चीन में कोरोना वायरस ने ली 1,113 लोगों की जान, बीजिंग पहुंची WHO की टीम
कोरोना वायरस दिन पर दिन अपने पैर पसारते जा रहा है, इस वायरस की चपेट में आने से कई लोगों ने अपनी जान से हाथ धो दिया है। हाल ही में एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक मौत का आंकड़ा अब 1,113 पार कर चुका हैं। वायरस का असर भारत में भी देखा जा रहा है। इसके अभी तक 44,200 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
हुबेई के स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि हुबेई प्रांत में इससे 94 और लोगों की जान चली गई, जहां इस विषाणु के कारण अब तक सबसे अधिक लोग मारे गए हैं। उसने बताया कि इसके 1,638 नए मामले भी सामने आए है और चीन में अभी तक इसके 44,200 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
80 भारतीय छात्र अभी भी वुहान में मौजूद
इससे पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस के बारे में अपनी ओर से एक बयान दिया था। उस बयान पर विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनसे स्पष्टीकरण पूछा था और उन्हीं स्पष्टीकरणों के जवाब में विदेश मंत्री ने यह जानकारी दी। विदेश मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने चीन के वुहान क्षेत्र में भारतीय छात्रों को स्वदेश लाने के लिए दो उड़ानें भेजी थीं। उन्होंने बताया कि 80 भारतीय छात्र अभी वुहान में ही हैं। इनमें से 70 छात्र स्वेच्छा से वहां रुके हैं।
केरल में कोरोना वायरस के तीन पॉजिटिव मामले आए सामने
स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दिए बयान में कहा कि अभी तक केरल से कोरोना वायरस के तीन पॉजिटिव मामलों का पता चला है। तीनों का चीन के वुहान की यात्रा करने का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि इन तीनों लोगों को पृथक किया गया है और क्लीनिकल आधार पर उनकी स्थिति स्थिर बताई गई है। हर्षवर्धन ने बताया कि सरकार ने स्थिति पर निगरानी रखने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में मंत्रियों का एक समूह बनाया है।
1,113 से ज्यादा लोगों की मौत 44,000 से अधिक संक्रमित
बता दें अभी तक इस वायरस से चीन में 1,110 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और 42,000 से अधिक को संक्रमित किया है। कोरोना वायरस के मामले कई अन्य देशों में भी सामने आए हैं। किसी भी टीके को तैयार करने में अमूमन वर्षों लग जाते हैं और यह जानवरों पर परीक्षण, मनुष्यों पर क्लिनिकल परीक्षण तथा नियामक स्वीकृतियां प्राप्त करने की एक लंबी प्रक्रिया है लेकिन विश्वभर में विशेषज्ञों की कई टीमें कोरोना वायरस के लिए जल्द से जल्द टीका विकसित करने की कोशिश में जुटी हैं।
विश्व के लिए बहुत बड़ा खतरा है कोरोना वायरस: डब्ल्यूएचओ अध्यक्ष
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा था कि कोरोना वायरस विश्व के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है। डब्ल्यूएचओ अध्यक्ष टेडरोस अधनोम घेबरेसुस ने यहां कोरोना वायरस संकट के विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी में उद्घाटन भाषण देते हुए अपने विचार रखे। उन्होंने कहा, ‘चीन में इसके 99 प्रतिशत मामले पाए गए हैं इसलिए उस देश के लिए यह आपदा है लेकिन शेष विश्व के लिए भी यह बहुत बड़ा खतरा है’।
बीजिंग पहंची डब्ल्यूचओकी टीम
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूचओ) के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक टीम ब्रुस एलवर्ड (आपात स्वास्थ्य स्थितियों के दिग्गज) के नेतृत्व में सोमवार रात बीजिंग पहुंची थी। टीम ने मंगलवार को कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने को लेकर चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ चर्चा शुरू की। दो दिवसीय संगोष्ठी में वैज्ञानिक इस विषाणु के फैलने और इसका संभावित टीका विकसित करने पर विचार होगा। टेडरोस ने कहा, ‘सबसे जरूरी यह है कि इस विषाणु को फैलने से रोका जाए और जिंदगियां बचाई जाएं। आपके सहयोग से हम यह मिलकर कर सकते हैं’।
चीन में 31 दिसंबर को सबसे पहले इस विषाणु की पहचान हुई थी
पहली बार, चीन में 31 दिसंबर को सबसे पहले इस विषाणु की पहचान हुई थी। तब से इससे 1000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, 42 हजार से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं और यह 25 देशों में फैल चुका है। संगोष्ठी में भाग लेने वाले वैज्ञानिक इस विषाणु की उत्पत्ति पर भी विमर्श करेंगे।
माना जा रहा है कि विषाणु की उत्पत्ति चमगादड़ों में हुई होगी और यह मनुष्य में सांपों और पैंगोलिन जैसे जीवों के जरिए फैला होगा। ऑस्ट्रेलिया, चीन, फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका की कई कंपनियां और संस्थान कोरोना वायरस का टीका विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं।