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28 May 2019

विश्व माहवारी दिवस: शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी आवश्यक

File Photo

आज विश्व मासिक धर्म दिवस है, साल 2014 से 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में फैली मासिक धर्म सम्बन्धी गलत अवधारणा को दूर करना और महिलाओं और किशोरियों को महावारी प्रबंधन सम्बन्धी सही जानकारी देना है। दरअसल, मासिक धर्म कोई अपराध नहीं, बल्कि एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। जिस पर घर और समाज में खुलकर बात की जाए तो इस दौरान स्वच्छता के महत्व को भी समझा जा सकता है। स्वच्छता के महत्व को समझने के लिए जरूरी है पुरानी परंपरागत सोच को बदलना, जो महिलाओं को स्वस्थ तो रखेगी साथ ही आगे बढ़ने का विश्वास भी देगी।

जहां 50 प्रतिशत से ज्यादा किशोरियां मासिक धर्म के कारण स्कूल नहीं जाती थीं, इस मुद्दे पर बात करने में झिझकती थी या ये समझती थी कि मासिक धर्म कोई अपराध है। इसके विपरीत अब मौजूदा आंकड़े कुछ और ही बयां करते हैं। ये आकंड़े अब इस ओर इशारा करते हैं कि जिस चीज के प्रति अब लोगों की सोच काफी हद तक बदल रही है, आज की लड़कियां अब उन मुश्किल दिनों के बारे में अपनों के बीच में खुलकर बातें करनी लगी हैं, जो कि एक सकारात्मक संकेत है।

स्वच्छता के अभाव से होने वाली परेशानियां

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मासिक धर्म में स्वच्छता नहीं होने के कारण देश की महिलाओं की जान भी जा रही है। हम सर्वाइकल कैंसर में पहले नंबर पर हैं इसलिए मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है। मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता न रखने पर बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन होने की संभावना बनी रहती है। यह संक्रमण कभी-कभी यूट्रस तक भी पहुंच जाता है। स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी है। मासिक धर्म के समय सेनेटरी पैड्स का इस्तेमाल करें। इन्हें भी हर छह घंटे में बदलें। गीला रहने पर त्वचा में संक्रमण हो सकता है। इस्तेमाल किए गए पैड को सही तरीके से फेंकना भी बहुत जरूरी है, नहीं तो आसपास के वातावरण में भी बीमारियां फैल सकती हैं। प्रयोग किए गए पैड्स कागज में लपेटकर कूड़ेदान में डालें। इस दौरान अगर कोई समस्या है तो डॉक्टर की सलाह लेने में देर न करें।

28 तारीख को ही क्यों मनाया जाता है यह दिवस

28 मई को पूरी दुनिया में मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। 2014 में जर्मनी के वॉश यूनाइटेड नामक एक एनजीओ ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य है लड़कियों और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता रखने के लिए जागरूक करना। तारीख 28 इसलिए चुनी गई, क्योंकि आमतौर पर महिलाओं के मासिक धर्म 28 दिनों के भीतर आते हैं।

शिक्षा से पुरानी सोच को बदलने का प्रयास

पहले के जमाने में इस विषय पर कोई भी खुलकर बात नहीं करता था और न ही चाहता था कि इतना बेबाकी से इस विषय पर दूसरे उनसे खुलें। महिलाओं को अपने शरीर की एक प्राकृतिक क्रिया के बारे में समय से पहले बताया ही नहीं जाता था तो उनके मानसिक रूप से तैयार होने और स्वच्छता बनाए रखने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। उल्टा उस स्थिति में उनसे, यह मत करो, वह मत करो। मंदिर मत जाओ, अचार मत छुओ। एक जगह बैठो, ऐसा सब कहा जाता था। जो बहुत ही अजीब और बुरी लगती थी, लेकिन उन्हें झेलना पड़ता था। हालांकि आज फिर भी इन टैबू पर काफी हद तक लगाम लग चुकी है लेकिन आज भी गांव-देहात की महिलाएं मासिक धर्म को लेकर भ्रांति में जी रही हैं। उनमें न तो जागरूकता है और न ही उन्हें इससे होने वाली बीमारियों के बारे में पता है।

शिक्षा से ही दूर होगा अंधेरा

शिक्षा से ही समझ और जागरूकता आती है। इससे उन्हें अपने हक के बारे में पता चलेगा। लड़कियों को कम से कम यह तो पता लगे कि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, शर्मनाक नहीं। हम उन्हें डरा देते हैं और वे समझती हैं कि शायद उन्होंने ही कुछ गलत किया है। शिक्षा से ही अंधेरा दूर होगा। सूचना से ही जागरूकता आएगी।

मासिक धर्म कोई अपराध नहीं

टीवी, इंटरनेट पर आज हर तरह की सामग्री मौजूद है जिसने लोगों की सोच मासिक धर्म के बारे में बदली है लेकिन अभी भी काफी लोग इस बारे में खुलकर बातें नहीं कर पाते हैं। लोगों को समझना होगा कि मासिक धर्म कोई अपराध नहीं है बल्कि प्रकृति की ओर से दिया गया महिलाओं को एक तोहफा है।

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TAGS: World Menstrual Day, Education, awareness of health, also necessary
OUTLOOK 28 May, 2019
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