अब सारी तकलीफें ऊंची एड़ी की जूतियों तले
ऐसी गंभीर टीम बना कर उस टीम से सैंडिल बनाने काम किसी को बहुत ही अगंभीर लग सकता है लेकिन वास्तव में यह टीम सैंडिल का ऐसा ढांचा तैयार करेगी जो आरामदायक ऊंची ऐड़ी का सैंडिल बनाने में मदद करेगा। जो महिलाएं ऊंची एड़ी का सैंडिल पहनना पसंद करती हैं, वही उसके दर्द से वाकिफ हो सकती है। अब ऐसा डिजाइन तैयार किया जाएगा जो न सिर्फ आरामदायक हो बल्कि ऐसा भी हो जो लचीला और पैरों को कष्ट न दे। डॉली सिंह कहती हैं, ‘सैंडिल मानव शरीर की तरह लचीला होना चाहिए। यह सिर्फ सैंडिल के मुलायम न होने की दिक्कत नहीं है। यह इंजीनियरिंग की बहुत ही गंभीर समस्या है।’
डॉली का कहना था कि या तो मैं बदसूरत से जूते पहनती या फिर स्टाइलिश दिखने के चक्कर में पैरों को कष्ट देती। इसके बाद उन्होंने सबसे पहले स्पेस एक्स के गैरे रेसमैन, एस्ट्रानॉट और रॉकेट साइंटिस्ट हेंस किंग्समैन, फैशन टेक्नोलॉजिस्ट अमांडा पार्क्स और ब्रिटिश हड्डी रोग विशेषज्ञ एंडी गोल्डबर्ग और मैट थॉमस को अपनी टीम में रखा।
सुश्री सिंह मानती हैं कि स्टेलेटो को नाइक के जूते की तरह आरामदायक नहीं बनाया जा सकता लेकिन कम से कम इसे पहनने लायक तो बनाया ही जा सकता है। स्टेलेटो का पहला ढांचा सिंगापुर में बनाया जाएगा। इसके बाद इसे थोड़ा स्टाइलिश बनाने के लिए इटली और ब्राजील भेजा जाएगा इसके बाद लगभग तीन महीने में आरामदायक स्टेलेटो पूरी तरह तैयार हो जाएगा।
इन स्टेलोटोस की पहली किश्त में से कुछ सैंडिल सेलेब्रिटीज को भेजे जाएंगे ताकि उनकी भी राय ली जा सके। वह कहती हैं, ‘अगले पांच सालों में मैं हर ऊंची एड़ी के सैंडिल को वैसा बना दूंगी जैसा मैं चाहती हूं।’