पीड़ितों की शिकायत, कोरोना हेल्पलाइन नंबर किसी काम का नहीं; सहायता मिलने में मुश्किल
देश में कोरोना वायरस का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। नागरिकों की सहायता को लेकर राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से हेल्पलाइन नंबर जारी किए जा चुके हैंं। लेकिन, लोगों के मुताबिक जब सहायता के लिए कॉल किया जाता है तो या तो ये नंबर व्यस्त होतेे हैं या पहुंच से बाहर। दिल्ली के रहने वाले अंकुर तिवारी ने कहा कि उन्हें थोड़ी बुखार, गले में खराश और सांस लेने में परेशानी हो रही थी। पैरासिटामोल लेने के बाद भी राहत नहीं मिली। जिसके बाद उन्होंने सरकार के हेल्प लाइन नं. पर कॉल कर सहायता लेने की कोशिश की,लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगीी। उन्होंने बताया कि नंबर या तो व्यस्त बताए जा रहे थे या बिल्कुल भी कनेक्ट नहीं हो रहा था। एक कॉल पर आधे घंटे तक इंतजार किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
‘हेल्पलाइन नं. किसी काम का नहीं’
इसी तरह की शिकायत 46वर्षीय एक शिक्षक की है। उन्होंने बताया कि दो हेल्पलाइन नंबर 011-22307145 (दिल्ली सरकार) और 011-23978046 (केंद्र सरकार) पर कॉल करने की कोशिश की थी। लेकिन दोनों में से कोई नंबर नहीं लगा। अंतत: उन्हें स्थानीय डॉक्टर से संपर्क करना पड़ा। जिसके बाद डॉक्टर ने आश्वासन दिया है कि उन्हें मौसमी फ्लू है। अंकुर तिवारी और शिक्षक के अलावा भी कई अन्य लोगों की ये शिकायत है कि राज्य और केंद्र की तरफ से जारी सहायता नंबर नहीं लगते हैंं। मालूम हो कि पिछले महीने के मध्य में कोरोना वायरस के बढ़ रहे मामले को देखते हुए केंद्र और राज्यों ने टोल-फ्री नंबर सहायता व जानकारी देने हेतु जारी किया था।
लगातार बढ़ रहे हैं मामले
गुरुवार तक देशभर में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या 1,965 हो गई है जबकि 55 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। दिल्ली में निजामुद्दीन मरकज मामले के बाद कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हो गया है। दिल्ली में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 219 हो गई है। जिनमें 108 मामले निज़ामुद्दीन मरकज से जुड़े हैं। वहीं राजधानी में चार लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें से दो मरकज के हैं। इससे पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि निजामुद्दीन मरकज के स्थान से 2,361 लोगों को निकाला गया। जिसमें से 617 लोगों में COVID-19 के लक्षण दिखने के बाद अस्पतालों में भर्ती कराया गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अधिकारी उनके मूवमेंट की जांच करने के लिए लोगों के मोबाइल फोन ट्रैक कर रहे हैं।