंची। दिल्ली का सकल एक्यूआई सोमवार को शाम चार बजे 360 था, जो रविवार को 321 के मुकाबले अधिक है।

दिल्ली-एनसीआरकी हवा प्रदूषण के मामले में आपातकालीन स्थिति में

वायु प्रदूषण की जांच करने वाली सरकारी संस्था सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने चेतावनी दी है कि आज यानी बुधवार को दिल्ली-एनसीआर की हवा प्रदूषण के मामले में आपातकालीन स्थिति में है। भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने ट्वीट पर कहा कि प्रदूषण को लेकर भविष्यवाणी (हरे रंग में) बताती है कि 14 नवंबर तक वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीरतम की स्थिति में पहुंच जाएगा. यानी हवाओं में प्रदूषण की इमरजेंसी लागू है।

प्रदूषण के बढ़ने पर लोगों को ये हो रही हैं दिक्कतें

प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंच जाने से लोग एलर्जी, आंखों में जलन और खुजली सहित कई तरह की समस्याएं लेकर उनके पास पहुंच रहे हैं। आंख रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा देखा जा रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है। बता दें कि दिवाली के बाद दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में एक्यूआई करीब 1000 के करीब पहुंच गया था।

बढ़ते प्रदूषण के पीछे ये हैं वजहें

सर्दियों के आगाज के साथ ही, न्यूनतम तापमान में गिरावट से हवा में ठंडक बढ़ गई है और भारीपन आ गया है, जिससे प्रदूषक तत्व जमीन के निकट जमा हो रहे हैं. भारतीय मौसम विभाग के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि हवा की गति में कमी आने के चलते प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. उन्होंने बताया कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने में बढ़ोतरी हुई है, जिसका असर भी दिल्ली-एनसीआर में देखने को मिल रहा है.

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TAGS: Air pollution crisis, Toxic smog, engulfs, Delhi, AQI, plunges, 'severe plus'
OUTLOOK 13 November, 2019
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