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27 July 2022

देश में मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे के बीच केंद्र सरकार सतर्क, वैक्सीन बनाने और किट के लिए निकाला टेंडर

प्रतिकात्मक तस्वीर

देशभर में मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे के बीच इस बीमारी की वैक्सीन को लेकर तैयारी तेज हो गई है। केंद्र सरकार इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरस्ट (ईओआई) या कहें टेंडर लेकर आई है। बताया जा रहा है कि ये ईओआई मंकीपॉक्स की वैक्सीन बनाने, उसका पता लगाने (जांच करने) वाली किट के लिए निकाला गया है।

वहीं, अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि आईसीएमआर के तहत पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) ने एक मरीज के नैदानिक नमूने से मंकीपॉक्स वायरस को अलग कर दिया है। यह नैदानिक किट और बीमारी के खिलाफ टीके के विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। भारत द्वारा वायरस को अलग करने के साथ आईसीएमआर ने वैक्सीन उम्मीदवार के विकास में संयुक्त सहयोग के लिए अनुभवी वैक्सीन निर्माताओं, फार्मा कंपनियों, अनुसंधान और विकास संस्थानों और इन-विट्रो डायग्नोस्टिक (आईवीडी) किट निर्माताओं से ईओआई भी आमंत्रित किया है।

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एनआईवी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. प्रज्ञा यादव ने कहा कि वायरस को अलग करना कई अनुसंधान और विकास करने की भारत की क्षमता को बढ़ाएगा। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने एक मरीज के नैदानिक नमूने से मंकीपॉक्स वायरस को सफलतापूर्वक अलग कर दिया है जो भविष्य में नैदानिक किट और टीके के विकास में मदद कर सकता है। चेचक के लिए जीवित क्षीण टीका अतीत में बड़े पैमाने पर टीकाकरण के लिए सफल रहा था। इसी तरह के दृष्टिकोण मंकीपॉक्स वैक्सीन बनाने के लिए आजमाए जा सकते हैं।

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एएनआई के मुताबिक, बुधवार को सूत्रों ने बताया कि कई दवा कंपनियों ने मंकीपॉक्स के खिलाफ संभावित टीके के विकास के लिए केंद्र के साथ चर्चा शुरू कर दी है। मंकीपॉक्स के खिलाफ वैक्सीन विभिन्न वैक्सीन निर्माण कंपनियों के साथ चर्चा में है, लेकिन इस तरह के किसी भी फैसले के लिए यह एक बहुत ही शुरुआती दौर में है। यदि इसकी जरूरत है तो हमारे पास संभावित निर्माता हैं। अगर भविष्य में इसकी जरूरत पड़ी तो विकल्पों की तलाश की जाएगी। वैक्सीन निर्माण कंपनियों में से एक ने कहा कि विशेष रूप से मंकीपॉक्स के लिए ऐसी कोई अगली पीढ़ी का टीका नहीं है और वायरस भी उत्परिवर्तित (म्यूटेंट) हो गया है। कंपनी ने कहा कि भविष्य में यदि मामले बढ़ते हैं तो वैक्सीन की आवश्यकता होगी। 

कई दवा कंपनियां सरकार के साथ मंकीपॉक्स के संभावित टीके पर चर्चा में लगी हुई हैं। भारत में अब तक मंकीपॉक्स के चार मामले सामने आ चुके हैं। तीन मामले केरल के हैं जबकि एक दिल्ली का है। एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि भारत इस बीमारी के खिलाफ पूरी तरह से तैयार है और घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसे मामलों की जांच के लिए हमारी रोग निगरानी प्रणाली और भी अधिक सक्रिय हो गई है। स्थिति नियंत्रण में है, चिंता और घबराने की कोई बात नहीं है।

बता दें कि अब तक देश में मंकीपॉक्स के चार कन्फर्म केस मिल चुके हैं। इनमें से तीन केरल में और एक दिल्ली में है। दिल्ली में पाया गया मंकीपॉक्स का पहला मरीज एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती है। वहीं, मंकीपॉक्स के कई संदिग्ध केस भी मिले हैं। इनका सैंपल टेस्ट के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि वे वायरस से संक्रमित हैं या नहीं।

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TAGS: ICMR, isolates monkeypox virus, development of diagnostic kits, vaccines
OUTLOOK 27 July, 2022
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