दिल का दौरा पड़ने से क्यों हो रही अधिक मौतें, WHO ने बताई वजह
समय के साथ-साथ लोगों की दिनचर्या में भी काफी बदलाव देखे जा रहे हैं। लोगों को काम की वजह से खुद के फिटनेस के लिए समय निकलना मुश्किल होता जा रहा है। जिसकी वजह से लोगों में हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा पड़ने के खतरे बढ़ गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अंतरर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार 2016 में किए गए एक शोध में सामने आया है कि कई घंटों तक काम करने की वजह से स्ट्रोक और हार्ट डिजीज से 7,45,000 लोगों की मौतें हुई हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक लंबे वक्त तक काम करना स्वास्थ्य के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। 2016 में हफ्ते में कम से कल 55 घंटे काम करने की वजह से 3,98,000 लोगों की स्ट्रोक और 3,47,000 लोगों की हार्ट की बीमारियों से मौत हुई। 2000 से 2016 के तक देखा गया कि लंबे वक्त तक काम करना हार्ट की बिमारी से होने वाली मौतों की संख्या 42 प्रतिशत और स्ट्रोक से होने वाली मौतों में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
ज्यादातर पश्चिमी प्रशांत और दक्षिण-पूर्व एशिया के क्षेत्रों वाले लोगों में काम की वजह से होने वाली मौतें दर्ज की गई है। जिसमें मध्यम उम्र वाले या बुजुर्ग शामिल हैं। इसके साथ ही 72 प्रतिशत मौते पुरुषों में देखी गई। ज्यादातक मौतें 60-79 और 45-74 उम्र के बीच हुई है। जिन्होंने प्रति हफ्ते 55 घंटें या उससे अधिक वक्त तक काम किया था।