विश्व कैंसर डे पर बोले मनोहर पर्रिकर, मानव दिमाग किसी भी बीमारी का इलाज ढूंढ सकता है
आज यानि 4 फरवरी को विश्व कैंसर डे है। कैंसर दुनिया की कुछ चुनिंदा खतरनाक बीमारियों में से एक है। हालांकि, इस बीमारी को भी डॉक्टर लगभग ठीक कर देते हैं और एक समय के बाद लोग स्वस्थ जीवन जीने लगते हैं। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर वर्तमान में इसी बीमारी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कैंसर डे पर आज ट्वीट किया कि मानव दिमाग किसी भी बीमारियों का इलाज खोज सकता है।
मनोहर पर्रिकर अभी इस खतरनाक बीमारी का इलाज करवा रहे हैं। हालांकि, इलाज के दौरान भी वह गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में पूरा काम कर रहे हैं। उनके नाक में ड्रिप लगी हुई है। पर्रिकर पैंक्रियाज कैंसर से जूझ रहे हैं। वह फिलहाल नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती हैं।
कैंसर से जूझ रहे पर्रिकर ने किया ये ट्वीट
पर्रिकर ने कैंसर डे पर ट्वीट किया, ‘मानव मस्तिष्क किसी भी बीमारी का तोड़ खोज सकता है।’ गोवा के मुख्यमंत्री फरवरी 2018 से ही अग्न्याशय संबंधी बीमारी से पीड़ित हैं। तब से वह दिल्ली, न्यूयॉर्क, मुंबई और गोवा के अस्पतालों में इलाज करा चुके हैं। एम्स के सूत्रों ने शनिवार को बताया कि उनकी हालत स्थिर है।
एक खतरनाक बीमारी है कैंसर
दुनिया में कैंसर एक खतरनाक बीमारी है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2018 में इस बीमारी के कारण लगभग एक करोड़ लोगों की जानें चली गईं। यह गंभीर बीमारी इसलिए भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इसके लक्षणों को पता नहीं चलता है।
तीसरे और चौथे स्टेज में कैंसर और भी ज्यादा खतरनाक
कैंसर के अमूमन चार चरण होते हैं। पहले और दूसरे चरण में इस बीमारी का पता चलने पर इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है, लेकिन तीसरे और चौथे स्टेज में कैंसर और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है। इस गंभीर बीमारी को हर स्टेज में ठीक करने के लिए दुनिया के डॉक्टरों की उचित उपचार की तलाश जारी है।
ऐसे पहचानें कैंसर को
- आंत या मूत्राशय की आदतों में परिवर्तन
- घाव का जल्दी न भरना
- शरीर के किसी भी हिस्से से रक्तस्राव होना
-अचानक से वजन घटना या फिर भूख न लगना
- आहार निगलने में दिक्कत होना
- तिल या मस्से में कोई परिवर्तन
- लगातार खांसी या आवाज में भारीपन
- शरीर में कहीं भी गांठ हो और वह बढ़ रही हो (दर्द न हो तो भी दिखाएं क्योंकि कैंसर में दर्द बहुत बाद की स्टेज में होता है।)
क्या करें
- स्वस्थ जीवन शैली को अपनाएं
- अपना वजन सामान्य श्रेणी में रखें
-नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं
- भरपूर मात्रा में फलों एवं सब्जियों का सेवन करें
क्या न करें
- धूम्रपान व शराब का सेवन
- मसालेदार, तली हुई, संरक्षित और जंक फूड से परहेज
- नमक और चीनी का सेवन संतुलित मात्रा में करें
-महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल लंबे समय तक न करें। लंबे समय तक गोलियों का सेवन करने से स्तन कैंसर या लीवर कैंसर और हृदयघात का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे लें सरकारी मदद
कैंसर के उपचार के दौरान मरीज कुछ आर्थिक भार कम करने के लिए आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष, राष्ट्रीय आरोग्य निधि, स्वास्थ्य मंत्री विवेकाधीन अनुदान, केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) जैसी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।
- कैंसर पीड़ितों को रेलवे भी रियायत देता है, जिसके तहत कैंसर रोगी रेलवे में निशुल्क सफर कर सकते हैं।
- हवाई यात्रा में कैंसर पीड़ित को रियायत दी जाती है।
(कैंसर पीड़ितों को आवश्यक दस्तावेज: मरीज को कैंसर अस्पताल/कैंसर संस्थान द्वारा जारी प्रमाण-पत्र देना होता है।)
भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे ज्यादा
- 1,62,468 स्तन कैंसर के नए मामले दर्ज हुए
- 87,090 महिलाओं की मौत स्तन कैंसर से हुई
- 1,19,992 मुख कैंसर के नए मामले आए
- 72,616 लोगों की मुख कैंसर से मौत हुई
- 96,322 गर्भाशय के नए मामले दर्ज हुए
- 60,078 महिलाओं की गर्भाशय के कैंसर से मौत हो गई।