अब पास्ता भी हेल्दी फूड
पास्ता अब स्वास्थ्यकारी भोजन में तब्दील हो सकता है और इससे न वजन बढ़ेगा न कोई नुकसान होगा।
क्या...क्या कहा, सच में?
हां ऐसा होने जा रहा है। सेंट मिशेल हॉस्पिटल में किए गए नए अध्ययन में कहा गया है कि कार्बोहाइड्रेट को खराब समझा जाता है और इसे मोटापे के लिए जिम्मेदार समझा जाता है। लेकिन पास्ता के लिए यह नकारात्मक बात सच नहीं है।
अन्य ‘रिफाइंड’ कार्बोहाइड्रेट, जो रक्त में तेजी से अवशोषित होते हैं, पास्ता उस तरह नहीं होता। इसका कारण पास्ता का ग्लायसेमिक इंडेक्स निम्न होना है। यानी यह ब्लड शुगर लेवल को वैसे नहीं बढ़ाता जैसे उच्च ग्लायसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ बढ़ाते हैं।
शोधार्थियों की एक टीम ने उपलब्ध सभी अध्ययनों को परखने के बाद अपने अध्ययन की समीक्षा की और पाया कि पास्ता स्वास्थ्यकारी भोजन हो सकता है।
शोधार्थियों ने 30 अलग-अलग सैंपल चुने जिनमें करीब ढाई हजार लोगों पर किए गए ट्रायल थे। ये लोग पास्ता के बजाय दूसरे रूपों में कार्बोहाइड्रेट ले रहे थे और उन्हें लगता था कि वो जो खा रहे हैं वह निम्न ग्लायसेमिक इंडेक्स वाला खाद्य पदार्थ है और यह उनके लिए स्वास्थ्यकारी है।
अध्ययन में यह बात सामने आई कि पास्ता की वजन बढ़ाने में कोई भूमिका नहीं है, न ही यह शरीर में वसा की मात्रा बढ़ाता है। यहां तक कि अध्ययन में पाया गया कि पास्ता खाने से वजन में हल्की कमी आई। इसी से पता चलता है कि निम्न जीआई वाला पास्ता स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह नहीं है।
जिन लोगों पर यह ट्रायल किया गया वे लोग 3.3 सर्विंग के औसत से हर हफ्ते दूसरे प्रकार का कार्बोहाइड्रेट लेने के बजाय पास्ता खाते थे। एक सर्विंग का मतलब आधा कप पका हुआ पास्ता है। अध्ययन के लेखकों ने जोर देकर कहा कि इन परिणामों को कम ग्लायसेमिक इंडेक्स आहार के हिस्से के रूप में अन्य कम ग्लायसेमिक इंडेक्स खाद्य पदार्थों के साथ पास्ता को सामान्यीकृत किया गया है। उनका यह भी कहना है कि वजन कम होने को इसके सुबूत के तौर पर भी देखा जाए तो यह तो तय है कि पास्ता शरीर पर कोई खराब प्रभाव नहीं डालता है और इसे स्वास्थ्यकारी खाने के रूप में लिया जा सकता है। यह अध्ययन बीएमजे ओपन जरनल में प्रकाशित हुआ है।