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15 July 2016

मां और शिशु के लिए समर्पित है यह अस्पताल

आउटलुक

दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश इलाके में पारस ब्लिस के नाम से यह अस्पताल किसी महिला के गर्भधारण करने से लेकर उसकी डिलिवरी तक और उसके बाद नवजात शिशु की देखभाल के लिए पूरी तरह सपर्पित कर दिया है। खास बात यह है कि अत्याधुनिक उपकरणों से लैस यह अस्पताल मरीजों को पांच सितारा अस्पतालों के मुकाबले करीब-करीब आधे खर्च में बेहतरीन चिकित्सा मुहैया कराने का दावा करता है।

पारस हेल्थकेयर ग्रुप ने यह सेंटर स्पेशलाइज्ड केयर प्रोग्राम्स के लिए डिजाइन किया गया है जिसमें गर्भवती महिलाओं और नई माताओं की सहायता के लिए विशेष और फॉर्मूला आधारित प्रोग्राम्स हैं। इस पहले पारस स्प्रिंग मीडोज के नाम से जाना जाने वाला यह सेंटर मां और शिशु की देखभाल के अलावा जनरल सर्जरी, जोड़ प्रत्यारोपण, मनोरोग चिकित्सा, नॉन-इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी सहित जैसी टर्शियरी केयर हॉस्पिटल की सभी सुविधाएं देने के लिए मशहूर हो चुका है।

50 बिस्तरों वाला यह स्वास्थ्य सेवा केंद्र मां और शिशु की विशेष देखभाल करने वाली सेवाएं एवं सुविधाएं मुहैया कराएगा। इस केंद्र में प्रतिष्ठित गायनकोलॉजिस्ट, ऑब्सटेट्रिशियन, प्रत्येक क्षेत्र में सुपर-स्पेशलाइजेशन (मसलन फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट) और नवजात शिशु विशेषज्ञ की सेवाएं दी जाएंगी। मां और शिशु की देखभाल गर्भधारण काल से लेकर शिशु के जन्म के बाद तक की जाएगी।

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पारस हेल्थकेयर ग्रुप के प्रबंध निदेशक और सीईओ डॉ. धर्मिंदर नागर बताते हैं, ‘यह पेशकश सिर्फ पारस ब्लिस हॉस्पिटल्स की श्रृंखला का ही विस्तार नहीं है बल्कि जच्चा और बच्चा की विशेष देखभाल के लिए ग्रुप की समर्पण भावना को भी दर्शाती है। यह किफायती स्पेशलाइज्ड चिकित्सा सेवा मुहैया कराने के लिए भी समर्पित केंद्र है ताकि हर परिवार अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण क्षण का आनंददायी अनुभव प्राप्त कर सके। किसी समाज के संदर्भ में भी ऐसी सुविधाएं जरूरी भी हैं क्योंकि किसी स्वस्थ बच्चे के जन्म का अनुभव समाज में एक मजबूत और स्वस्थ भविष्य की स्थापना करता है।’

पारस ब्लिस हॉस्पिटल, नई दिल्ली की सेंटर प्रमुख डॉ. सीमा विग ने बताया कि बुटीक बर्थिंग हमें मातृत्व की आवश्यकताओं, चुनौतियों और जरूरतों को समझने के लिए विशेष रूप से तैयार करती है। हम समझते हैं कि इस सेंटर में मातृत्व सुख का मतलब सिर्फ एक बच्चे को जन्म देना ही नहीं है बल्कि एक ऐसे खुशनुमा सफर का अहसास कराना है जो उन्हे विशेष देखभाल सुविधाएं मुहैया कराते हुए हर कदम पर उनकी खुशी बढ़ा सके। इस सफर को विशेष बनाने का काम किसी गर्भवती महिला के अस्पताल पहुंचते ही काउंसिलिंग के साथ ही शुरू हो जाता है। लिहाजा एक ऐसा समर्पित अस्पताल का होना बहुत जरूरी है जो गर्भवती महिला और जन्म से पहले से लेकर जन्म के बाद तक शिशु की संपूर्ण जरूरतों को पूरा कर सके।

यह अस्पताल स्पेशलाइज्ड लेवल थ्री के नियोनैटल आईसीयू से भी लैस है। यहां गर्भस्थ शिश और जन्म के बाद शिशु की विशेष देखभाल के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त नियोनैटोलॉजिस्ट हैं। विशेष रूप से उन नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए इसे विकसित किया गया है जिन्हें चिकित्सा संबंधी समस्याएं हैं या जिन बच्चों का समय से पूर्व जन्म हो जाता है। इसके लिए यह विभाग समय-पूर्व जन्मे बच्चों, कम वजन वाले जन्मे बच्चों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त नवजातों को एडवांस केयर उपलब्ध कराने में सक्षम है।

पारस ब्लिस, नई दिल्ली में नियोनैटल विभाग प्रमुख डॉ. संजय टंडन के अनुसार, ‘हम देखते हैं कि गर्भधारण का ताल्लुक हर चरण की समस्याओं के खतरे से होता है। अक्सर ये समस्याएं समय-पूर्व बच्चे के जन्म के रूप में सामने आती हैं। नवजात शिशुओं पर जहां विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है वहीं समय-पूर्व जन्मे बच्चे के मामले में देखभाल का स्तर और बढ़ जाता है। हम अपनी तकनीक तथा एनआईसीयू के संसाधनों की बदौलत ऐसा करने में सक्षम हैं और हमारे डॉक्टर तथा नर्स भी विशेष दक्षता से लैस हैं।’

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TAGS: पारस ग्रुप, जच्चा-बच्चा, अस्पताल, पारस ब्लिस, मां और शिशु, चिकित्सा
OUTLOOK 15 July, 2016
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