खाने में सिंथेटिक विटामिन तत्व मिलाने के खिलाफ स्वदेशी जागरण मंच, FSSAI पर उठाए सवाल
देश के लोगों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी (एफएसएसएआई) के कैंपेन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संगठन ने सवाल उठा दिए हैं। स्वदेशी जागरण मंच का कहना है कि प्राधिकरण खाद्य पदार्थों में पौष्टिक तत्व मिलाने के नाम पर जनता को गुमराह कर रहा है। स्वदेशी जागरण मंच ने इस प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की है। एफएसएसएआई ने हाल ही में फूड फोर्टिफिकेशन यानी पौष्टिक तत्व मिलाने को लेकर गजट जारी किया है। जागरण मंच का आरोप है कि एफएसएसएआई की पार्टनर लिस्ट में शामिल सभी एनजीओ को विदेश से चंदा मिलता है।
फूड चेन प्रभावित करने की कोशिश
स्वदेशी जागरण मंच ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए जनता के हितों और देश की अर्थव्यवस्था के साथ समझौता करने का आरोप लगाया। स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक अश्वनी महाजन ने बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने पौष्टिक तत्व मिलाने को लेकर हाल ही में नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें बताया गया है कि लोगों को कुपोषण से उबारने के लिए कई खाद्य वस्तुओं जैसे दूध, नमक, आटा और तेल में विटामिन ए, विटामिन डी, आयोडीन और आयरन मिलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एफएसएसएआई फूड फोर्टिफिकेशन के नाम पर देश की फूड चेन को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है।
सिंथेटिक विटामिन सेहत के लिए जहर
महाजन ने कहा मेडिकल शोध पत्रों के मुताबिक खाद्य पदार्थों में आयातित सिंथेटिक विटामिनों से जनता की सेहत को फायदा पहुंचने की बजाय नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने बताया कि सिंथेटिक विटामिन सेहत के लिए जहर है। महाजन का कहना है कि एफएसएसएआई के फूड फोर्टिफिकेशन पर सरकारी गजट लाकर पूरे देश की जनता को कुपोषित बना दिया है। देश का सुप्रीम कोर्ट और संसद मिलकर अभी तक कंपनियों की मिलावटखोरी पर लगाम नहीं कस पा रहे हैं और अब मिलावटी खाद्य पदार्थों में सूक्ष्म पोषक तत्व मिलाने की तैयारी हो रही है। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या पौष्टिक तत्व मिलाने से देश में भोजन की समस्या हल हो जाएगी।
सीबीआई जांच की मांग
महाजन ने फोर्टिफिकेशन की प्रक्रिया में शामिल कंपनियों और अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने बताया कि एफएसएसएआई की पार्टनर लिस्ट में शामिल सभी एनजीओ को विदेश से चंदा मिलता है और इनके प्रमोटरों का विटामिन कंपनियों में शेयर होल्डिंग है, जिनके खिलाफ जांच जरूरी है। महाजन का कहना है कि विटामिन कारटेल ने एफएसएसएआई के जरिए भारतीय बाजार में अपनी पैठ बना ली है। कारटेल को लेकर हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने गंभीर टिप्पणी करते हुए इस पर नकेल कसने को कहा था। वहीं थाइलैंड सरकार ने कारटेल के फूड फोर्टिफिकेशन के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। स्वदेशी जागरण मंच की मांग है एफएसएसएआई पारदर्शिता बरतते हुए अपनी पार्टनर लिस्ट में एम्स जैसे संस्थानों को भी शामिल करे।