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22 February 2021

पहली बार: मृतकों के दिल को मशीन से जिंदा कर 6 बच्चों में किया ट्रांसप्लांट, मिली जिंदगी

ब्रिटेन के डॉक्टरों ने पहली बार एक विशेष तरह की मशीन का उपयोग करके ऐसे दिल का सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट कर लिया है, जो धड़कना बंद कर चुके थे। दरअसल ये हार्ट मृत घोषित हो चुके व्यक्तियों के थे। अब तक 6 बच्चों में ऐसे दिल को सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया जा चुका है। ये सभी बच्चे अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। इससे पहले सिर्फ उन व्यक्तियों का ही हार्ट ट्रांसप्लांट होता था, जो ब्रेन डेड घोषित होते थे।

ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के डॉक्टरों ने हृदय प्रत्यारोपण की तकनीक में एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। केंब्रिजशायर के रॉयल पेपवर्थ अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑर्गन केयर मशीन के माध्यम से मृत व्यक्तियों के दिल को जिंदा कर 6 बच्चों के शरीर में धड़कन दे दी।

बीबीसी के मुताबिक, यह ख्याति हासिल करने वाली यह विश्व की पहली टीम बन गई है। एनएचएस के ऑर्गन डोनेशन एंड ट्रांसप्लांटेशन विभाग के डायरेक्टर डॉ. जॉन फोर्सिथ ने कहा- ‘हमारी यह तकनीक ब्रिटेन ही नहीं, पूरी दुनिया में मील का पत्थर साबित होगी।

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इस तकनीक से 12 से 16 साल के 6 ऐसे बच्चों को नया जीवन मिला, जो पिछले दो-तीन सालों से अंगदान के रूप में हार्ट मिलने की प्रतीक्षा कर रहे थे। यानी लोग अब मरणोपरांत ज्यादा हार्ट डोनेट कर सकेंगे। अब लोगों को ट्रांसप्लांट के लिए लंबे वक्त तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।’


बता दें कि एनएचएस के डॉक्टरों ने ‘ऑर्गन केयर सिस्टम’ मशीन बनाई है। मृत्यु की पुष्टि होते ही डोनर के दिल को फौरन निकालकर इस मशीन में रखकर 12 घंटे तक जांचा जाता है और उसके बाद ही ट्रांसप्लांट किया जाता है। डोनर से मिले दिल को जिस मरीज के शरीर में लगाना है, उसके शरीर की आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन, पोषक तत्व और उसके ग्रुप का ब्लड इस मशीन में रखे दिल में 24 घंटों तक प्रवाहित किया जाता है।



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TAGS: नई तकनीक, हृदय प्रत्यारोपण, हार्ट ट्रांसप्लांट, Heart transplant, NHS doctors, transplants, children, ऑर्गन केयर सिस्टम
OUTLOOK 22 February, 2021
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