सेहत के लिए खतरनाक 328 दवाओं को सरकार ने किया बैन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 328 दवाओं पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इनमें अधिकांश दर्द निवारक दवा बताई जाती हैं। इसमें कई ऐसी दवाएं हैं, जो डॉक्टर की पर्ची के बिना दुकान पर आसानी से मिल जाती हैं लेकिन अब मिलना मुश्किल हो जाएगा। ये फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाएं हैं।
ड्रग टेक्नोलॉजी एडवाइजरी बोर्ड (डीएटीबी) ने मंत्रालय को इनके प्रतिबंध की सिफारिश की थी। डीएटीबी ने यह सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल दिए गए आदेश पर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल 328 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) वाली दवाओं का फिर से परीक्षण कराने को कहा था। इससे पहले इन दवाओं पर लगाई गई रोक को दिल्ली हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया था।
दो साल पहले भी लगाई थी रोक
केन्द्र सरकार ने कोकाटे समिति की सिफारिश पर 10 मार्च 2016 को 349 एफडीसी दवाओं पर रोक लगा दी थी जिसके खिलाफ प्रभावित निर्माता हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि मामले का गहराई से विश्लेषण करने के लिए इसे डीटीएबी या फिर डीटीएबी द्वारा गठित उप-समिति को भेजा जाना चाहिए ताकि इन मामलों में नये सिरे से गौर किया जा सके। अब डीएबीटी की सिफारिश पर सरकार ने इन दवाइयों को बैन करने की अधिसूचना जारी कर दी है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि इसके लिए कोर्ट के दरवाजे खटखटाए जा सकते हैं। डीएटीबी ने यह भी कहा है कि ये दवाएं मरीजों के लिए खतरनाक हो सकती हैं।
बिक्री पर हो सकती है एफआईआर
इन 328 दवाओं पर प्रतिबंध लगाने के बाद मेडिकल स्टोर पर इनकी बिक्री गैरकानूनी होगी। अगर किसी मेडिकल स्टोर पर यह दवाएं बिक्री होती पाई गईं तो फिर दवा निरीक्षक अपनी तरफ से उस मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा सकता है।