Advertisement
30 November 2018

भारत में रहते हैं दुनिया के एक-तिहाई अविकसित बच्चे

File Photo

भारत के बच्चों के बारे में ग्लोबल न्यूट्रिशन रिपोर्ट 2018 से बहुत खतरनाक संकेत सामने आए हैं। बाल पोषण और विकास के मामले में भारत काफी पीछे है। भारत उन देशों में शामिल है जहां अविकसित, कमजोर और ओवरवेट (वजनी) बच्चे रहते हैं। दुनिया के 150.8 मिलियन अविकसित बच्चों में से लगभग एक-तिहाई यानी 46.6 मिलियन बच्चे भारतीय हैं। इस रिपोर्ट ने देश में बाल पोषण को लेकर चिंता बढ़ाने का काम किया है।

यह रिपोर्ट कई और खतरनाक संकेत दे रही है

रिपोर्ट के अनुसार, इस समय दुनिया में 150.8 मिलियन बच्चे अविकसित हैं और उनमें से सिर्फ भारत में ही 46.6 मिलियन बच्चे हैं। कुपोषण के मामले में पहले ही भारत की स्थिति चिंताजनक है और यह रिपोर्ट कई और खतरनाक संकेत दे रही है। भारत के बाद नाइजीरिया में 13.9 मिलियन, पाकिस्तान में 10.7 मिलियन बच्चे अविकसित हैं। इन तीन देशों में ही विश्व के सभी अविकसित बच्चों में आधे से अधिक रहते हैं।

Advertisement

2015-16 में लगभग 10 फीसदी की गिरावट देखी गई

यह हालात ऐसे वक्त में है जब पहले की तुलना में भारत में अविकसित बच्चों के आंकड़े में काफी सुधार हुआ है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार, 2005-06 में अविकसित बच्चों की तुलना में 2015-16 में लगभग 10 फीसदी की गिरावट देखी गई। 2005-06 में यह आंकड़ा 48 फीसदी बच्चों का था जो कि 2015-16 में कम होकर 38.4 फीसदी ही रह गया। बच्चों का पूर्ण विकास नहीं हो पाना या लंबाई कम रहने का कारण लंबे समय तक भरपूर पोषण नहीं मिल सकना भी है।

कुछ जिलों में ऐसे बच्चों की संख्या 12.4% तक है तो कुछ जिलों में यह 65.1% है

ग्लोबल रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अविकसित बच्चों का अनुपात सभी राज्यों में एक सा नहीं है। भारत के 604 जिलों में से 239 जिलों में अविकसित बच्चों का प्रतिशत 40 फीसदी से अधिक है। कुछ जिलों में ऐसे बच्चों की संख्या 12.4 फीसदी तक है तो कुछ जिलों में यह 65.1 फीसदी तक भी है।

दुनिया भर में सबसे अधिक कमजोर बच्चे कम वजन और लंबाई के लिहाज से भी भारतीय ही हैं

अविकसित बच्चों के साथ ही भारत में कमजोर बच्चों की संख्या भी काफी अधिक है। दुनिया भर में सबसे अधिक कमजोर बच्चे कम वजन और लंबाई के लिहाज से भी भारतीय ही हैं। भारत में 25.4 मिलियन कमजोर बच्चे हैं, इसके बाद 3.4 मिलियन के आंकड़े के साथ नाइजीरिया का नंबर आता है। रिपोर्ट के अनुसार ऐसे बच्चों की संख्या में 2005-06 की तुलना में वृद्धि देखी गई है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: India, home to a third, world's stunted, children, Report
OUTLOOK 30 November, 2018
Advertisement