चिकनगुनिया से दिल्ली में हाहाकार, एम्स में 885 लोगों के रक्त के नमूने पॉजीटिव
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई अस्पतालों में चिकनगुनिया के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। सफदरजंग अस्पताल में इस मौसम में मलेरिया से एक और डेंगू से तीन लोगों की जान जा चुकी है। इन मामलों में और वृद्धि की संभावना है क्योंकि वेक्टर जनित बीमारियों का अमूमन सितंबर में तेजी से प्रसार होता है। एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के ललित दार ने बताया, पिछले दो माह (जुलाई-अगस्त) में एम्स की प्रयोगशालाओं में अब तक 885 लोगों के चिकनगुनिया के जांच पॉजिटीव पाए गए। मामले बढ़ रहे हैं और अधिक से अधिक लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। देश भर में इस वेक्टर जनित रोग के प्रसार के साथ करीब दस वर्ष के अंतराल के बाद दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य इलाकों में चिकनगुनिया के मामलों में अचानक वृद्धि हुई है।
इसके अलावा शहर डेंगू से भी जंग लड़ रहा है, जिसके कारण अब तक दिल्ली में नौ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि इस मौसम में मलेरिया से अब तक दो लोगों की जान जा चुकी है। सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ए के राय ने कहा, इस वर्ष छह सितंबर तक हमारे अस्पताल में चिकनगुनिया के 480 और डेंगू के 316 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इस महीने ऐसे मामलों में और वृद्धि होने की संभावना है। हालांकि नगर निगमों के तीन सितंबर के आंकड़ों के अनुसार शहर में अब तक चिकनगुनिया के महज 560 मामलों की पुष्टि हुई है। सभी नगर निगमों के वेक्टर जनित बीमारियों के आंकड़ों को संकलित करने वाले दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने इस मौसम में अब तक 770 लोगों में डेंगू की पुष्टि की है।
चिकनगुनिया एक प्रकार का वायरल है, जिसके लक्षण कमोबेश डेंगू की तरह ही होते हैं। इसमें बहुत तेज बुखार के साथ, जोड़ों, मांसपेसियों और सिर में असहनीय दर्द होता है और कई बार जोड़ों में सूजन भी देखने को मिलता है। इसमें मरीजों के शरीर पर लाल चकत्ता भी देखने को मिलता है। हालांकि यह डेंगू की तरह जानलेवा नहीं है, जिसमें प्लेटलेट में तेजी से गिरावट के कारण रक्तस्राव होता है। इसी बीच हृदय रोग विशेषज्ञ और आईएमए के अध्यक्ष के के अग्रवाल ने चिकनगुनिया के वायरस को लेकर आगाह किया है, जिससे सीएचआईकेवी से जुड़ा इंसेफेलाइटिस हो सकता है।