Advertisement
22 June 2015

निखर रही है खादी

गूगल

 

बदलते फैशन के अनुरूप खादी को लोगों और उद्योग में प्रासंगिक बनाने के लिए प्रयोग किये जा रहे हैं। इसके लिए कई संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। नए-नए डिजाइनरों को जोड़ा जा रहा है। खादी के कपड़े पर हाथ का काम करा कर इसे समकालीन लुक और डिजाइनर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। कोशिश की जा रही हैं कि खादी का रूप-रंग बदल जाए।

 

Advertisement

कई फैशन डिजाइनरों का कहना है कि खादी को भी खूब फैशनेबल और डिजाइनर बनाया जा सकता है। इस कपड़े के साथ रंगों का प्रयोग कर आकर्षक डिजाइन बनाए जा सकते हैं। हाल ही में खादी में भी आकर्षक डिजाइनों के साथ अलग-अलग  रंगों में पारंपरिक परिधानों में तेजी आई है और यह लोगों को आकर्षित भी कर रही है।

 

फायकुन डिजाइन स्टुडियो के संस्थापक और डिजाइनर आस्था वशिष्ठ कहती हैं, ‘ खादी का अपना एक स्थान बनाना, स्थापित करना और अधिक महंगा बाजार बनाना कठिन नहीं है। हालांकि जब किफायती बाजार का सवाल आता है तब कहानी थोड़ी अलग हो जाती है।’

 

वशिष्ठ ने खादी के एक रूप को नए सिरे से तलाशने का काम किया है। उन्होंने लद्दाख घाटी से जुड़ी ऊन से बनी खादी को खोज कर उसे लोगों तक पहुंचाने का काम किया है। वह अपने कारोबार के तहत खादी को गहरे नीले से लेकर सफेद रंग तक के तरोताजा रंगों में खुदरा बाजार में उतार रही है।

 

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी के पूर्व छात्रा एवं कॉटन रैक के संस्थापक विनायक शर्मा ने कहा कि वह खादी के ऐसे परिधान तैयार करना चाहते हैं जो आकर्षक होने के साथ बहुराष्ट्रीय ब्रांडों में मौजूद हों। बुनकरों के लिए काम करने वाली दिल्ली स्थित संस्था दस्तकार की संस्थापक लैला तैयबजी ने कहा,  मेरे विचार में खादी में सभी खूबियां हैं क्योंकि वैश्विक उपभोक्ता पारिस्थितिकी अनुकूल विषय को लेकर काफी सजग है जो कम लागत, रख रखाव में कम खर्च और प्राकृतिक तत्वों से हाथ से बने होने के साथ कम कार्बन तत्वों से युक्त होने से जुड़े हों।

 

नये रंग रूप में खादी व्यापक वर्ग तक पहुंच बना रही है जिनमें पारंपरिक कुर्तों से लेकर अनोखो रंगों के संयोजन से युक्त परिधान शामिल हैं। फैशन उद्योग में जाने माने नाम रितु कुमार, सब्यसाची मुखर्जी,  गौरंग शाह ने खादी के परिधानों के व्यापक रूपों को पेश किया है जिसमें शादी से जुड़े कलेक्शन से लेकर पारंपरिक साड़ियों और जरी के काम वाले कपड़े भी शामिल हैं।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: khadi, latest fashion, latest treand, खादी, नया चलन, नई शैली
OUTLOOK 22 June, 2015
Advertisement