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25 June 2016

पता चल गया अच्छे-बुरे स्वभाव का राज

ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ एक्जीटियर की साशा डेल तथा उनके अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों ने विभिन्न प्रजातियों के सामाजिक आचरण का अध्ययन करने के लिए गणित के आधार पर एक मॉडल विकसित किया है। यह मॉडल बनाने का उद्देश्य सामाजिकता के विकास के बारे में जानकारी को व्यापक करना है।

अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि जीव विज्ञानी लंबे समय से इस गुत्थी को सुलझाने का प्रयास करते रहे हैं कि क्यों कुछ प्राणी अपनी जान की कीमत पर अत्यंत उदार आचरण करते हैं। उदाहरण के तौर पर श्रमिक मक्खियां महारानी मक्खी के कल्याण के लिए अपनी जान क्यों दे देती हैं।

वैज्ञानिक अब तक हालांकि अनुवांशिक बहुरूपता (जेनेटिक पॉलिमॉर्फिज्म) की भूमिका के बारे में नहीं बता पाए थे। यह सवाल अब तक अनुत्तरित ही बना रहा कि कुछ लोगों का आचरण अनुवांशिक रूप से दूसरों की मदद करने वाला क्यों होता है और कुछ लोग दूसरों की उदारता का अपने लिए उपयोग क्यों करते हैं।

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अब उनका दावा है कि विरासत में मिलने वाली अनुवांशिक प्रवृत्तियां लोगों के स्वभाव पर असर डाल सकती हैं। ये प्रवृत्तियां सामाजिक संबंधों से लेकर उनके समुदाय के अन्य सदस्यों के साथ रिश्तों तथा अन्य बातों तक के बारे में सटीक पूर्वानुमान जाहिर करती हैं।

डेल के अनुसार, अब हम यह बता सकते हैं कि आप उस स्थिति में कैसे आते हैं जब आपके अंदर दूसरों के साथ अच्छा करने की अनुवांशिक आधारित प्रवृत्ति का स्तर समाप्त हो जाता है।

स्वीडन स्थित स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी के ओलोफ लीमर ने बताया कि हमने ऐसा मॉडल विकसित किया है जो आचरण संबंधी प्रभाव के साथ साथ एक सामान्य ढांचे के अंदर इस गुत्थी को सुलझाने में मददगार होगा। अध्ययन के नतीजे पीएलओएस कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुए हैं।

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TAGS: good-bad behaviors, scientist, अच्छा-बुरा व्यवहार, वैज्ञानिक
OUTLOOK 25 June, 2016
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