सुंदरता और सेहत, एक सिक्के के दो पहलू
सुंदर दिखने के लिए क्या जरूरी है?
जरूरी नहीं कि सभी शारीरिक तौर पर सुंदर ही पैदा हुए हों। अपनी कोशिशें से भी सुंदर दिखा जा सकता है। मेरे अनुसार अच्छा स्वास्थ्य तथा सौंदर्य एक सिक्के के दो पहलू है। यदि आप आंतरिक रूप से सुंदर नहीं है तो आपका सौंदर्य चेहरे पर झलक ही नहीं सकता। सुंदर त्वचा, चमकीले बाल और छरहरे बदन के लिए अच्छी सेहत का होना जरूरी है।
इसके लिए आपके क्या सुझाव हैं?
मैंने समग्र स्वास्थ्य के लिए आर्युवेद के सिद्धांत को प्रोत्साहित किया है। योग को इस कार्यक्रम का अंग माना है। मेरी समग्र सौंदर्य देखभाल की विशिष्ट अवधारणा को विश्व भर में सराहा गया है। मेरा विचार है कि आज की आधुनिक जीवनशैली में स्वास्थ्य और सौंदर्य के संदर्भ में योग काफी सार्थक है।
इसके क्या-क्या लाभ है?
योग से मानसिक और शारीरिक दोनों लाभ मिलतो हैं। इससे न केवल सभी मांस पेशियों को फायदा होता है बल्कि शक्ति बढ़ती। आंतरिक अंग मजबूत होते हैं और उनमें निखार आता है। नाड़ी तंत्र को स्थिर रखने में मदद मिलती है। तनाव कम होता है। आप उम्र से पहले बूढ़े नहीं होते हैं।
योग त्वचा को कैसे फायदा पहुंचाता है?
येाग से रक्त संचार के प्रवाह में सुधार होता है जिससे त्वचा के स्तह तक पर्याप्त मात्रा में रक्त संचार होता है। यह रक्त संचार सुंदर त्वचा के लिए जरूरी होता है क्योंकि इससे त्वचा को आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं, जिससे त्वचा सुंदर निखरी दिखाई देती है। योग के माध्यम से शरीर के विषैले तत्व त्वचा के माध्यम से बाहर आते है और रक्त संचित त्वचा के मामले में योग सबसे ज्यादा लाभदायक सिद्ध होते है। इससे त्वचा में रंगत तथा स्फूर्ति आ जाती है।
त्वचा के अलावा सौंदर्य के और फायदे?
यह अवधारणा बालों पर भी लागू होती है। योग से सिर की खाल तथा बालों के कोश में रक्त संचार तथा ऑक्सीजन का व्यापक निरंतर प्रवाह होता है। इससे बालों के रक्त संचार को पौष्टिक तत्व पहुंचाने में काफी मदद मिलती है जिससे बालो की वृद्धि और सिर की खाल को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
क्या इससे छरहरा बदन पाया जा सकता है?
जहां तक बाहरी सौंदर्य का संबंध है वहां छरहरे बदन से व्यक्ति काफी युवा दिखाई देते हैं। यह लंबे समय तक यौवन बनाए रखने में सहायक होता है। योग से शरीर के हर टीशू को ऑक्सीजन मिलती है, जिसे शरीर में सौंदर्य और स्वास्थ्य प्राप्त होता है। यदि आप से ऐसी जीवनशैली गुजार रहे हैं जिसमें शारीरिक गतिविधी नगण्य है तो आप वास्तव में बुढ़ापे को निमंत्रण दे रहे हैं। योग आसनों से रीढ़ की हड्डी और जोड़ों को लचकदार एवं कोमल बनाने में मदद मिलती है। इससे शरीर सुदृढ़ और फुर्तीला बनता है। मांसपेशियां मजबूत होती हैं।