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19 March 2021

गायंत्री मंत्र करेगा कोविड का इलाज?, एम्स ऋषिकेश कर रहा है रिसर्च

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश कोरोना मरीजों पर सामान्य इलाज के अलावा गायत्री मंत्र के जाप और प्राणायाम करने के प्रभाव पर शोध कर रहा है। इसके लिए 20 रोगियों की पहचान की गई है और उन्हें दो समूहों ए और बी में विभाजित किया गया है। 14 दिनों तक चलने वाले इस ट्रायल में अस्पताल शरीर में होने वाले बदलाव को देखेगा।

ग्रुप ए दस कोरोना मरीज सामान्य इलाज के साथ-साथ एक घटे सुबह और शाम प्राणायाम के अलावा गायत्री मंत्र का जाप भी करेंगे जबकि ग्रुप बी के अन्य 10 मरीज केवल कोरोना का सामान्य इलाज ले रहे हैं। 14 दिनों तक चलने वाले इस ट्रायल में अस्पताल शरीर में होने वाले बदलाव का जांच करेगा।।

परीक्षण की शुरुआत से पहले, सी-रिएक्टिव प्रोटीन सभी बीस मरीजों मेइंटरलेयुकिन 6 (IL6) के स्तर, चेस्ट एक्स जैसे कई अन्य चीजों को भी देखेगा, जो सामान्य तौर पर बदलाव के तौर पर देखे जाते हैं। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा प्रायोजित इस अध्ययन के तहत परीक्षण के 14 दिनों के बाद, अस्पताल मरीजों पर इन सभी परीक्षणों को दोहराएगा। परीक्षण में समूह ए जिसने गायत्री मंत्र का जप किया और प्राणायाम किया, समूह बी में आए बदलाव को देखेगा।

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एम्स में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में सहायक प्रोफेसर और मुख्य जांचकर्ता डॉ रुचि दुआ ने अध्ययन के बारे में कोई भी विवरण देने से इनकार कर दिया। हालांकि, डीएसटी के सूत्रों ने पुष्टि की है कि दो समूह बनाए गए हैं और परीक्षण पहले से ही चल रहा है। सूत्र ने कहा, "अध्ययन के बाद, रिपोर्ट संकलित की जाएगी और इसके प्रकाशन के बारे में निर्णय लिया जाएगा।"

भारत के क्लिनिकल ट्रायल रजिस्ट्री की वेबसाइट पर उपलब्ध विवरण के अनुसार, पूरी परियोजना "अस्पताल के कोविद -19 रोगियों में बदलाव के संदर्भ में गायत्री मंत्र और प्राणायाम के प्रभाव को देखने के लिए एक पायलट अध्ययन है।" परियोजना को इस साल 5 फरवरी को वेबसाइट पर पंजीकृत किया गया था।

अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले ट्रायल ग्रुप के मरीजों को घर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रा गायत्री मंत्र का जाप करने और णायाम करने के निर्देश मिलेंगे। इन मरीजों को गायत्री मंत्र और प्राणायाम कैसे करें, इस पर वीडियो और चित्र भी दिए गए हैं।

सीटीआरआई को अस्पताल द्वारा प्रस्तुत सारांश में कहा गया है, “सॉर्स-कोविड-2 की वजह से कोरोनावायरस मुख्य वायरस में से एक है जो मुख्य रूप से मानव श्वसन प्रणाली को प्रभवित करता है। गायत्री मंत्र हिंदुओं की सबसे पवित्र प्रार्थना है। इस वायरस का अभी तक कोई प्रभावी उपचार या वैक्सीन नहीं है।”

इसमें कहा गया है, '' वैज्ञानिकों ने इस महामारी से लड़ने के लिए समय पर किसी चमत्कारिक इलाज / वैक्सीन के लिए दौड़ लगाई है, जिसने दुनिया को जकड़ लिया है। इस परिदृश्य में प्राणायाम और गायत्री मंत्र जप की भूमिका का उपयोग किया गया है, जो अन्य बीमारियों में इस्तेमाल किया गया है और यह दर्शाता है कि आशाजनक प्रभाव मिल सकते हैं।”

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OUTLOOK 19 March, 2021
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