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01 June 2018

‘प्रचलित ब्‍लैक कॉफी से ज्यादा स्वास्‍थ्यवर्धक है ग्रीन कॉफी’

file photo

पिछले दिनों तंदूरी चाय की खूब चर्चा रही। कुछ इसी तरह की बात कॉफी को लेकर सामने आई है। यह सुनकर सामान्यतः मन में सवाल उठता ही है कि भई कॉफी तो कॉफी है, इसमें अब नया क्या? तो इसमें नया यह है ‌कि बहुचर्चित ‌दूधवाली यानी मिल्क कॉफी, हॉट कॉफी या फिर ब्लैक कॉफी आई। बल्कि ब्लैक कॉफी का चलन इधर कुछ बढ़ा है। ले‌किन, ठीक उसी तरह जैसे चाय के फ्लेवरों में ग्रीन टी। इसी तर्ज पर ज्यादा स्वास्‍थ्यवर्धक होने का दावा करते हुए स्वाद और सेहत की दुनिया में अपने नए तेवर, कलेवर और फ्लेवर के साथ जोरशोर से प्रवेश किया है—ग्रीन कॉफी ने। और इस फील्ड में नई पहल है—‘ग्रीन ब्रू’।

सवाल उठता है कि प्रचलित ब्लैक कॉफी और ग्रीन कॉफी में कौन बेहतर यानी हमारे स्वास्‍थ्य के लिए ज्‍यादा  हितकारी है?

दरअसल, फिटनेस की बढ़ती प्रवृत्ति से जिम में लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है और लोग शारीरिक सौष्ठव (मजबूती) के लिए नई कोशिशों के तहत ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों की ओर रुख कर रहे हैं और चाहे वह फल हों या सब्जियां और यहां तक कि पेय पदार्थ में भी वे ताजा उगाए उत्पादों का इस्तेमाल करना चाहते हैं। इस बारे में युवा उद्यमी और ग्रीनब्रू के सीओओ आदित्य गोयल का कहना है कि अब बड़ी संख्या में लोग नियमित कॉफी से ग्रीनब्रू की ग्रीन कॉफी की ओर रुख कर रहे हैं।

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ग्रीन टी भी एक व्यावहारिक विकल्प बन गई है, क्योंकि हर किसी को रोजमर्रा की जिंदगी में कैफीन चाहिए। लेकिन, 500-600 मिलीग्राम कैफीन के अधिक इस्तेमाल से बेचैनी, अपच और अनिद्रा की समस्या हो सकती है। इसलिए, हर किसी को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए कैफीन की उचित मात्रा पर ध्यान देना चाहिए।

अब मूल सवाल पर आते हैं कि ग्रीन कॉफी या ब्लैक कॉफी दोनों में कौन-सी कॉफी संतुलित स्वास्‍थ्य के लिए अधिक फायदेमंद है?

ग्रीन कॉफी का बीज (बीन) बिना भुना हुआ होता है और जब इन्हें भूना जाता है तो ब्राउन कॉफी बनती है। कॉफी बीज को भूनने से यह वजन घटाने वाले महत्वपूर्ण यौगिक को बनाता है, जिसे "क्लोरोजेनिक एसिड" के रूप में जाना जाता है। इस तरह, भुने हुए कॉफी बीज से तैयार कॉफी में सुगंध और अच्छा स्वाद आता है। लेकिन, इस प्रक्रिया में कॉफी में कैफीन भी ज्यादा मात्रा में बढ़ जाती है। इस कारण प्रचलित ब्राउन कॉफी आपका वजन घटाने में कारगर साबित नहीं होती।

ग्रीन ब्रू के गोयल बताते हैं कि एक कप ब्राउन कॉफी में कैफीन की मात्रा 100 मिलीग्राम से अधिक हो सकती है। इसलिए आप दिन में इसे ज्यादा नहीं पी सकते हैं। जबकि ग्रीन कॉफी में सिर्फ 20 मिलीग्राम कैफीन होता है। इसलिए इसे दिन भर में पांच बार तक पी सकते हैं और ब्राउन कॉफी की तुलना में वजन भी अधिक कम कर सकते हैं। इसलिए, ग्रीन कॉफी को ब्राउन कॉफी की तुलना में बेहतर और स्वस्थ विकल्प के रूप में माना जा सकता है। इसी‌लिए हम ग्रीन कॉफी पीने की स्‍वस्‍थ्‍ा सलाह के ग्रीन ब्रू लेकर आए हैं। 

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TAGS: Green Coffi], better, Reguler, स्वास्‍थ्यवर्धक, ग्रीन कॉफी, आदित्य गोयल
OUTLOOK 01 June, 2018
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