लॉकडाउन के चलते देश के कई हिस्सों में इंसुलिन और अन्य दवाओं की आपूर्ति हुई प्रभावित
डायबिटीज के मरीजों को कुछ दिनों के लिए ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ सकती है क्योंकि इंसुलिन के साथ-साथ कई अन्य ऐसी दवाओं की आपूर्ति कम हो रही है जिन्हें फ्रिज वगैरह में रखने की जरूरत होती है। फार्मासिस्ट एसोसिएशन का कहना है कि कई हिस्सों में कार्गों और घरेलू उड़ानें रद्द होने का असर इन दवाओं की आपूर्ति पर पड़ा है। इसके साथ ही वाहनों की अंतरराज्यीय आवाजाही रुकने से भी आपूर्ति श्रृंखला टूटी है। इसके अलावा क्रोकिन और डिगीन जैसी अन्य सामान्य दवाओं में भी कमी की शिकायतें हैं।
भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन (आईपीए) के अध्यक्ष अभय कुमार कहते हैं, “घबराहट में खरीदारी से अन्य जरूरी दवाओं में कमी एक इलाके या दो तक सीमित हो सकती है। हालांकि, लॉकडाउन के कारण आपूर्ति-श्रृंखला प्रभावित होने से फ्रिज में रखने वाली दवाओं पर असर पड़ा है।" नोएडा के समीर पुष्प का कहना है कि मुझे अपने रिश्तेदार के लिए साइक्लोस्पोरिन की जरूरत है। यह किडनी प्रत्यारोपण वाले मरीज के लिए जरूरी दवा है। लेकिन मुझे नोएडा में यह कहीं भी नहीं मिली। यह दिल्ली में केमिस्ट की दुकानों पर उपलब्ध है, लेकिन बार्डर लॉकडाउन के कारण मैं वहां नहीं जा सकता।
आवाजाही बनी समस्या
भारत में मधुमेह के मरीज हर महीने लगभग तीन से चार मिलियन इंसुलिन शॉट्स लेते हैं। इन्हें दो से आठ डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखना होता है। लॉकडाउन के साथ, रेफ्रीजेरेटेड वैन की आवाजाही एक समस्या बन गई। इंडियन फार्मास्युटिकल एसोसिएशन (आईपीए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष टीवी नारायण कहते हैं, "वाहनों को गुजरने के लिए विभिन्न राज्य प्राधिकरणों से अनुमति की जरूरत होती है। शुरुआत में कुछ दिनों के लिए आपूर्ति में देरी की वजह से देश के कुछ हिस्सों में कुछ कमी हुई।"
टूटी है दवाओं की आपूर्ति श्रृंखला
वन एमजी ऑनलाइन दवा कंपनी के सीईओ और संस्थापक अग्रज प्रशांत टंडन कहते हैं, "इंसुलिन इंजेक्शन और फ्रिज में रखी जाने वाली दवाओं की आपूर्ति श्रृंखला का मुद्दा हैं। निर्माताओं के साथ-साथ वितरकों और खुदरा विक्रेताओं को आपूर्ति अभी भी हल नहीं हुई है।" ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (डीसीजीआईI) ने अब राज्य औषधि नियंत्रण विभागों को निर्देश जारी किया है कि वे दवाओं को ले जाने वाले वाहनों की सुचारु आवाजाही सुनिश्चित करें। सरकार ने दवाओं की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर 011-23062487 भी शुरू किया है। अभय कुमार कहते हैं कि दवाओं की थोड़ी कमी हो सकती है लेकिन कुछ लोग व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर दशहत फैला रहे हैं। मैं सभी को आश्वस्त करता हूं कि कंपनियों के पास सभी आवश्यक दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है।