खून की सिर्फ एक बूंद बता देगी, कैंसर है या नहीं
दरअसल कई साल पहलेवैज्ञानिकों ने एक प्रकार की हीट शॉक प्रोटीन्स (एचएसपी) की पहचान की थी जिसका नाम एचएसपी 90ए है। ये मानव शरीर में मौजूद रहता है और इसे कैंसर बायोमार्कर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। शोधकर्ता लुओ योंगझांग और उनकी टीम ने एक कृत्रिम प्रोटीन एचएसपी 90ए बनाया जिसके द्वारा प्रोटीनों का पुनर्गठन करके शरीर में संरचनात्मक स्थिरता लायी जा सकती है। सरकारी सीजीटीएन टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, इसका मतलब यह है कि वे किसी भी मात्रा में प्रोटीन का निर्माण कर सकते है और वो भी, वे जब चाहे तब ऐसा कर सकते हैं।
इस जांच किट का क्लिनिकल परीक्षण किया गया जिसमें चीन के आठ अस्पतालों के 2,347 मरीज शामिल थे। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यह प्रोटीन फेफड़ों के कैंसर के लिए उपयोगी ट्यूमर बायोमार्कर हो सकता है या नहीं, इसे पता करने के लिए दुनिया में यह इस प्रकार का पहला परीक्षण था और यह सफल भी रहा। एचएसपी 90ए प्रोटीन की खोज के 24 सालों के बाद इस किट को अब चीनी और यूरोपीय बाजार में उपलब्ध कराए जाने के लिए प्रमाणित कर दिया गया है।
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें असामान्य तरीके से कोशिकाओं की वृद्धि होती है और जो बहुत तेजी से शरीर के अन्य भागों में फैलकर पूरे शरीर को अपनी चपेट में ले लेता है। हरेक साल लगभग 1.41 करोड़ नए मामले सामने आने के साथ ही वर्ष 2015 में, पूरे विश्व में करीब 9.05 करोड़ लोग कैंसर से जूझ रहे थे। दुनिया भर में सालाना करीब 88 लाख लोगों की मौत कैसर की वजह से होती है जो विश्व के कुल मृत्यु दर का 15.7 प्रतिशत है। (एजेंसी)