विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जानें क्यों है मेंटल डिसऑर्डर आपके लिए खतरनाक
बदलता माहौल, काम का बोझ और सोशल मीडिया की वजह से मानिसक स्तर पर असर तो पड़ ही रहा है साथ ही अस्थमा, डायबटीज, सीओपीडी, अर्थराइटिस, स्किन डिजीज, कैंसर और ट्यूमर जैसी बीमारियां भी हमें मानसिक रोगी बना रही हैैं। देशभर में यह आंकड़ा 50 फीसद तक है।
इंडियन जर्नल ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रति एक हजार में 65.4 लोग लगातार मेंटल डिसऑर्डर के शिकार हो रहे हैैं। शहर के मुकाबले यह बीमारी देहात में ज्यादा पांव पसार रही हैं। उनमें भी महिलाएं अधिक शिकार बन रहीं है। जबकि 15.95 फीसदी अवसाद के शिकार लोग समय पर इलाज न मिलने के कारण खतरनाक कदम तक उठा लेते हैैं।
अभी भी झाड़ फूंक का सहारा
विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत जैसे मध्यम आय वर्ग वाले देश में नब्बे फीसदी मानसिक रोगियों बीमारी का पता (डायग्नोसिस) ही नहीं चल पाता। इतना ही नहीं, यह लोग इलाज के लिए अब भी झाड़ फूंक या पारंपरिक इलाज का सहारा लेते हैैं। इसके पीछे बड़ा कारण विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी भी है।
22 फीसदी लोग जीवन काल में होते मेंटल डिसऑर्डर के शिकार
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि भारत में कुल आबादी के पांच फीसद लोग मेंटल डिसऑर्डरसे से ग्रस्त हैैं। देश में 22 फीसदी लोग पूरे जीवन काल में कभी न कभी मानसिक या व्यवहारिक डिसऑर्डर के शिकार जरूर होते हैैं।
सुविधाओं का अभाव
देश में कुल लगभग 3500 मानसिक रोग विशेषज्ञ
प्रति 10 हजार लोगों पर केवल 0.4 डॉक्टर
प्रति 10 हजार लोगों पर .04 साइकेटिस्ट नर्स
प्रति 10 हजार पर .02 साइकोलॉजिस्ट
प्रति 10 हजार पर .02 सोशल वर्कर
प्रति 10 हजार लोगों पर सामान्य अस्पताल में मानसिक रोगियों के लिए .05 बेड
देश में मानसकि रोगियों के लिए कुल बेड .25 प्रति दस हजार
देश मानसकि रोगियों के लिए कुल 43 अस्पताल और 20 हजार बेड
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
हमेशा दुखी, तनाव ग्रस्त, खालीपन, निराश महसूस करना
अपराध बोध से ग्रसित होना और स्वयं को नाकाबिल समझना
आत्महत्या का विचार आना, लगातार चिड़चिड़ापन
स्फूर्ति में कमी और थकान महसूस करना
सेक्स के प्रति अनिच्छा, भूख कम या अधिक लगना
किसी से बात करने का मन न होना और अकले रहने की इच्छा
एकाग्रता और याददाश्त में कमी, निर्णय लेने में परेशानी
अकारण सिर दर्द, पाचन में कमी और शरीर में दर्द
मानसिक बीमारियों का प्रतिशत
अवसाद- 15.95
स्क्रिोजोफ्रिनिया - 0.42
पैनिक डिसआर्डर- 7.56
फोबिया- 5.88
आवसेसिव कंपलसिव डिसआर्ड- 5.88
एडजस्टमेंट डिसआर्डर- 2.52
अनिद्रा- 13.02
हमेशा बीमार महसूस करना- 1.26
हिस्टीरिया- 0.41